ब्रिटन और चीन के बीच का‘हाँगकाँग घोषणापत्र’ निरर्थक होने चीन का दावा; ब्रिटन द्वारा तीव्र आलोचना

बीजिंग/लंडन, दि. १ : ‘हाँगकाँग ने अपनी मातृभूमि रहे चीन के पास आने की घटना को २० साल पूरे हुए हैं| अब २० साल पहले चीन-ब्रिटन के संयुक्त घोषणापत्र को किसी भी प्रकार का व्यावहारिक महत्त्व न रहा होकर, अब वह सिर्फ इतिहास में का एक पन्ना ही रह गया है| हाँगकाँग प्रशासन के ऊपर उसके परिपालन के बारे में किसी भी प्रकार की ज़िम्मेदारी नहीं| चीन के पास कब्ज़ा सौंपने के बाद ब्रिटन का हाँगकाँगपर किसी भी प्रकार का अधिकार नही रहा’, ऐसे शब्दों में चीन ने हाँगकाँग के मुद्दे पर  सभी प्रकार की जिम्मेदारी झटकने की कोशिश की| चीन की इस कोशिश को ब्रिटन ने करारा जबाब देते हुए, यह घोषणापत्र कानूनी समझौता है और उसके परिपालन पर ब्रिटन बारिक़ी से ध्यान दे रहा है, ऐसी चेतावनी दी है|

‘हाँगकाँग घोषणापत्र’१ जुलाई के दिन ब्रिटन ने हाँगकाँग का कब्जा चीन के पास सौंपने की घटना को २० साल पूरे हुए| इस पृष्ठभूमि पर चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने हाँगकाँग की तीन दिन की विशेष यात्रा की थी| इस यात्रा के दौरान हाँगकाँग की सुरक्षाव्यवस्था, सेना की तैनाती और मिसाईल लाँचर्स और टैंकों समेत किया गया संचलन ये बातें ध्यान खिंचनेवालीं साबित हुईं| जिनपिंग की हाँगकाँग यात्रा, चीन का इस क्षेत्र पर का प्रभुत्व और प्रभाव सुस्पष्ट रूप से दिखाया देनेवाली साबित होती है, ऐसा विशेषज्ज्ञों का दावा है|

‘हाँगकाँग घोषणापत्र’इस वक्त चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने, हाँगकाँग में स्वतंत्रता की माँग करनेवालों को, ‘ऐसी कोशिश ‘रेड लाईन’ साबित होगी’ ऐसी कड़ी चेतावनी दी| ‘हाँगकाँग पर रहनेवाली चीन की संप्रभुता और सुरक्षा ख़तरे में लाने की कोशिश करना, चीन समेत स्थानिक प्रशासन को चुनौती देना और चीन में खूनखराबा एवं कारनामें करने के लिए हाँगकाँग का इस्तेमाल करना, ऐसी बातें यानी रेड लाईन का उल्लंघन होगा| ऐसी बातों को चीन कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकता’, ऐसा जिनपिंग ने डटकर कहा| उसी समय, हाँगकाँग को फिलहाल पहले से अधिक मात्रा में लोकतांत्रिक हक और आज़ादी दी होने का दावा भी किया|

‘हाँगकाँग घोषणापत्र’राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के इस दावे के पृष्ठभूमि पर, चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने किया दावा खलबली मचानेवाला साबित हुआ है| विदेशविभाग के प्रवक्ता लु कांग ने प्रेस कॉन्फरन्स में, ब्रिटन-चीन घोषणापत्र यह महज़ इतिहास का पन्ना होने का बयान कर उसका उपहास करते समय ही, ब्रिटीश विदेशमंत्री बोरिस जॉन्सन के बयानों की आलोचना की| जॉन्सन ने हाँगकाँग के मुद्दे पर किया बयान गलत और रुखा था, ऐसा इल्ज़ाम लु कांग ने लगाया|

गुरुवार के दिन ब्रिटन के विदेशमंत्री जॉन्सन ने हाँगकाँग के मुद्दे पर स्वतंत्र निवेदन जारी किया था| उसमे उन्होनें, कानून का राज, क़ानूनव्यवस्था और मीडिया की स्वतंत्रता ये तीन बातें हाँगकाँग के उत्कर्ष के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होने का दावा किया था| उसी समय, २० साल पहले ब्रिटन ने चीन के साथ किये समझौते का उल्लेख करते हुए, हाँगकाँग के लिए ब्रिटन की वचनबद्धता बरकरार रखने का आश्‍वासन दिया था| इस पृष्ठभूमि पर चीन द्वारा, ब्रिटन के साथ किये समझौते का महज़ इतिहास के एक पन्ने के तौर पर उल्लेख किया जाना ग़ौरतलब है|

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