भारत और रशिया के बीच महत्त्वपूर्ण समझौते होंगे

नयी दिल्ली, दि. १२ (वृत्तसंस्था) – रशिया के उपप्रधानमंत्री दिमित्री रोगोझिन मंगलवार को भारत दौरे पर आ रहे है| भारत और रशिया के बीच हर साल आयोजित की जानेवाली ‘इंटर-गर्व्हमेंटल कमिशन ऑन ट्रेड, इकॉनॉमिक, सायंटिफ़िक, टेक्नॉलॉजिकल अँड कल्चरल कोऑपरेशन’ (आयआरआयजीसी-टीईसी) परिषद में, रशियन उपप्रधानमंत्री रोगोझिन, भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के साथ चर्चा करेंगे| अगले महीने, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष भारत दौरे पर आनेवाले हैं| उनके इस दौरे में, दोनों देशों के बीच महत्त्वपूर्ण रक्षाविषयक समझौते होंगे| हालाँकि भारत का अमरीका के साथ रक्षाविषयक सहयोग बड़ी मात्रा में बढ़ रहा है, लेकिन भारत रशिया के साथ अपना सहयोग बरक़रार रखनेवाला है, ऐसे स्पष्ट संकेत भारत की ओर से दिये जा रहे हैं|

भारत और रशियाभारत ने कुछ हप्ते पहले अमरीका के साथ ‘लॉजिस्टिक’ समझौता किया था| इससे दोनों देशों को एकदूसरे के सैनिकी बेसों का इस्तेमाल करना आसान होनेवाला है| भारत और अमरीका के बीच इस तरह सहयोग विकसित हो रहा है, तभी कुछ सामरिक विश्‍लेषकों ने इसपर आशंका जताई थी| ‘अमरीका के साथ सामरिक सहयोग विकसित करते हुए, क्या भारत रशिया जैसे अपने पारंपरिक मित्र देश को ठेस पहुँचाने का ख़तरा उठा सकता है?’ ऐसा सवाल सामरिक विशेषज्ञों द्वारा पूछा जा रहा था| लेकिन रशिया के साथ सहयोग अनिवार्य है और भारत रशिया के साथ सहयोग बढ़ाने की अपनी नीति के साथ खिलवाड़ नहीं करेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं| पिछले कुछ दिनों से इस सिलसिले में लगातार खबरें आ रही हैं, जिनमें भारत और रशिया के बीच रक्षाविषयक सहयोग का प्रमुखता से उल्लेख किया जा रहा है|

अक्तूबर महिने में भारत में होनेवाली ‘ब्रिक्स’ परिषद में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन शामिल होनेवाले हैं| उनके इस भारत दौरे की पूर्वतैयारी की जा रही है| इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच के रक्षाविषयक सहयोग को सबसे ज़्यादा अहमियत दी जायेगी, ऐसा सामने आ रहा है| भारत और रशिया संयुक्त रूप से, पाचवीं श्रेणि के अतिप्रगत लड़ाकू प्लेन का (फ़िफ़्थ जनरेशन फ़ायटर एअरक्राफ़्ट-एफ़जीएफ़ए) निर्माण करनेवाले हैं| इस संदर्भ में दोनों देशों में एकमत हुआ होने की जानकारी रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने दी| ‘एफ़जीएफ़ए’ की टेक्नोलॉजी भारत को प्रदान करने के लिए और साथ ही, तक़रीबन १०० ‘एफ़जीएफ़ए’ विमानों की भारत को सप्लाई करने की तैयारी रशिया ने दिखाई है| इस वजह से दोनों देशों के बीच की यह अहम परियोजना तेज़ी से आगे बढ़ेगी, ऐसा दिखाई दे रहा है| फ़िलहाल केवल अमरीका की सेना में ‘एफ़जीएफ़ए’ हैं| चीन की वायुसेना में जल्द ही ‘एफ़जीएफ़ए’ दाखिल होंगे| इस वजह से भारत के उपर दबाव बढ़ रहा होकर, रशिया के साथ ‘एफ़जीएफ़ए’ की यह संयुक्त परियोजना भारत को राहत दिलानेवाली है, ऐसा कहा जा रहा है| इसी के साथ ‘कुमाव्ह’ हेलिकॉप्टर्स के संयुक्त निर्माण पर भी भारत और रशिया में सहमति हुई है| साथ ही, भारत-रशिया ’स्टेल्थ फ़्रिगेट’ समझौता भी अंतिम पड़ाव में है| यह समझौता पूरे चार अरब डॉलर्स का होनेवाला है।

missile-systemsभारत रशिया से हवाई सुरक्षा सिस्टम ‘एस-४००’ ख़रीदनेवाला है| साथ ही, ‘आयएल-७८’ इन भारी मालवाहक विमानों के ख़रीदारी भी करनेवाला है, ऐसा स्पष्ट हुआ है| इस सिलसिले में सभी समझौते, राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के भारत दौरे में संपन्न होंगे, ऐसा माना जा रहा है| इस वजह से भारत का रशिया के साथ सामरिक सहयोग और भी दृढ़ होगा| इस रक्षाविषयक ख़रीदारी से भारत ने अपने विदेशनीति में संतुलन बनाये रखा है, ऐसा सामने आ रहा है|

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