भारत बांगलादेश के साथ समस्याओं का निराकरण करेगा – विदेशमंत्री सुषमा स्वराज

ढाका: भारत बांगलादेश के साथ सभी समस्याओं का निराकरण करेगा, ऐसी गवाही भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी है। उसीके साथ म्यांमार से लाखों की संख्या में बांगलादेश में दाखिल हुए रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या पर भारत के विदेश मंत्री ने बांगलादेश का पक्ष उठाए रखा है। बांगलादेश अधिक समय रोहिंग्या शरणार्थियों को आश्रय नहीं दे सकता, ऐसा कहकर विदेश मंत्री स्वराजने म्यांमार रोहिंग्याओ का स्वीकार करे, ऐसा आवाहन किया है।

बांगलादेश दौरे के दूसरे एवं आखरी दिन में विदेश मंत्री स्वराज इन के शुभ हाथों से बांगलादेश के भारतीय आयुक्तालय के नए वास्तु का उद्घाटन हुआ है। उसी के साथ बांगलादेश में भारत निर्माण कर रहे लगभग १५ विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भारत के विदेश मंत्री के हाथ हुआ है। भारत बांगलादेश में लगभग ८७ लाख डॉलर्स इतने रकम की परियोजना निर्माण कर रहा है। जिनमें शिक्षण, आरोग्य, सूचना एवं तंत्रज्ञान, जल वितरण और समाज कल्याण क्षेत्र के परियोजनाओं का समावेश है। उस समय बोलते हुए विदेश मंत्री स्वराज ने बांगलादेश के बारे में भारत की भूमिका स्पष्ट की है।

भारत बांगलादेश, निराकरण, समस्या, बांगलादेश, सहयोग, भारतपड़ोसी देशों को प्राथमिकता, यह भारत की नीति होकर, उसमें भारत बांगलादेश को सर्वोच्च प्राधान्य दे रहा है, ऐसा बयान विदेश मंत्री ने उस समय दिया है। दोनों देशों में उत्तम सहयोग होने की बात कहकर इन संबंधों की आड़ आनेवाली समस्याओं का भारत और बांगलादेश मेत्रीपूर्ण सहयोग द्वारा निराकरण करेंगे, ऐसी गवाही विदेश मंत्री स्वराज ने दी है। दौरान, म्यांमार से बांगलादेश में दाखिल हुए लगभग ६ लाख रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में बोलते हुए भारत के विदेश मंत्री ने बांगलादेश का पक्ष उठाए रखा है।

रोहिंग्या शरणार्थियों को बांगलादेश अधिक समय तक सहन नहीं कर सकता। म्यांमार रोहिंग्या शरणार्थियों को स्वीकार है, ऐसा विदेश मंत्री स्वराज ने बांगलादेश के विदेश मंत्री ए.एच. मोहम्मद अली इनके साथ हुई चर्चा में कहा है। पिछले कई दिनों से बांगलादेश सरकार इस बारे में आग्रही भूमिका ले रही है और भारत अपनी भूमिका को समर्थन दें एवं यह समस्या सुलझाने के लिए सहयोग करें ऐसी मांग बांगलादेश से हो रही थी। भारत ने उसे प्रतिक्रिया देते हुए रोहिंग्या के प्रश्न पर बांगलादेश को सहायता करने के लिए शीघ्र गति से कदम उठाए थे।

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