बुर्किना फासो में हो रहे खुनखराबे से मानवीय संकट – पांच लाख नागरिक विस्थापित होने का संयुक्त राष्ट्रसंघ का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबुर्किना फासो: पिछले कुछ वर्षों से लगातार हो रहे वांशिक संघर्ष, आतंकी हमलें और हिंसा की वजह से अफ्रीका केबुर्किना फासोपर मानवीय संकट का साया मंडरा रहा है, यह चिंता संयुक्त राष्ट्रसंघ ने व्यक्त की है| अपने रपट में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने बुर्किना फासो के करीबन पांच लाख नागरिक विस्थापित होने की जानकारी रखी है| यह रपट प्रसिद्ध हो रहा था तभी बुर्किना फासो में एक प्रार्थनास्थल पर हुए आतंकी हमले में १६ लोग मारे जाने की घटना सामने आयी है|

पश्चिमी अफ्रीका के साहेल क्षेत्र के तौर पर जाने जा रहे प्रदेश में छह देशों की सीमा से घिरा देश यह पहचानबुर्किना फासोकी है| दो करोड से भी अधिक आबादी होनेवाला यह देश एक समय पर फ्रान्स की वसाहत समझा जाता था| वर्ष १९६० में आजाद होने के बाद यह देश लगातार बगावत और सुखे के चक्र में फंसा है और अफ्रीका में सबसे अधिक अविकसित देशों में से एक के तौर पर जाना जा रहा है| सोना एवं अन्य खनिज और खेती पर निर्भर होनेवाले इस देश की अर्थव्यवस्था प्रमुखता से अंतरराष्ट्रीय सहायता पर काम कर रही है|

बुर्किना फासो में इस्रालमर्धी अधिकांश है और स्थानिय जात एवं कौम या वंश का भी बडा प्रभाव इस देश में देखा जा सकता है| स्थानिय लोगं में लगातार जमीन और अन्य मुद्दों पर संघर्ष हो रहा है और पिछले कुछ वर्षों में इसकी तीव्रता और भी बढी है| अफ्रीका में सक्रिय होनेवाली आतंकी संगठनों ने भी बुर्किना फासो में अपना प्रभाव बढाना शुरू किया है और इस कारण पिछले दो वर्षों से आतंकी हमलों की वारदातों में भी बढोतरी होने लगी है|

इन आतंकी हमलों के पीछे माली की आतंकी संगठन का विस्तार और सुरक्षा यंत्रणा की नाकामयाबी यह घटक कारण होने की बात समझी जाती है| पिछले वर्ष से आतंकी हमलों एवं इसके तहेत होनेवाले अंतर्गत संघर्ष की ४०० से अधिक घटना दर्ज हुई है और इसमें ५०० से अधिक लोग मारे गए है| इनमें लष्करी दलोंपर हो रहे हमलें, एवं धार्मिक प्रार्थनास्थल पर हो रहे आतंकी हमलों का भी समावेश है| इन हमलों की वजह से बुर्किना फासो के पुरे गावं स्थानांतरण कर रहे है, यह बात स्पष्ट हुई है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ के रपट के अनुसार बुर्किना फासो में कम से कम १६ हजार से भी अधिक लोगों ने देश छोडकर अन्य देशों में शरणार्थि बनकर पनाह ली है| वही, लाख ८६ हजार नागरिक देश में विस्थापित हुए है| पिछले तीन महीनों में इसमें तेजी से बढोतरी हो रही है, इस ओर संयुक्त राष्ट्रसंघ का ध्यान आकर्षित किया है| बुर्किना फासो के करीबन १३ प्रांतों को अंतर्गत संघर्ष और आतंकवाद का झटका लगा है और इसमें उत्तरी एवं मध्य हिस्सों का प्रमुखता से समावेश है|

अंतरराष्टीय सहायता की कमी और कमजोर सुरक्षा यंत्रणा की वजह से बुर्किना फासो की हिंसा नजदिकी दिनों में भी बंद होने की संभावना कम है और यह देश मानवीय संकट की दिशा में आगे बढ रहा है, यह इशारा भी दिया गया है|

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