चीन के साथ बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर भारत और वियतनाम ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में बढ़ाएंगे सहयोग

नई दिल्ली/हनोई – चीन की वर्चस्ववादी उकसानेवाली हरकतों की वजह से निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर भारत और वियतनाम ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। मंगलवार के दिन इंडिया-वियतनाम जॉर्इंट कमिशन की 17वीं बैठक हुई। इस वर्च्युअल बैठक में भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने वियतनाम को इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव में शामिल होने के लिए न्यौता दिया। इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा क्षेत्र के सहयोग को गति देने के साथ ही परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष क्षेत्र, समुद्री विज्ञान और नई तकनीक से संबंधित साझेदारी मज़बूत करने पर सहमति हुई।

भारत और वियतनाम

बीते कुछ महीनों में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने अपनी विस्तारवादी नीति के तहत आक्रामक गतिविधियां शुरू की हैं। भारत की नियंत्रण रेखा पर स्थित गलवान वैली में हुआ संघर्ष और वियतनाम के जहाज़ को डुबोना एवं हवाई सीमा के करीब बॉम्बर विमानों की तैनाती करना चीन की उकसानेवाली हरकतों का हिस्सा समझा जाता है। इसी वजह से इन दोनों देशों ने चीन के खिलाफ़ मोर्चा तैयार करने के नज़रिए से एक होना अहम साबित होता है। मंगलवार के दिन दोनों देशों के बीच साउथ चायना सी क्षेत्र के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जारी चीन की हरकतों के मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा होने की बात कही जा रही है।

भारत और वियतनाम

इंडिया-वियतनाम जॉर्इंट कमिशन की बैठक में भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर और वियतनाम के विदेशमंत्री फाम बिन्ह मिन्ह की बैठक हुई। इस दौरान आर्थिक और रक्षा संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए सहमति हुई। साथ ही नागरी परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र में सहयोग के अधिक अवसर खोजने के मुद्दे पर भी सहमति हुई। इस दौरान राजनीतिक एवं समुद्री क्षेत्र के सहयेग के मुद्दे पर दो समझौते भी किए गए। संयुक्त राष्ट्रसंघ और आसियन के माध्यम से साझेदारी मज़बूत करने के मुद्दे पर भी इस दौरान बातचीत होने की जानकारी दोनों देशों के सूत्रों ने साझा की।

कुछ दिन पहले ही साउथ चायना सी क्षेत्र में वियतनाम दावा कर रहे पैरासेल द्विपों के करीब चीन ने युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। इस पर वियतनाम ने चीन हमारी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है, यह आरोप करके चीन इस क्षेत्र की स्थिति और बिगाड़ रहा है, ऐसी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। साथ ही भारत में नियुक्त वियतनाम के राजदूत फाम सान्ह चाउ ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ की बैठक में साउथ चायना सी क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव के मुद्दे को लेकर यह जानकारी साझा की थी। भारत ने वियतनाम के साथ समुद्री क्षेत्र में इंधन का खनन करने से संबंधित समझौता किया है और रक्षा सहयोग करने के लिए भी मंजूरी दी है।

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