आर्थिक अनिश्‍चितता एवं बढती खरीद की पृष्ठभूमि पर सोने के दामों में भारी उछाल होगा – अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था के विश्‍लेषक का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरन्यूयॉर्क/लंदन – आर्थिक स्तर पर बनी अनिश्‍चितता एवं जागतिक स्तर पर केंद्रीय बैंकों से शुरू सोने की खरीद की वजह से सोने के दाम इस वर्ष के आखिरी समय तक करीबन १,४०० डॉलर्स प्रति औंस (एक औंस – २८.३५ ग्राम) तक उछलेंगे, यह अंदाजा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने लगाया है| अमरिका की केंद्रीय बैंक की धारणा यह भी सोनें के दामों में बढोतरी होने के लिए एक अहम घटक साबित होगा और वर्तमान वर्ष के आखिरी छह महीनों में सोने के दामों में तेजी से उछाल दिखाई देगा, यह दावा ‘आईएनटीएल एफसीस्टोन ग्रुप’ के वरिष्ठ अधिकारी मार्टिन हक्सले इन्होंने किया है|

मंगलवार के दिन हुए व्यापार में सोने का दाम १,२८६ डॉलर्स प्रति औंस दर्ज हुआ| पिछले कुछ दिनों की गिरावट के बाद हुई यह सकारात्मक बढोतरी सोने के बाजार के लिए आशा का किरन साबित हो रही है| इस पृष्ठभूमि पर ‘आईएनटीएल एफसीस्टोन ग्रुप’ इस अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था में ‘प्रेशिअस मेटल्स’ विभाग के प्रमुख हक्सले इन्होंने सोने के दामों में बढोतरी होने का अंदाजा लगाया है| हक्सले इन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी दावा किया है की, ‘अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की संभाव्य मंदी, अमरिका की केंद्रीय बैंक की धारणा, अलग अलग केंद्रीय बैंकों से हो रही सोने की खरीद और अमरिका-चीन व्यापार युद्ध के साथ अन्य भूराजकीय मुद्दों से सोने के दामों पर प्रभाव बनेगा|’

अमरिका की केंद्रीय बैंक ने इस वर्ष में ब्याज दरों में किसी भी प्रकार की बढोतरी ना करने के संकेत दिए है| इस वजह से अमरिकी डॉलर की मांग और उसमें हो रहे निवेश में कमी आने की संभावना है| अमरिकी डॉलर का मोल इससे कम होगा और यकिनन इसका असर सोने के दामों पर होना संभव है| अबतक डॉलर का मोल एवं सोने के दाम हमेशा एक दुसरे के विरोध में रहे है और डॉलर का मोल कम हुआ तो सोने के दाम बढेंगे, इस ओर हक्सले इन्होंने ध्यान आकर्षित किया है|

चीन और रशिया जैसे देश पिछले कुछ वर्षों से डॉलर का निवेश कर रहे है और सोने की खरीद लगातार बढा रहे है| रशिया की केंद्रीय बैंक ने दी जानकारी के नुसार फरवरी महीने में ३१.१ टन सोने की खरीद करके रशिया ने अपने सोने का भंडार २,१४९.२५ टन तक बढाया है| चीन की केंद्रीय बैंक ने भी लगातार चार महीनों से सोने की खरीद करके सोने का भंडार १,८८५ टन तक बढाया है|

रशिया और चीन के साथ ही कजाकस्तान, पोलैंड, हंगेरी, फिलिपिन्स एवं भारत की केंद्रीय बैंक बडी तादाद में सोने की खरीद कर रही है| पिछले वर्ष दुनिया की प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने लगभग ६५० टन सोने की खरीद की थी| आनेवाले एक-दो वर्षों में यह मात्रा हजार टन तक भी पहुंच सकती है, यह दावा हक्सले इन्होंने किया| इस बढती सोने की खरीद की वजह से सोने की मांग बढ रही है और इसका सकारात्मक असर सोने के दामों पर होगा, इस ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया|

अमरिका-चीन व्यापार युद्ध, ब्रेक्जिट एवं अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का सफर मंदी की दिशा में शुरू है, यह भी एक घटक सोने के दामों में बढोतरी होने के लिए अहम साबित होगा, इसका एहसास ‘आईएनटीएल एफसीस्टोन ग्रुप’ के वरिष्ठ अधिकारी मार्टिन हक्सले?इन्होंने दिलाया है|

इसके पहले जनवरी महीने में ‘गोल्डमन सॅक्स’ इस प्रमुख वित्तसंस्था के वरिष्ठ अधिकारी जेफ करी इन्होंने इस वर्ष के आखिर तक सोने के दाम प्रति औंस १,४२५ डॉलर्स तक उछाल लेंगे और नया सर्वोच्चांक दर्ज हो सकता है, यह संभावना जताई थी|

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