हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों के विरोध चीन लष्करी बल का प्रयोग ना करें – अमरिका की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/बीजिंग/हॉंगकॉंग: हॉंगकॉंग में शुरू प्रदर्शन खतम करने के लिए चीन लष्करी बल का प्रयोग करने की तैयारी में होने संबंधी हुआ वक्तव्य बडा चिंताजनक है, इन शब्दों में अमरिका ने नाराजगी व्यक्त की है| चीन के रक्षा विभाग के प्रवक्ता वु किआन ने बुधवारी इस संबंध में खुली चेतावनी दी थी| इसके बाद अमरिका के विदेश विभाग ने नाराजगी व्यक्त करके चीन हॉंगकॉंग संबंधी किए समझौते और कानून की याद रखे, यह इशारा दिया है|

‘हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों ने चीन के प्रतिनिधि दफ्तर पर किया हुआ हमला यानी चीन की हुकूमत को दी हुई चुनौती है और इसे खतम करने के लिए लष्करी बल का भी प्रयोग हो सकता है’, ऐसी कडी चेतावनी चीन के रक्षा विभाग के प्रवक्ता वु किआन इन्होंने दी थी| हॉंगकॉंग के हिंसक प्रदर्शन रोकने के लिए चीन का रक्षा दल ‘गैरिसन लॉ’ के ‘आर्टिकल १४’ के तहेत कदम उठा सकता है, यह इशारा रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने दिया था|

‘चीन सरकार ने किया वक्तव्य अमरिका ने काफी गंभीरता से लिया है और इसपर कडी चिंता व्यक्त कर रहे है| हॉंगकॉंग का कब्जा करते समय चीन ने ब्रिटेन के साथ किया हुआ समझौता और हॉंगकॉंग के बेसिक लॉ की चीन याद रखे और उसका पालन करें| यह समझौता और कानून ने हॉंगकॉंग को स्वायत्तता दी है’, इन शब्दों में अमरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने चीन की भूमिका पर स्पष्ट नाराजगी व्यक्त की|

अमरिका के विदेश विभाग ने किए इस वक्तव्य के बाद हॉंगकॉंग के प्रशासन ने सावधानी से प्रतिक्रिया दर्ज की है| इसमें, हॉंगकॉंग के अंतर्गत व्यवहार और कानून एवं सुव्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने की पूरी क्षमता स्थानिय प्रशासन रखता है, ऐसा स्पष्ट किया गया है| फिलहाल हॉंगकॉंग में शुरू प्रदर्शनों पर नियंत्रण पाने के लिए सेना को आमंत्रित करने का कोई प्रस्ताव सामने नही है, यह भी हॉंगकॉंग प्रशासन के प्रवक्ताने स्पष्ट किया है|

हॉंगकॉंग में चीन के सेना का अड्डा है और वहां पर युद्धपोत, लडाकू विमान, टैंक और हथियारी गाडियों समेत करीबन छह हजार सैनिक तैनात है| ब्रिटेन से हॉंगकॉंग का कब्जा लेते समय ‘गैरिसन लॉ’ को मंजूरी दी गई थी| इसके नुसार हॉंगकॉंग में स्थानिय प्रशासन को जरूरत पडने पर चीन के लष्करी अड्डे से सहायता की मांग करने का प्रावधान है| कानून और सुव्यवस्था रखना या बडी नैसर्गिक आपत्ति की स्थिति में यह मांग करने के लिए अनुमति दी गई है|

हॉंगकॉंग के ‘बेसिक लॉ’ के नुसार चीन के लष्करी अड्डे को हॉंगकॉंग के अंतर्गत कारोबार में हस्तक्षेप करने का अधिकार नही है| इस वजह से पिछले २२ वर्षों में चीन के लष्करी अड्डे ने हॉंगकॉंग में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही की है| लेकिन, अब प्रदर्शन रोकने के लिए चीन हॉंगकॉंग में अपनी सेना उतारने की संभावना पर चर्चा शुरू होने से इस घटना की ओर ध्यान आकर्षित हो रहा है|

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