भारत और अफगानिस्तान के बीच ‘एअर कॉरिडॉर’

काबूल, दि. २५ (वृत्तसंस्था) – भारत और अफगानिस्तान के बीच बसे हुए पाकिस्तान ने, दोनों देशों की बीच होनेवाला कारोबार रोकने की भूमिका अपनायी है| इस वजह से भारत और अफगानिस्तान में माल की यातायात करने के लिए ‘एअर कॉरिडॉर’ शुरू करने पर विचार किया जा रहा है| इस मामले में जल्द ही फ़ैसला किया जायेगा, ऐसे संकेत अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने दिये हैं|

‘एअर कॉरिडॉर’दो हफ्ते पहले राष्ट्राध्यक्ष गनी भारत यात्रा पर आये थे| उस वक्त उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ गहरी चर्चा की थी| इस पृष्ठभूमि पर, रविवार के दिन राष्ट्राध्यक्ष गनी ने एक संदेश सोशल मीडिया पर जारी किया| इसमें, भारत और अफगानिस्तान में हवाई मार्ग से व्यापारी यातायात शुरू करने के फ़ैसले का ज़िक्र राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने किया है| फिलहाल वर्ल्ड बैंक का प्रतिनिधिमंडल, उपाध्यक्ष केली पीटर की अगुआई में अफगानिस्तान की यात्रा पर है| इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए राष्ट्राध्यक्ष गनी ने, ‘एअर कॉरिडॉर’ के प्रस्ताव पर भारत से सकारात्मक प्रतिक्रिया आयी होने की बात कही|

पाकिस्तानी मीडिया में इस ख़बर के बहुत चर्चे शुरू हैं| पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले, अफगानिस्तान से भारत आनेवाले अफगानी व्यापारियों के ट्रक्स रोक दिये थे| उसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने आक्रामक रवैय्या लेकर पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी|

अगर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को, भारत के साथ होनेवाले कारोबार के लिए अपनी भूमि का इस्तेमाल करने की इजाज़त नहीं दी, तो मध्य एशियाई देशों तक पहुँचने के लिए पाकिस्तान जो अफगानिस्तान का ‘ट्रान्झिट रूट’ इस्तेमाल करता है, उसे बन्द कर दिया जायेगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने कहा था|

साथ ही, अफगानिस्तान को कारोबार के लिये पाकिस्तान पर निर्भर रहने की कोई ज़रूरत नहीं, हमारे देश के लिए और भी विकल्प खुले हैं, इन शब्दों में गनी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी|

इस धमकी के बाद पाकिस्तान के तेवर कुछ नर्म-से पड़ गये हैं और उन्होने अफगानी व्यापारियों को रोकना बंद कर दिया| लेकिन उसी समय, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच ‘ट्रान्झिट ट्रेड ऍग्रीमेंट’ (एपीटीटीए) द्विस्तरीय रहने की वजह से, अफ़गानिस्तान जाना चाहनेवाले भारतीय व्यापारियों को पाकिस्तान के मार्ग का इस्तेमाल करने नहीं दिया जायेगा, ऐसा स्पष्ट किया था|

सन १९५० में अफगानिस्तान और पाकिस्तान में ‘एपीटीटीए’ समझौता हुआ था| उसके तहत, पाकिस्तान से बगैर टैक्स के कोई भी माल आयात करने की इजाज़त अफगानिस्तान को दी गई थी| इस समझौते पर कई बार विचारविमर्श किया गया था|

इस समझौते में अब भारत को भी शामिल किया जाये, ऐसी राय कुछ समय पहले ज़ाहिर की गई थी| भारत ने भी इससे पहले, अफगानिस्तान के साथ कारोबार के लिये पाकिस्तान का मार्ग उपलब्ध करा देने की दरख़्वास्त पाकिस्तान से की थी| लेकिन पाकिस्तान ने इसपर कड़ा विरोध दर्शाया था| आज भी पाकिस्तान इसी भूमिका पर अड़ा हुआ है|

इस पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान को बाजू में रखकर भारत और अफगानिस्तान के बीच ‘एअर कॉरिडॉर’ शुरू हुआ, तो दोनो देशों के बीच कारोबार भारी मात्रा में बढ़ जायेगा| इससे अफगानिस्तान को सस्ते और दर्जायुक्त भारतीय उत्पाद तथा जीवनावश्यक चीज़ें मिल सकेगी|

वहीं, अफगानी व्यापारियों को भारत के प्रचंड बड़े मार्केट का लाभ मिल सकता है| अफगानिस्तान और पाकिस्तान की ‘चमन’ सीमारेखा पर उभय देशों में संघर्ष शुरू होने के बाद, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को घेरने का प्रयास शुरू किया था| लेकिन भारत ने विमान द्वारा माल की यातायात करके अफगानिस्तान को घेरे जाने से बचाया था, ऐसा दावा पाकिस्तान के न्यूज चैनलों ने किया था|

इसलिए इसके आगे, यदि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी मुल्कों में बाधा डालने की कोशिश की, तो उसके अंजाम पाकिस्तान को ही भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चेतावनी इस देश के कुछ प्रगल्भ पत्रकार और विशेषज्ञ दे रहे हैं|

इससे पहले भी आतंकवाद के मसले को लेकर आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की नाकाबंदी हुई है| चीन को छोड़कर अन्य कोई भी देश पाकिस्तान की सहायता करने के लिये तैयार नहीं दिख रहा है| ऐसे हालात में, नये दोस्त जोड़ने के बजाय पाकिस्तान अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से दुश्मनी मोल रहा है, यह बड़ी घातक बात होगी, ऐसी चेतावनी पाकिस्तानी विशेषज्ञ दे रहे हैं|

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