इस्राइली लष्कर से हिजबुल्लाह सामर्थ्यशाली और युद्ध के लिए सज्ज – हिजबुल्लाह प्रमुख की घोषणा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

बैरूत – ‘खाड़ी देशों की तुलना में हिजबुल्लाह का लष्करी पथक मजबूत नहीं है। लेकिन इस्राइली लष्कर से हिजबुल्लाह का सैन्य निश्चित समर्थ्यशाली है। इसके पहले की तुलना में हिजबुल्लाह के सामर्थ्य में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है और हिजबुल्लाह का लष्कर किसी भी युद्ध के लिए सज्ज है’, ऐसी घोषणा हिजबुल्लाह के प्रमुख ‘हसन नसरल्ला’ ने की है। इस्राइल और हिजबुल्लाह के बीच ३४ दिनों के संघर्ष को १२ साल पूरे होने के अवसर पर नसरल्ला ने इस्राइल को चेतावनी दी है। लेकिन लेबेनॉन की राजनीति में प्रभाव बढे ईरान समर्थक हिजबुल्लाह इस आतंकवादी संगठन ने दी चेतावनी की तरफ गंभीरता से देखा जा रहा है।

सन २००६ में हिजबुल्लाह ने इस्राइली सैनिकों का अपहरण करके लेबेनॉन में ले जाने के बाद इस्राइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ संघर्ष पुकारा था। एक महीने से अधिक समय तक चले इस संघर्ष में इस्राइली लष्कर को पीछे हटना पड़ा था। नसरल्ला ने बैरूत में स्थित एक सुरक्षित बंकर से प्रसिद्ध किए विडियो में इस्राइल को इस संघर्ष की याद दिलाई है। ‘कोई भी हमें युद्ध की धमकी न दे और युद्ध डर न दिखाए। हम इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हिजबुल्लाह इस युद्ध के लिए तैयार है और हम ही जीत जायेंगे’, ऐसा नसरल्ला ने घोषित किया है।

उसीके साथ ही हिबुल्लाह के लष्कर इस्राइल से सामर्थ्यशाली होने का दावा करके हथियारों का भंडार, संख्याबल, कौशल और क्षमता इन सभी स्तरों पर हिजबुल्लाह इस्राइल की तुलना में अग्रणी है, ऐसा नसरल्ला ने कहा है। उसीके साथ ही इस्राइल के खिलाफ संघर्ष के लिए हिजबुल्लाह के पास खुद की जान की परवाह न करने जवान हैं, ऐसा भी नसरल्ला ने कहा है। इसके बाद नसरल्ला ने अमरिका ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों की भी आलोचना की है। ईरान पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाकर अमरिका ईरान में अराजकता फैलाने की, दंगल भडकाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा आरोप नसरल्ला ने लगाया है। लेकिन अमरिका की यह कोशिश सफल नहीं होने वाली हैं, ऐसा नसरल्ला ने कहा है।

‘सन १९७९ में हुई इस्लामी क्रांति से ईरान पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का निशाना बना है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इन प्रतिबंधों को अधिक कठोर किया है। लेकिन इसका कुछ भी परिणाम होने वाला नहीं है। इन प्रतिबंधों के बाद भी ईरान की राजवट इस्लामी क्रांति के ४० साल निश्चित मनाएगी’, ऐसा नसरल्ला ने कहा है।

पिछले कुछ हफ़्तों से ईरान की जनता ने खामेनी-रोहानी राजवट के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किए हैं। बर्बाद हो रही ईरान की अर्थव्यवस्था, ईरान की मुद्रा ‘रियाल’ की हो रही गिरावट और बंद हो गया विदेशी निवेश का स्त्रोत इसकी नाराजगी ईरानी जनता और व्यापारी वर्ग खामेनी-रोहानी पर निकाल रही है। इसमें अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों की वजह से ईरान की राजवट गिर जाएगी, ऐसा दावा पश्चिमी विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्ला ने अमरिका के प्रतिबन्ध ईरान का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते, ऐसा दावा किया है।

सीरिया के संघर्ष की वजह से हिजबुल्लाह की ताकत कम हुई है, ऐसा कहकर यूरोप के विश्लेषक नसरल्ला की धमकी को ज्यादा महत्व न दें, ऐसा कहा है। लेकिन सीरिया के संघर्ष की आड़ में ईरान ने हिजबुल्लाह को बाद पैमाने पर हथियारबंद करने का आरोप इस्राइल लगा रहा है। लेबेनॉन के दक्षिण में स्थित सीमा इलाके में ईरान ने मिसाइल निर्माण का कारखाना शुरू किया है। यह बात इसके पहले भी सामने आई थी। उसीके साथ ही लेबेनॉन के लष्करी अधिकारी भी खुलकर हिजबुल्लाह की भूमिका का समर्थन कर रहे हैं।

दौरान, पिछले कुछ दिनों से इस्राइल और लेबेनॉन की सीमारेखा पर तनाव बढ़ गया है। लेबेनीज सैनिक इस्राइल की सीमारेखा के पास खतरनाक तरीके से आगे बढे हैं, ऐसा आरोप करके इस्राइल ने इन सैनिकों पर कार्रवाई करने की बात सामने आई है। कुछ दिनों पहले इस्राइली लष्कर ने लेबेनॉन और सीरिया की सीमा के पास युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। इस पृष्ठभूमि पर हिजबुल्लाह प्रमुख ने यह धमकी दी है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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