भारत के ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ के लिए स्वतंत्र ‘आर्टिलरी ब्रिगेड़’ स्थापित करने की तैयारी

नई दिल्ली – पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्र में युद्ध करने का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाली ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ के लिए स्वतंत्र ‘आर्टिलरी ब्रिगेड’ का निर्माण करने की तैयारी की जा रही है। लद्दाख की ‘एलएसी’ पर चीन के साथ निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर यह गतिविधियां अहम समझी जा रही हैं। भारत ने बीते वर्ष किए ‘हिमविजय’ युद्धाभ्यास के दौरान ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ कार्यरत होने का ऐलान किया था।

india-mountain-strike-corpsबीते कुछ वर्षों से चीन भारतीय सीमा पर उकसानेवाली हरकतें करने की लगातार कोशिश कर रहा है। चीन की इन हरकतों को प्रत्युत्तर देने के लिए भारत ने अपनी जंगी तैयारी बढ़ाने का निर्णय किया है और इसके लिए आक्रामक कदम उठाए जा रहे हैं। ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ का निर्माण करना उसी का हिस्सा है और चीन एवं पाकिस्तान जैसे दोनों शत्रुओं का मुकाबला करने के लिए इसकी तैयारी बढ़ाई जा रही है। फिलहाल ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ की एक ही ‘डिविजन’ कार्यरत है। इस ‘डि्विजन’ में एक ‘आर्टिलरी ब्रिगेड’ मौजूद है फिर भी ’माउंटन स्ट्राईक कोर’ की स्वतंत्र ‘आर्टिलरी ब्रिगेड़’ अभी बनाई नहीं गई है।

इसी कारण बीते कुछ दिनों से ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ के लिए स्वतंत्र ‘आर्टिलरी ब्रिगेड’ तैयार करने की गतिविधियां शुरू की गई हैं। इस ब्रिगेड में ‘अल्ट्रा लाईट होवित्ज़र्स’ समेत अन्य तोप तैनात रहेंगे, ऐसी जानकारी सूत्रों ने साझा की। पहाड़ी इलाके में शत्रु को प्रत्युत्तर देने के लिए ‘आर्टिलरी ब्रिगेड’ यानी प्रगत तोप का हमला करनेवाला दल सबसे अहम साबित होता है, यह जानकारी लष्करी अफसरों ने प्रदान की। इस वजह से ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ की स्वतंत्र ब्रिगेड गठित करने की प्रक्रिया गतिमान की जाएगी, यह भी कहा जा रहा है। फिलहाल ‘माउंटन स्ट्राईक कोर’ में ‘इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप्स’ तैयार करने की कोशिश भी जारी है।

इसी बीच, फ्रान्स की ‘सैफ्रॉन’ कंपनी ने लड़ाकू ‘रफायल’ विमानों के लिए प्रगत ‘हैमर’ मिसाइल का सफल परीक्षण होने की जानकारी प्रदान की है। यह मिसाइल ‘बंकर बस्टर’ के तौर पर पहचाना जाता है।

भारत ने ‘रफायल’ विमानों के लिए इससे पहले ‘मीटिऑर मिसाइल्स’ एवं इस्रायल से ‘स्पाईस बम’ खरीदे हैं। प्रगत ‘हैमर मिसाइल्स’ की वजह से लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी, ऐसा कहा जहा है। मिसाइल एवं ‘ग्लाईड बम’ ऐसे दोनों स्वरूप में लक्ष्य को निशाना करनेवाले ‘हैमर मिसाइल’ की प्रघत आवृत्ती का भार एक हज़ार किलो है। वर्ष २०२२ तक यह मिसाइल ‘रफायल’ पर तैनात होने के लिए पूरी तरह से सज्जित होगा, यह जानकारी फ्रेंच कंपनी ने प्रदान की है।

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