राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के नेतृत्व में अफ़गानिस्तान में अमरीका की ऐतिहासिक हार दर्ज़ हुई – पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की तीखी आलोचना

वॉशिंग्टन – ‘राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के नेतृत्व में अमरीका की अफ़गानिस्तान में बड़ी हार होने की घटना इतिहास ने दर्ज़ की है’, ऐसे तीखे शब्दों में अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अपना गुस्सा व्यक्त किया। अमरीका के विरोधी दल के नेता, माध्यम और अलग अलग संस्था अफ़गानिस्तान की स्थिति पर गंभीर चिंता जताकर इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। लेकिन, चारों ओर से हो रही इस आलोचना पर जवाब देने के बजाय व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी छुट्टी पर गई हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन भी ‘कैम्प डेविड’ में छुट्टी मना रहे हैं। सोमवार की रात राष्ट्राध्यक्ष बायडेन अफ़गानिस्तान की स्थिति पर अमरिकी जनता को संबोधित करेंगे, यह वृत्त प्राप्त हुआ था।

बायडेन के नेतृत्व मेंअफ़गानिस्तान की स्थिति संभालने में पूरी तरह से असफल हुए बायडेन पर ट्रम्प ने कुछ दिन पहले ही हमला किया था। उनकी असफलता का दाखिला देकर ‘क्या आपको हमारी याद आ रही है’, यह सवाल ट्रम्प ने अमरिकी जनता से किया। रविवार और सोमवार के दिन अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में उभरी भयंकर स्थिति सामने आने के बाद ट्रम्प ने बिल्कुल चुनिंदा शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की असफलता रेखांकित की। यह अमरीका की इतिहास में सबसे खराब हार होने की तीखी आलोचना ट्रम्प ने की है। तभी, अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने यह आरोप लगाया कि, बायडेन की कमजोरी की वजह से ही यह सबकुछ अफ़गानिस्तान में हो रहा है।

ट्रम्प जैसा सख्त राष्ट्राध्यक्ष एवं हम विदेशमंत्री होते तो तालिबान ने अफ़गानिस्तान में इतना साहस किया ही नहीं होता क्योंकि, इसकी काफी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह अहसास तालिबान को होता। ईरान की कुदस्‌ फोर्सेस के प्रमुख कासेम सुलेमानी को जैसे सबक सिखाया था, वैसा ही सबक हमने तालिबान को सिखाया होता’, ऐसा बयान माईक पोम्पिओ ने किया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले ने सेना वापसी का निर्णय नही, बल्कि सेना की वापसी कैसी होती है, उस पर सबकुछ निर्भर था, ऐसी फटकार लगाई।

बायडेन के नेतृत्व मेंबायडेन प्रशासन अफ़गानिस्तान में अपने अधिकारी एवं कर्मचारियों को सुरक्षित रिहा करे, ऐसी याचना तालिबान से कर रहा है। अफ़गानिस्तान में अमरिकी सैनिकों ने बलिदान दिया, इसका अन्त इस तरह से होगा, यह उम्मीद किसी ने भी नहीं की थी’, इन शब्दों में निक्की हैले ने बायडेन प्रशासन पर प्रहार किया है। तभी अमरिकी सिनेटर माईक वॉल्ट्ज़ ने ‘तालिबान अफ़गानिस्तान को फिर से आतंकियों का आश्रय स्थान बनाएगा। तालिबान पुरस्कृत आतंकवाद अगले दिनों में अमरीका में आतंक मचाएगा’, ऐसी गंभीर चिंता व्यक्त की है।

सिर्फ विपक्षी नेता ही नहीं, बल्कि माध्यमों ने एवं कुछ संस्थाओं ने भी बायडेन ने अफ़गानिस्तान में दिखाई नकार्ता रवैये की कड़ी आलोचना की है। इस आलोचना पर जवाब देने के लिए व्हाईट हाऊस की प्रवक्ती जेन साकी उपलब्ध ही नहीं थी। वह एक हफ्ते के लिए छुट्टी पर होने की जानकारी सामने आयी है। इस वजह से वर्णित मामले में माध्यम और जनता के सवालों के हमले से बचने की कोशिश में बायडेन प्रशासन लगा होने की बात दिख रही है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन भी ‘कैम्प डेविड’ में छुट्टी मना रहे हैं। अफ़गानिस्तान में इतनी भयंकर स्थिति के दौरान उनकी यह छुट्टी आलोचना का विषय बनी है।

लेकिन, तालिबान की यकायक आक्रामकता से बायडेन प्रशासन चौंक गया है, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। तालिबान इतनी तेज़ी से राजधानी काबुल तक पहुँच सकती है, यह विचार भी बायडेन प्रशासन ने नहीं किया था। ऐसे दावे भी कुछ वृत्तसंस्थाओं ने किए। लेकिन, अमरीका जैसे देश को तालिबान की गतिविधियों की खबर भी ना हो, यह नामुमकिन है, ऐसा कहकर विश्‍वभर के निरीक्षक यह दावा ठुकरा रहे हैं। तालिबान के आगे बढ़ने की उम्मीद अमरीका को थी ही। बायडेन प्रशासन और तालिबान के बीच इस मुद्दे पर पहले ही ‘डील’ हुई होगी, ऐसी कड़ी संभावना यह अंतरराष्ट्रीय निरीक्षक व्यक्त कर रहे हैं।

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