अलास्का के क्षेत्र में रशियन लड़ाकू विमानों की घुसपैठ में बढ़ोतरी – अमरिकी वायुसेना के अधिकारी का आरोप

alaska-russia-jetsअलास्का – अलास्का के क्षेत्र में रशियन हवाई दल की हरकतें बढ़ती चली जा रही हैं। पिछले साल ६० से अधिक बार रशियन विमानों ने इस क्षेत्र में उड़ाने भरी थी। रशियन हवाई दल की इन हरकतों को प्रत्युत्तर देने के लिए अलास्का में तैनात अमेरिकी वायु सेना पर तनाव बढ़ रहा है। इसके द्वारा रशिया अमेरिका का ‘टेस्ट’ ले रहा है। लेकिन अब तक हमने यहां के हालात उत्तम तरीके से हैंडल किए हैं, ऐसा अमेरिकी वायुसेना के लेफ्टनंट जनरल डेव्हिड क्रम ने कहा है।

युक्रेन की सीमा के पास रशिया की लष्करी तैनाती, राजनीतिक अधिकारियों को निष्कासित करना आदि मुद्दों पर अमरीका और रशिया के बीच भड़के हुए विवाद की पृष्ठभूमि पर, दोनों देशों के संबंध शीतयुद्ध के दौर की दुश्मनी तक आकर रुके हैं, ऐसा दावा किया जाता है। इस पृष्ठभूमि पर, अलास्का की हवाई सुरक्षा की जिम्मेदारी होनेवाली अमरिकी वायुसेना के लेफ्टनंट जनरल डेव्हिड क्रम ने किए ये बयान गौरतलब साबित हो रहे हैं। पिछले साल ६० से भी अधिक बार रशियन विमानों ने अलास्का के हवाई क्षेत्र के करीब से उड़ानें भरी थी। रशिया के विमान इस क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद, तुरंत ही अमरीका के लड़ाकू विमान रशियन विमानों का पीछा करने के लिए उड़ान भरते हैं। लेकिन उससे पहले ही रशियन विमान इस क्षेत्र से बाहर निकल जाते हैं।

इस प्रकार की कई घटनाएँ पिछले कुछ सालों से सामने आ रहीं हैं। लेफ्टनंट जनरल क्रम ने दावे किए हैं कि इन घटनाओं में हुई बढ़ोतरी, शीतयुद्ध के दौर में चल रही सोवियत रशिया की हवाई घुसपैठ जितनी है। इसके द्वारा रशिया अमरीका की तैयारी और निर्धार इनका परीक्षण कर रहा है, ऐसा लेफ्टनंट जनरल क्रम ने दर्ज किया है। मार्च महीने में अमरिकी एअरफोर्स की नॉर्दन कमांड के जनरल ग्लेन व्हॅनहर्क ने आरोप किया था कि रशिया आर्क्टिक में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए ये हरकतें कर रहा है।

रशिया जागतिक स्तर पर अपना दबदबा बढ़ाने की तैयारी में है और अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए रशिया उत्सुक है। इसी के लिए रशिया अलास्का के क्षेत्र में ये हरकतें कर रहा होने का आरोप जनरल व्हॅनहर्क ने किया। इसी बीच, बायडेन का प्रशासन सत्ता में आने के बाद रशिया की हरकतें अधिक ही तीव्र हुईं हैं, यह बात कुछ विश्लेषकों ने दर्ज की है। युक्रेन की सीमा से सटे अपने भूभाग में रशिया ने भारी मात्रा में लष्करी तैनाती करके जागतिक माहौल गर्म किया था। लेकिन कुछ समय बाद रशिया ने यहाँ की तैनाती हटा दी। इस तैनाती की अब आवश्यकता नहीं रही, ऐसा खुलासा रशिया ने किया था।

alaska-russia-jetsलेकिन रशिया की यह तैनाती बायडेन प्रशासन का ‘टेस्ट’ करने के लिए ही थी, ऐसा विश्लेषक बता रहे हैं। युक्रेन की सीमा के करीब की सेनावापसी के बाद रशिया ने ब्लैक सी में युद्धाभ्यास का आयोजन किया है। यह भी रशिया के आक्रामक दाँवपेंचों का भाग माना जाता है।

रशिया द्वारा अलास्का के क्षेत्र में यह चुनौती मिल रही है, ऐसे में यहाँ के अमरिकी एयरफोर्स पर तनाव बढ़ रहा है। इस स्थान पर अमरीका के ‘एफ-२२’ लड़ाकू विमान, ई-३ हवाई सुरक्षा यंत्रणा, केसी-१३५ ये हवा में ही इंधन भर सकनेवाले विमान तैनात हैं। फिलहाल रशिया से मिल रही चुनौती का हम सुचारु रूप में सामना कर सक रहे हैं, फिर भी हम पर तनाव बढ़ा है, इस बात की हल्की कबुली लेफ्टनंट जनरल डेव्हिड क्रम ने दी है। इस कारण आनेवाले समय में इस क्षेत्र में अधिक तैनाती करके अलास्का की सुरक्षा अधिक मज़बूत बनाने का फैसला अमरीका कर सकती है। लेकिन अमरीका द्वारा ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि तभी रशिया ने अमरीका को खरी-खरी सुनाई है। अमरीका युरो-आर्क्टिक क्षेत्र में अपना लष्करी वर्चस्व बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ कर रही है और नाटो को भी उसमें खींच रही है, ऐसा आरोप रशियन विदेश मंत्रालय ने किया है।

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