शरणार्थियों की वजह से हंगेरी की स्थिरता को खतरा

संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘मायग्रेशन पैक्ट’ बाहर निकलने की हंगेरी की धमकी

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संयुक्त राष्ट्रसंघ/बुडापेस्ट – संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्तानांतरण के विषय के अनुबंध की वजह से संबंधित देशों को उनकी सीमाएं शरणार्थियों के लिए खुली करनी पड़ेंगी, ऐसी चिंता व्यक्त करके हंगेरी इस अनुबंध से बाहर निकलने की चेतावनी दे रहा है। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में स्तानांतरण के सन्दर्भ में बनाए जाने वाले मसौदे को मान्यता मिलने की घोषणा की गई है। इस पृष्ठभूमि पर हंगेरी ने इससे बाहर निकलने की चेतावनी देकर शरणार्थियों के बारे में नीति में कोई भी बदलाव नहीं होने वाला है, इसका पुनरुच्चार किया है।

पीछे डेढ़ सालों से संयुक्त राष्ट्रसंघ में ‘माइग्रेशन पैक्ट’ पर चर्चा शुरू थी। दुनिया भर के स्थानांतरण और शरणार्थियों के सन्दर्भ का अंतर्राष्ट्रीय मसौदा, ऐसे स्वरुप वाले इस अनुबंध को कई देशों ने मान्यता दी है। लेकिन पिछले वर्ष दिसम्बर महीने में अमरिका ने इस अनुबंध से बाहर निकलने की घोषणा की थी। इस अनुबंध के प्रावधान अमरिका के स्थानान्तरण और शरणार्थियों के सन्दर्भ की नीति से विसंगत हैं, ऐसा अमरिका ने दावा किया था।

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उसके बाद अब हंगेरी ने भी इस अनुबंध से बाहर निकलने की चेतावनी देकर अनुबंध के बारे में नाराजगी व्यक्त की है। हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने नियमित रूपसे यूरोप के शरणार्थियों के खिलाफ भूमिका ली है और उसके लिए सीधे सीमा पर बाड़ बनाने का निर्णय भी लिया था। ऑर्बन के निर्णय के बाद यूरोप के अनेक देशों ने उनका अनुकरण करके शरणार्थियों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका ली थी।

हंगेरी के विदेश मंत्री पीटर सिजार्तो ने भी इसका पुनरुच्चार करके हंगेरी इस अनुबंध से बाहर निकलने की घोषणा जल्द ही करेगा, ऐसे संकेत दिए हैं। दुनिया का कोई भी व्यक्ति उसे कौनसे देश में जाना है इसका निर्णय लेकर उस देश के कानून और नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता, इन शब्दों में सिजार्तो ने अनुबंध की आलोचना की है। इस अनुबंध की वजह से सहभागी देशों को उनकी सीमा शरणार्थियों के लिए जबरदस्ती से खोलना पड़ सकता है, ऐसा दावा भी सिजार्तो ने किया है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के शरणार्थियों की संख्या दो करोड़ के ऊपर गई है। इन शरणार्थियों का उचित व्यवस्थापन किया जा सके इस लिए सन २०१६ में ‘न्यूयॉर्क डिक्लरेशन’ नाम का राजनीतिक अनुबंध मंजूर किया गया था।

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