अपहरण किए हुए भारतीय ‘इराकी’ जेल में बंदी होने की संभावना- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

नई दिल्ली, दि. १६: जून २०१४ में इराक के ३९ भारतीयों का ‘आईएस’ के आतंकवादियों ने अपहरण किया था। इन भारतीयों का अब तक पता न चलने की वजह से उनके रिश्तेदार तीन सालों से चिंतित थे। अब जानकारी सामने आई है कि यह भारतीय इराक में बदूश की जेल में कैद हैं। इराक के मोसुल शहर में सख्त कार्रवाई करके इराकी सेना ‘आईएस’ के आतंकवादियों को मात दे रही है। अब पश्चिम मोसुल में निर्णायक कार्रवाई शुरू है और इस इलाके से ‘आईएस’ के आतंकवादी पूरी तरह से पीछे हटने के बाद, अपहरण हुए भारतीयों की ठोस जानकारी मिलने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।

भारतीयों का ‘आईएस’ के आतंकवादियों ने अपहरण किया था

‘आईएस’ के आतंकवादियों ने अपहरण किए हुए ३९ भारतीयों की सुरक्षा को लेकर पिछले ४ सालों में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। जून २०१४ में ‘आईएस’ के आतंकवादियों ने इन ३९ भारतीयों का अपहरण करने के बाद, इनको छुड़ाने की भारत सरकार ने कोशिश की थी। लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। इस दौरान अपहरण हुए भारतीयों के रिश्तेदारों ने उनकी सुरक्षा और रिहाई के लिए कोशिश करने की भारत सरकार से कई बार विनती की थी। इन सभी रिश्तेदारों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से १० से १२ बार मुलाकात की थी। इस मुलाकात में केन्द्रीय स्तर पर अपहरण किए हुए सभी भारतीयों की रिहाई के लिए कोशिश करने और उनकी खोज करने का आश्वासन भी दिया गया था।

ऐसी स्थिति में आज फिर से ‘आईएस’ के कब्जे के भारतीयों के रिश्तेदारों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह और एम्. जे. अकबर से मुलाकात की। सुषमा स्वराज ने इराक में अपहरण किए गए भारतीयों के कुशल मंगल की जानकारी जल्द ही समझने की आशा व्यक्त की।

इराकी प्रधानमंत्री ने हाल ही में मोसुल शहर की निर्णायक कार्रवाई में ‘आईएस’ के आतंकवादियों की हार हो रही है और मोसुल शहर ‘आईएस’ के कब्जे से मुक्त हो रहा है, ऐसी घोषणा की थी।

इस घोषणा के बाद भारत ने विदेश मंत्री वी. के. सिंह को इराक दौरे पर भेजकर, अपहरण हुए भारतीयों की जानकारी हासिल करने को कहा था। वो शनिवार को इराक से वापस आए हैं और उनके दौरे के दौरान हासिल की हुई जानकारी अपहरण हुए भारतीयों के रिश्तेदारों को दी गई।
इस दौरान, इराक में अपहरण हुए भारतीयों का इराक में अस्पताल के निर्माण के लिए और खेत में मजदूरी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था और इन सभी को अब पश्चिमोत्तर मोसुल के बदूश जेल में रवाना किए जाने की संभावना होने कि जानकारी विदेश मंत्री ने दी है। मोसुल में शुरू ‘आईएस’ विरोधी कार्रवाई सफल हो रही है और ‘ईस्ट मोसुल’ को ‘आईएस’ के कब्जे से छुड़ाया गया है। अब ‘वेस्ट मोसुल’ से ‘आईएस’ का सफाया होने के बाद पिछले तीन सालों से अपहृत हुए भारतीयों की ठोस जानकारी मिलने की सम्भावना विदेश मंत्री ने स्पष्ट की है।

इराक के विदेश मंत्री इब्राहीम अल जाफरी २४ जुलाई को भारत दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरे पर आते समय इराकी विदेश मंत्री ‘आईएस’ ने अपहरण किए हुए ३९ भारतीयों की सुरक्षा के बारे में ठोस जानकारी लेकर आने की सम्भावना सुषमा स्वराज ने व्यक्त की है। इसके साथ ही अपहृत भारतीयों की रिहाई के लिए इराक के आसपास के सभी देशों के विदेश मंत्रियों से संपर्क करके, आवश्यक मदद लेने के लिए चर्चा करने की बात भी कही है। फिर भी अपहृत भारतीयों की ठोस परिस्थिति जानने के लिए बदूश में ‘आईएस’ विरोधी कार्रवाई सफल होने तक रुकना पड़ेगा, इस बात को भारतीय विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है।

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