भारत-बांग्लादेश के बिच ‘बंधन’ एक्सप्रेस शुरू

कोलकाता: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कोलकाता से लेकर बांग्लादेश के खुलना शहर के बिच ‘बंधन’ एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही बांग्लादेश में स्थित ‘भैरवी’ और ‘तिस्ता’ नदियों पर भारत के सहायता से निर्माण किए गए रेलवे पुल का भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विडियो कांफ्रेंस द्वारा उद्घाटन किया। भारत और बांग्लादेश के बिच संबंध इससे अधिक मजबूत होंगे, ऐसा भरोसा प्रधानमंत्री मोदी ने जताया है। विकास और संपर्क यह दोनों चीजें एकदूसरे के साथ जुडी हैं और दोनों देशों के बिच ऐतिहासिक संबंध दृढ करने के दृष्टिकोण से आज और एक कदम आगे बढाया गया है, ऐसा प्रधानमंत्री ने मोदी ने कहा है।

‘खुलना’ यह बांग्लादेश का तीसरे नंबर का औद्योगिक शहर है और कोलकाता से लेकर खुलना के दौरान हर गुरुवार को बंधन एक्सप्रेस दौड़ने वाली है। इसके पहले दोनों देशों के बिच ‘मैत्री एक्सप्रेस’ शुरू की गई थी। यह गाडी कोलकाता से ढाका दौड़ती है। सन २००८ में यह रेलगाड़ी शुरू होने से पहले यह रेल मार्ग ४३ सालों से बंद था। उसके बाद अब कोलकाता से खुलना के दौरान रेलगाड़ी शुरू की गई है। सन १९६५ में हुए भारत और पाकिस्तान युद्ध के पहले इस मार्ग पर ‘बारीसल एक्सप्रेस’ दौड़ती थी। यह ऐतिहासिक रेलमार्ग इसके द्वारा फिर से खोला गया है। कोलकाता से खुलना दौरान रेलमार्ग का अंतर १७७ किलोमीटर है और यह अंतर चार घंटे में पूरा हो जाएगा।

भारत-बांग्लादेश, विकास, खुलना शहर, रेलगाड़ी, सहकार्य, कोलकाता, पाकिस्तानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी विडियो कांफ्रेंस द्वारा ‘बंधन एक्सप्रेस’ को हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम में सहभागी हुए थे। सन १९६५ के पहले के (उस समय के पूर्व पाकिस्तान को भारत के साथ जोगने वाले) रेलमार्ग फिरसे शुरू हो जाएं, ऐसी इच्छा प्रधानमंत्री मोदी ने इस समय जताई है। इस दिशा में यह और एक कदम है, इस बात को प्रधानमंत्री मोदी ने अधोरेखित किया। ‘मैत्री’ और ‘बंधन’ यह इन एक्सप्रेस के नाम भारत और बांग्लादेश के एकदूसरे के साथ के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं। इस वजह से भारत और बांग्लादेश एकजुट होकर आगे जा रहे हैं, इसका खुद को बहुत आनंद हो रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया।

इसके साथ ‘कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस’ और ‘कोलकाता-खुलना’ के यात्रियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्री टर्मिनल का उद्घाटन भी इस समय पूरा हुआ। इस वजह से इन गाड़ियों से सफ़र करने वाले यात्रियों को सीमा शुल्क और अन्य कर भरना आसान हो जाएगा। साथ ही बांग्लादेश की राजधानी ढाका और मुख्य बंदरगाह चितगांव दौरान का संचार बढाने के लिए भारीवी और तिस्ता इन दो नदियों पर दो रेलवे पुल निर्माण किए गए हैं। भारत ने दिए हुए २ करोड़ डॉलर्स की सहायता से खड़े हुए रेलवे पुल की वजह से बांग्लादेश का रेल नेटवर्क अधिक व्यापक होगा, ऐसा भरोसा प्रधानमंत्री मोदी ने जताया है।

चीन जैसा महत्वाकांक्षी देश बांग्लादेश पर अपना प्रभाव बढाने के लिए प्रचंड निवेश कर रहा है। उसी समय भारत भी बांग्लादेश के साथ संबंध अधिक दृढ करने के लिए नियोजित कोशिश कर रहा है और उसे बांग्लादेश की सरकार की ओर से उत्तेजन मिल रहा है। इस पृष्ठभूमि पर दोनों देशों के बिच के इस सहकार्य को सामरिक महत्व प्राप्त हुआ है।

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