‘हिजबुल’ प्रमुख सलाउद्दीन ने भारत को धमकाया

श्रीनगर,  (वृत्तसंस्था) – आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन संगठन का कमांडर रियाझ नायकू को भारतीय सुरक्षा दल ने ढ़ेर करने के बाद ‘हिजबुल’ का प्रमुख सय्यद सलाउद्दीन ने भारत को धमकाया है। पाकिस्तान ने कब्जा किए कश्‍मीर के मुज़फ़्फराबाद में नायकू के लिए शोकसभा का आयोजन किया गया था, उसी दौरान, कश्‍मीर के मुद्दे से पड़ी चिंगारी की वज़ह से इस पूरे क्षेत्र में संघर्ष का विस्फ़ोट होगा, यह धमकी सलाउद्दीन ने दी है।

भारतीय सुरक्षा दलों को रियाझ नायकू को ढ़ेर करने में प्राप्त हुई कामयाबी के झटके पाकिस्तान में महसूस हो रहें हैं। पाकिस्तान के माध्यमों में, नायकू ने कश्‍मीर के लिए बलिदान किया है, यह दावा किया जा रहा है और उसकी काफी सराहना की जा रही है। ऐसें में भारत के रक्षादलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने, ‘नायकू जैसें आतंकी यानी रैम्बो नहीं हैं। उन्हें फिज़ूल अहमियत न दें’ यह इन माध्यमों को सूचित किया है। तभी कश्‍मीर में स्थित अपना अहम कमांडर खोने पर हिजबुल मुजाहिदीन ने अब भारत को धमकाने की कोशिश की है। नायकू का बलिदान ज़ाया नहीं जायेगा, यह दावा हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सय्यद सलाउद्दीन ने किया है। पाकिस्तान ने कब्जा किए कश्‍मीर के मुज़फ़्फराबाद में, नायकू के लिए आयोजित की गई शोक सभा में सलाउद्दीन बोल रहा था। कश्‍मीर की वजह से भड़की संघर्ष की चिंगारी की वजह से इस क्षेत्र में संघर्ष का विस्फ़ोट होगा, यह दावा सलाउद्दीन ने किया है।

भारतीय सुरक्षा दलों ने कश्‍मीर में शुरू की हुई कार्रवाई की वजह से आतंकी संगठनों का मनोबल टूट चुका है और आनेवाले दिनों में आतंकी संगठनों को कमांडर मिलने की कोई गुंजाईश नहीं रही है। नए आतंकियों की भर्ती भी काफी मात्रा में कम हुई है। ऐसी स्थिति में, सुरक्षा दलों ने ढ़ेर किये हुए नायकू जैसे आतंकी की प्रतिमा ऊँची दिखाने की कोशिश करने के लिए सलाउद्दीन और अन्य आतंकी संगठनों के प्रमुख मजबूर हो रहें हैं। लेकिन वास्तव में इन आतंकी संगठनों के पास अब पहले जैसी ताकत नहीं बची है। यह बात समय समय पर स्पष्ट हो चुकी है। सय्यद सलाउद्दीन और पाकिस्तान की ओर से, अपनी आतंकी गतिविधियों को पहले जैसी सहायता ना प्राप्त होने पर रियाझ नायकू ने नाराज़गी व्यक्त की थी। इसी वजह से सय्यद सलाउद्दीन के साथ उसके मतभेद भी तीव्र हुए थे।

ऐसें में पाकिस्तान का कुख्यात गुप्तचर संगठन आयएसआय और पाकिस्तान की सेना को, आंतर्राष्ट्रीय दबाव और एफएटीएफ की कार्रवाई के ड़र से, ज़ाहिर तौर पर आतंकी संगठनों की सहायता करना मुमकिन नहीं हो रहा है, यह भी अब सामने आ चुका था। इसी वजह से पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठन अधिक कमजोर हुए हैं। ऐसें में ही, भारतीय सुरक्षा दल ने शुरू की हुई आक्रामक कार्रवाई का असर दिखाई देने लगा है और इस वर्ष में जम्मू-कश्‍मीर में अबतक ६४ आतंकी ढ़ेर हुए हैं और २५ आतंकियों को ज़िंदा पकड़ने में सुरक्षा दलों को कामयाबी हासिल हुई है। ऐसी स्थिति में, हिजबुल के प्रमुख ने दी हुई धमकी का भारत पर ख़ास असर होने की थोड़ी सी भी संभावना नहीं हैं।

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