कर्तारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान की राजनीति को भारत द्वारा झटका

नई दिल्ली / चंडीगढ़ / इस्लामाबाद – पाकिस्तान में होनेवाले कर्तारपुर साहिब में भारत के सीखधर्मियों को यात्रा करने का अवसर देनेवाले कर्तारपुर कॉरिडोर के ‘नीव-निर्माण’ समारोह के लिए पाकिस्तान ने भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आमंत्रित किया है। उसके लिए भारत इस निर्माण कार्यक्रम के लिए दोनों मंत्रियों को पाकिस्तान में भेजा गया है। इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने समाधान व्यक्त किया है। इससे इस कार्यक्रम को द्विपक्षीय भेट एवं चर्चा का स्वरूप देने के लिए पाकिस्तान प्रयत्न करता दिखाई दे रहा है, पर भारत ने पाकिस्तान का यह प्रयास उधेड़ा है।

कर्तारपुर कॉरिडोर और २६/११ हमला एवं इस संदर्भ में भारत की मांग यह दोनों अलग विषय है। कर्तारपुर कॉरिडोर के बारे में पाकिस्तान ने लिया निर्णय फिलहाल संदेह नहीं लिया जा सकता, फिर भी पाकिस्तान के बारे में भारत की भूमिका नहीं बदलेगी, ऐसा विदेश राज्यमंत्री व्ही.के. सिंग ने स्पष्ट किया है। इससे पहले भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कर्तारपुर कॉरिडोर के बारे में पाकिस्तान ने दिए प्रस्ताव को भारत ने उत्तम प्रतिक्रिया दी थी, ऐसा कहकर इस कॉरिडोर का श्रेय छीनने का प्रयत्न किया था। तथा भारत इस कार्यक्रम के लिए अपने दो मंत्रियों को पाकिस्तान में भेज रहा है, ऐसा कहकर विदेश मंत्री कुरैशी ने इस पर भी समाधान व्यक्त किया है। इस कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान से आए हुए आमंत्रण भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इनकार किया है। पूर्व नियोजित कार्यक्रम की वजह से हमें इस जगह उपस्थित रहना संभव ना होने की बात स्वराज ने उन्हें बताई है।

इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय परिषद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के विदेशमंत्री की भेंट लेकर चर्चा करने का प्रयत्न किया था, पर भारत ने पाकिस्तान की मांग ठुकराई है। अब भी पाकिस्तान कर्तारपुर कॉरिडोर का उपयोग करके भारत से द्विपक्षीय चर्चा करने के लिए प्रयास कर रहा है। इस बारे में बोलते हुए विदेश राज्यमंत्री व्ही.के.सिंग ने कर्तारपुर कॉरिडोर एवं द्विपक्षीय संबंध एक दूसरों से जोड़ने की बात नहीं है, ऐसा सूचित किया है। सन २०१४ वर्ष से भारत सरकार ने पाकिस्तान से चर्चा करने के लिए हम उत्सुक होने की बात घोषित की थी। पर दोनों देशों में चर्चा के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है, पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारी अगर संपन्न करता है, तो दोनों देशों में चर्चा हो सकती है ऐसा सिंग स्पष्ट किया है।

दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंग ने पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण का स्पष्ट शब्दों में इनकार किया है। इसके लिए उन्होंने दो कारण देकर पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाई है। कर्तारपुर कॉरिडोर का स्वागत करते समय कैप्टन अमरिंदर सिंग ने हम इस कार्यक्रम को उपस्थित नहीं रह सकते, इसके बारे में खेद व्यक्त किया है। पर प्रत्येक दिन सीमा पर पाकिस्तान से भारतीय जवान शहीद किया जा रहा है और जख्मी हो रहा है। सीमा पर परिस्थिति सरल होने के बदले अधिक से अधिक बिगड़ती जा रही है। इस समय पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संघटना आयएसआय पंजाब राज्य में अपनी कार्रवाई कर रही है, इसकी तरफ अमरिंदर सिंग ने ध्यान केंद्रित किया है।

सन २०१७ वर्ष के मार्च महीने से अब तक आयएसआय के पंजाब में १९ षडयंत्र उजागर हुए हैं। जिसमें ८१ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें से ७९ शस्त्र शस्त्र बरामद हुए हैं, जिसकी तरफ ध्यान केंद्रित करते हुए, कैप्टन अमरिंदर सिंग ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों को भेजे पत्र में इन कारणों की वजह से हम इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रह सकते, ऐसा कहा है।

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