युरोप पहुँच रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए बाल्कन देशों को ‘शेन्गेन’ में शामिल करें – चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री की सलाह

europe-migrants-balkanb-shengen-2प्राग/ब्रुसेल्स – यूरोपिय देशों में प्रवेश कर रहे अवैध शरणार्थियों को रोकने के लिए बाल्कन देशों को ‘शेन्गेन एरिया’ में शामिल करें, ऐसी सलाह चेक रिपब्लिकन के प्रधानमंत्री ने दी है। मौजूदा स्थिति में ‘शेन्गेन’ की सुविधा शरणार्थियों को रोकने में नाकाम साबित होने का दावा भी प्रधानमंत्री एंड्रेज बैबिस ने किया। वर्ष २०१५ में यूरोप पहुँचे शरणार्थियों के संकट के पीछे भी ‘शेन्गेन’ की नाकामी ही ज़िम्मेदार थी, यह आरोप भी बैबिस ने लगाया।

वर्ष २०१५ में और इसके बाद जर्मनी ने खाड़ी एवं एशिया से पहुँच रहे शरणार्थियों के लिए ‘ओपन डोर पॉलिसी’ का ऐलान किया था। इसका लाभ उठाकर १० लाख से अधिक शरणार्थियों ने यूरोपिय महासंघ में घुसपैठ की थी। इसका विपरित परिणाम यूरोपियन संस्कृति एवं मुल्यों पर हुआ है और यूरोप की सुरक्षा के लिए भी खतरा बना है। इस संकट से यूरोप अभी संभला नहीं है, इस ओर अलग अलग देशों के नेता एवं विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। चेक के प्रधानमंत्री का यह बयान भी इसी का हिस्सा दिख रहा है।

अफ़गानिस्तान पर तालिबान ने कब्ज़ा किया है। इस पृष्ठभूमि पर अगले वर्ष तक लाखों अफ़गानी देश से भागकर अन्य देशों में शरणार्थियों के रूप में दाखिल होंगे, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय गुटों ने दिया है। यूरोप में भी हज़ारों अफ़गान शरणार्थी पहुँचने की संभावना है और कई सदस्य देशों इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ दिन पहले यूरोपिय महासंघ ने वर्ष २०१५ में पहुँचे शरणार्थियों के झुंड़ों की तरह फिर से नए झुंड़ों को शामिल करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं, यह इशारा ग्रीस के मायग्रेशन मिनिस्टर नोतिस मिताराची ने दिया था।

europe-migrants-balkanb-shengen-1ग्रीस और तुर्की जैसे देशों ने अपनी सरहदों पर ‘बॉर्डर वॉल’ का निर्माण करके शरणार्थियों के झुंड़ों को रोकने की दिशा में कदम उठाए हैं। पोलैण्ड और लिथुआनिया जैसे देशों ने भी सीमा पर तार की बाड़ लगाकर सेना को तैनात किया है। कुछ देशों ने अफ्रीकी देशों से समझौता करके शरणार्थियों की व्यवस्था उन देशों में करने की तैयारी शुरू की है। इस पृष्ठभूमि पर चेक के प्रधानमंत्री बैबिस ने शरणार्थियों को रोकने के लिए बाल्कन देशों को शामिल करने की सलाह देना ध्यान आकर्षित करता है।

बैबिस ने क्रोशिया, रोमानिया, बल्गेरिया और सर्बिया इन बाल्कन देशों का ‘शेन्गेन’ में समावेश करने की सलाह दी है। इन देशों को ‘शेन्गेन’ का हिस्सा बनाने पर शरणार्थियों से यूरोप की सरहद को सुरक्षित रखना अधिक आसान होगा, यह दावा बैबिस ने किया है। साथ ही ट्युनिशिया, मोरोक्को, अल्जेरिया, लीबिया जैसे देशों को शरणार्थियों के मुद्दे पर समझौते करने चाहिएं, यह सुझाव भी चेक प्रधानमंत्री ने रखा है।

किसी भी स्थिति में शरणार्थियों के झुड़ों की घुसपैठ से यूरोप को सुरक्षित रखना आवश्‍यक है, यह इशारा चेक प्रधानमंत्री एँड्रेज बैबिस ने दिया है। वर्ष २०१५ में जिन्होंने शरणार्थियों का स्वागत किया था, उनमें से कुछ देश अब शरणार्थियों को ठुकरा रहे हैं, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। वर्ष २०१५ में यूरोपिय महासंघ ने सदस्य देशों के लिए शरणार्थियों का कोटा तय किया था। इसे ठुकराने में हंगेरी के साथ पोलैण्ड और चेक रिपब्लिक ने पहल की थी।

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