कोरोना के टीकाकरण के मुद्दे पर यूरोपिय देशों में बड़ा असंतोष – डेन्मार्क, नेदरलैण्ड और पोलैण्ड में प्रदर्शन

ब्रुसेल्स/लंदन – कोरोना वायरस के नए ‘स्ट्रेन’ यूरोप में कोहराम मचा रहे हैं और ऐसे में टीकाकरण के मुद्दे पर यूरोपिय देशों में असंतोष की लहर तीव्र होती दिख रही है। डेन्मार्क, नेदरलैण्ड और पोलैण्ड जैसे देशों में टीकाकरण मुहिम में हुई अनियमितता की वजह से प्रदर्शन और हिंसा शुरू जारी है और डेन्मार्क में प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया है। यूरोपिय महासंघ से बाहर निकले ब्रिटेन में टीकाकरण तेज़ गति से शुरू है और ऐसे में इस टीकाकरण की मुहिम पर आलोचना कर रहे सदस्य देशों में निर्माण हुई धांदली महासंघ की नाकामयाबी सामने लानेवाला मुद्दा साबित हुई है।

european-countries-corona-vaccineयूरोप में कोरोना की महामारी की तीसरी लहर उठी होने का इशारा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायजेशन’ (डब्ल्यूएचओ) समेत अन्य प्रमुख यंत्रणा एवं विशेषज्ञों ने दिया है। ‘यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज प्रिवेंशन ऐण्ड कंट्रोल’ (इसीडीसी) ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार यूरोपिय देशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या ३.२२ करोड़ और मृतकों की संख्या ७ लाख से अधिक हुई है। ब्रिटेन, फ्रान्स, इटली और स्पेन जैसे प्रमुख देशों में कोरोना संक्रमण की तीव्रता अधिक होने की बात स्पष्ट हुई है। इसी के साथ कोरोना संक्रमण की तीव्रता रोकने के लिए टीकाकरण की गति बढ़ाना और प्रतिबंध जारी रखना ही मुख्य प्रावधान साबित होंगे, ऐसी सलाह ‘डब्ल्यूएचओ’ और विशेषज्ञ दे रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर बीते महीने में यूरोपिय महासंघ ने शुरू की हुई टीकाकरण की मुहिम तेज़ी से चलाई जाएगी, ऐसी उम्मीद व्यक्त की जा रही थी। लेकिन, असल में इस मुहिम में बड़ी धांदली हुई है और महासंघ का नेतृत्व कर रहे नेता और अधिकारियों के अविचारी निर्णय ही इस धांदली के लिए ज़िम्मेदार होने की बात सामने आ रही है। यूरोपिय महासंघ ने फिलहाल ‘फायज़र-बायोन्टेक’ और ‘मॉडर्ना’ के दो टीकों को मंजूरी प्रदान की है और ‘ऐस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफर्ड’ के साथ भी ३० करोड़ टीका प्राप्त करने के लिए समझौता किया है। लेकिन, फिलहाल उपलब्ध टीके और इसका वितरण भी उचित तरीके से नहीं हो रहा है और टीकाकरण के लिए आवश्‍यक यंत्रणा खड़ी करने में यूरोपिय महासंघ नाकामयाब साबित हुआ है।

european-countries-corona-vaccineलाटविया जैसे २० लाख जनसंख्या के छोटे देश में अब तक मात्र २३ हज़ार लोगों को टीका लगाया गया है। डेन्मार्क जैसे ६० लाख जनसंख्या के प्रगत देश में मात्र २.२५ लाख नागरिकों को टीका लगाना संभव हो पाया है। स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों को भी टीका लगाने में देरी हो रही है और इस वजह से नागरिकों में असंतोष बढ़ने लगा है। कुछ दिन पहले क्रोधित प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन के खिलाफ नारेबाज़ी करके उनका पुतला भी फूंका।

पोलैण्ड जैसे तकरीबन ३.७५ करोड़ जनसंख्या के देश में स्वास्थ्य केंद्र के बाहर टीका लगवाने पहुँचे नागरिकों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। लेकिन, टीकाकरण के लिए हो रही देरी की वजह से नाराज़ नागरिकों ने राजधानी वॉर्सा में आक्रामक प्रदर्शन करना शुरू किया है। अब तक मात्र ११ लाख नागरिकों को टीका लगाया गया है। इस वजह से प्रदर्शनों का दायरा बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। नेदरलैण्ड की राजधानी ऐम्स्टरडैम के साथ प्रमुख शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं और पुलिस पर पथराव होने का वृत्त प्राप्त हुआ है। नेदरलैण्ड की जनसंख्या १.७५ करोड़ है। अब तक इनमें से मात्र २.१५ लाख नागरिकों को टीका लगाना संभव हो पाया है।

european-countries-corona-vaccineजर्मनी में ८.२५ करोड़ जनसंख्या में से मात्र ढ़ाई प्रतिशत जनसंख्या का टीकाकरण करने में कामयाबी प्राप्त हुई है। इटली की ६ करोड़ जनसंख्या में से सिर्फ १८ लाख नागरिकों को टीका प्राप्त हो सका है। इटली के प्रधानमंत्री गिसेप कॉन्ते ने टीका निर्माण करनेवाली कंपनियों के विरोध में कानूनी कार्रवाई करने का इशारा भी दिया है। महासंघ के बागी सदस्य देश हंगेरी ने टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए सीधे रशिया और चीन से वैक्सीन खरीदने का निर्णय किया है। हंगेरी की जनता कोरोना का शिकार हो रही है और ऐसे में महासंघ के अफसर कर रही देरी देखते रहना मुमकिन नहीं है, इन शब्दों में हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने अपने निर्णय का समर्थन किया है।

फ्रान्स, स्पेन, रोमानिया, बल्गेरिया, आयर्लंड़, इस्टोनिया जैसे देशों में भी टीकाकरण के मुद्दे पर तीव्र असंतोष है और यूरोपियन नेतृत्व में हुई फिज़ूल धांदली सामने आयी है। इससे पहले शरणार्थी, सीमा सुरक्षा, बजट एवं ब्रेक्ज़ीट के मुद्दे पर भी महासंघ में बने मतभेद और इससे प्राप्त हुई नाकामयाबी सामने आयी थी। इसी में अब कोरोना की महामारी और टीकाकरण के मुद्दे की बढ़ोतरी हुई है और यह बात महासंघ में बना अंदरुनि तनाव अधिक बढ़ाने का कारण साबित होगी, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

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