भारत-ऑस्ट्रेलिया में ‘डिफेन्स लॉजिस्टिक्स पॅक्ट’ होगा

नई दिल्ली,  (वृत्तसंस्था) – जून महीने के पहले हफ़्ते में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच द्विपक्षीय व्हर्च्युअल बैठक संपन्न होनेवाली है। इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘डिफेन्स लॉजिस्टिक्स पॅक्ट’ संपन्न होगा। इस पृष्ठभूमि पर, मंगलवार को भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और ऑस्ट्रेलिया की रक्षामंत्री ‘लिंडा  रेनोल्डस’ के बीच फोन पर चर्चा हुई। पिछले कुछ हफ़्तों से ऑस्ट्रेलिया ने चीन के विरोध में अपनायी आक्रमक भूमिका और भारत-चीन के बीच बढ़ रहा तनाव इनके कारण भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को सामरिक दृष्टि से बहुत बड़ा महत्त्व आया है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्रियों के बीच कोरोनावायरस का संकट और रक्षासहयोग पर चर्चा हुई। इस चर्चा का सारा विवरण ज़ाहिर नहीं हुआ है। लेकिन जून महीने में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच होनेवाली व्हर्च्युअल बैठक की पृष्ठभूमि पर यह चर्चा काफ़ी अहमियत रखती है। इस बैठक की पूर्वतैयारी उभय देशों के रक्षामंत्रियों के बीच की चर्चा द्वारा हुई होने की बात कही जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्कॉट मॉरिसन की व्हर्च्युअल बैठक में ‘डिफेन्स लॉजिस्टिक्स’ समझौते पर हस्ताक्षर किये जानेवाले हैं। इससे पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई बैठक में इस समझौते पर चर्चा संपन्न हुई थी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन जनवरी महीने में भारत आनेवाले थे। उस समय यह समझौता होनेवाला था। लेकिन उसी दौरान ऑस्ट्रेलिया के वनक्षेत्र में दावानल फ़ैल गये और इस कारण मॉरिसन का भारत दौरा रद हुआ। अब जून महीने में संपन्न होनेवाली व्हर्च्युअल बैठक में यह समझौता होगा।

गत कुछ हफ़्तों से ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव भारी मात्रा में बढ़ा है। चीन से दुनियाभर में फ़ैली कोरोनावायरस की महामारी की गहरी जाँच की जायें, इस माँग का ऑस्ट्रेलिया ने ज़ोरदार समर्थन किया था। ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र के संदर्भ में ऑस्ट्रेलिया ने अपनायी आक्रमक भूमिका चीन का ग़ुस्सा बढ़ानेवाली साबित हुई थी। इसको लेकर चीन ने ऑस्ट्रेलिया को गंभीर परिणामों की चेतावनी भी दी थी। ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच यह तनाव बढ़ रहा होते समय, दोनों देशों के बीच के व्यापारी संबंध ख़त्म होने के आसार दिखायी देने लगे हैं। ऐसी परिस्थिति में भारत के साथ व्यापारी सहयोग बढ़ाकर ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने चीन को एक और झटका दिया है। इसी कारण भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच के व्यापार तथा रक्षा विषयक सहयोग को बहुत बड़ा सामरिक महत्त्व आया दिखायी दे रहा है।

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