अर्थव्यवस्था की गिरावट और सेना के बढते दमनचक्र की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान में इम्रान खान की सरकार के विरोध में बढ रहा है असंतोष

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरइस्लामाबाद – पाकिस्तान के ‘खैबर-पख़तुनखवा’ प्रांत में सरकार ने ‘मार्शल लॉ’ लागू करने की जानकारी का खुलासा अदालत की एक सुनवाई के दौरान हुआ हैं| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान लगातार ‘नए पाकिस्तान’ की घोषणा कर रहे है, पर वास्तव में देश के सूत्र सेना ही चला रही हैं| इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने सत्ता पर लाए इम्रान खान की सरकार के विरोध में खड़े रहने वालों को रास्ते से हटाने के लिए पाकिस्तान की सेना धर दबोच ने से लेकर ‘मार्शल लॉ’ लागू करने तक की कार्रवाईयां करनी की बात इससे स्पष्ट हुई हैं|

पाकिस्तान में वर्तमान में बहुत बड़ी राजनैतिक उथल-पुथल जारी हैं| पाकिस्तानी संसद के सत्र शुरू होते हुए ही ‘पाकिस्तान पीपल्स पार्टी’ (पीपीपी) के बड़े नेता खुर्शीद शाह को गिरफ्तार किया गया हैं| इनकी गिरफ्तारी के बारे में उन्हें कोई भी कल्पना नहीं होने का पाकिस्तानी संसद के सभापति ने कहा हैं| इस गिरफ्तारी के विरोध में पीपीपी तथा मुस्लिम लीग इन विरोधी पक्ष के नेता एक हुए हैं| खुर्शीद शाह की गिरफ्तारी के पीछे अपने विरोधियों को रास्ते से हटाने की राजनीति होने का आरोप इन दोनों पक्षों से हो रहा हैं|

‘खैबर-पख़तुनखवा’ प्रांत के नेता मौलाना फजलुर रेहमान ने इम्रान खान की सरकार के विरोध में लॉंग मार्च निकालने की घोषणा की थीं| इस लॉंग मार्च के कारण इम्रान खान की सरकार बर्खास्त हो जाएगी, ऐसी भविष्यवाणी रेहमान ने प्रस्तुत की थीं| खुर्शीद शाह ने लॉंग मार्च में शामिल होने की तैयारी करते हुए गतिविधियां शुरू की थीं| इस कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया, ऐसी चर्चा हो रही है|

इस पृष्ठभूमि पर, ‘खैबर-पख़तुनखवा’ में ‘मार्शल लॉ’ लागू होने का खुलासा हुआ हैं| इसके पीछे पाकिस्तान की सेना होते हुए इम्रान खान की सरकार को बचाने के लिए ही सेना यह गतिविधियां करती दिखाई देती हैं| यह सारा मामला लोकतंत्र के विरोध में होते हुए इम्रान खान की सरकार तानाशाही की दिशा से यात्रा करने की टीका हो रही हैं|

गैर वर्तन के मामले में पाकिस्तान की यंत्रणा ने खुर्शीद शाह को नोटिस भेजी थीं| लेकिन उसे नजरअंदाज करने की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया हैं| इसका सरकार से कोई भी संबंध नहीं हैं, ऐसा खुलासा पाकिस्तान की सरकार से किया जा रहा हैं| इतना ही नहीं तो आने वाले समय में भी गैर वर्तन करने वाले विरोधी पक्ष के नेताओं पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, ऐसा सरकार से बताया जा रहा हैं|

‘खैबर,-पख़तुनखवा’ प्रांत में ‘मार्शल लॉ’ और खुर्शीद शाह की गिरफ्तारी का संबंध होते हुए आनेवाले समय में पाकिस्तान की सेना सरकार के विरोधीयों को को कुचलने के लिए कार्रवाई अधिक तीव्र करेगी, ऐसा संदेश दिया जा रहा हैं| इसका राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंध जोड़ते हुए इस कार्रवाई का समर्थन करने की तैयारी पाकिस्तान की सरकार ने की हैं| तो कश्मीर के प्रश्न पर भारत के विरोध में भूमिका लेने वाले पाकिस्तान की सरकार ने युद्ध जैसी परिस्थिति होने का दावा किया हैं| इस ओर उंगली दिखाते हुए विरोधी पक्ष नेता सरकार की कार्रवाई पर प्रश्न उपस्थित कर रहे हैं|

सरकार कश्मीर के प्रश्न पर उदासीन हैं और केवल भाषणों से कश्मीर का प्रश्न सुलझाया जाएगा, ऐसी समझ इम्रान खान की सरकार ने कर ली हैं| अन्यथा इस समय पाकिस्तान के सभी राजनैतिक पक्षों को एकता दिखाने के लिए इम्रान खान ने प्रयत्न किए होते| लेकिन वैसा नहीं करते हुए उन्होंने बदले की राजनीति शुरू रखी हैं| इस कारण न चाहते हुए भी पाकिस्तान के विरोधी पक्ष नेताओं ने कश्मीर के प्रश्न पर सरकार को सहयोग करना कठिन हो गया हैं, ऐसी कठोर आलोचना ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग’ के नेताओं से हो रही हैं|

वास्तव में पाकिस्तान के विरोधी पक्ष ने सरकार के विरोध में कुछ भी करने की आवश्यकता ही नहीं हैं| बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी और कश्मीर के साथ सभी मोर्चोंपर  मिली असफलता के कारण इम्रान खान के विरोध में जनता ही रास्ते पर आएगी’, ऐसा  मत निरीक्षक दर्ज कर रहे हैं| इम्रान खान को समर्थन देने वाले भी अभी धीरे-धीरे उनके विरोध में जाने लगे हैं| इस ओर ये निरीक्षक ध्यान आकर्षित करा रहे हैं| इस परिस्थिति की अनुभूति होने से ही सरकार के विरोध में आंदोलन खड़े ही ना रहे इसलिए पाकिस्तान की सेना काफी प्रयत्न कर रही हैं| लेकिन इस कारण इम्रान खान और उनकी सरकार अधिक ही अप्रिय बनती जा रही हैं|

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