भारत सबसे अधिक ‘पीपीई किट्स’ का निर्माण करनेवाला दूसरा देश बना

नई दिल्ली – ‘पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट’ (पीपीई) किट्स का आयात करनेवाला भारत इस क्षेत्र में विश्‍व का दूसरे स्थान का उत्पादक देश बना है। देश में प्रतिदिन पांच लाख से अधिक पीपीई किट्स का निर्माण हो रहा है। साथ ही वेन्टिलेटर के निर्माण में भी काफी कम समय में भारत ने सालाना ३ लाख वेंटिलेटर्स का निर्माण करने की क्षमता हासिल की है। केंद्रीय खत एवं रसायन मंत्री डी.सदानंद गौड़ा ने यह जानकारी साझा की।

गुरूवार के दिन इन्वेस्ट इंडिया फार्मा ब्यूरो ऐण्ड डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स ने आयोजित किए वेबिनार में गौड़ा बोल रहे थे। शुरू में ‘पीपीई किट्स’ के आयातक देश के तौर पर भारत की पहचान थी। अब भारत ने ‘पीपीई किट्स’ के निर्माण में बड़ी छलांग लगाई है। आज अपने देश में प्रति दिन पांच लाख से अधिक ‘पीपीई किट्स’ का निर्माण हो रहा है। यह बात हमारे जैसे करोड़ों भारतीयों के लिए गर्व की बात है, ऐसा भी गौड़ा ने कहा।

साथ ही वेंटिलेटर का निर्माण करने की क्षमता भी भारत ने सालाना तीन लाख तक बढ़ाई है। यह उद्देश्‍य केंद्र सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के अलग अलग विभाग और संस्थाओं ने अच्छा समन्वय रखकर प्राप्त किया है, ऐसा केंद्रीय मंत्री डी.सदानंद गौड़ा ने कहा।

देश में कोरोना वायरस का फैलाव होने के बाद सरकार ने अन्य देशों से पीपीई किट्स आयात किए। लेकिन, मरीज़ों की बढ़ती संख्या के कारण पीपीई किट्स की कमी महसूस होने लगी थी। इसके बाद देश की ५२ निजी कंपनियों ने पीपीई किट्स का निर्माण शुरू किया। इसमें डीआरडीओ और ऑर्डिनन्स फैक्टरी बोर्ड़ ने युद्धस्तर पर काम शुरू करने के बाद यह उद्देश्‍य प्राप्त किया गया है।

इस दौरान गौड़ा ने स्वदेशी वैद्यकीय उपकरणों के निर्माण पर जोर देने की आवश्‍यकता बयान की। स्वास्थ्य सेवा कम दामों में उपलब्ध करने में इन उपकरणों की बड़ी भूमिका है। यह उपकरण जांच, उपचारों के लिए प्रगत शस्त्रक्रिया, स्वास्थ्य निदेशांक पर नज़र रखने के लिए अहम है, यह बात भी गौड़ा ने कही। फार्मास्युटिकल्स विभाग ने औषधियों का उत्पादन और वैद्यकीय उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में देश की क्षमता बढ़ाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, यह बात भी गौड़ा ने कही।

Leave a Reply

Your email address will not be published.