जर्मनी में ‘हिजबुल्लाह’ पर पाबंदी लगें – ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ की संसद में मांग

Third World Warबर्लिन: इस्रायल पर आतंकी हमलें कर रहे हिजबुल्लाह पर पाबंदी लगाने की आक्रामक मांग जर्मनी में ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ (एएफडी) इस पार्टी ने रखी है| एएफडी ने जर्मन संसद में इस संबंधी एक विधेयक पेश किया है और इस विधेयक पर बातचीत और वोटिंग होगी, यह जानकारी सूत्रों ने दी| ‘हिजबुल्ला’ यह आतंकी संगठन है और अमरिका, ब्रिटेन और इस्रायल जैसे देशोंने भी इस संगठन पर पाबंदी लगाई है, इन शब्दों में एएफडी की नेता बीट्रिस फॉन स्टॉर्क ने अपनी मांग का समर्थन किया|

लेबनान में सत्ता में रहनेवाली हिजबुल्लाह यह ईरान समर्थक संगठन है| इस संगठन के जरिए ईरान की हुकूमत इस्रायल समेत खाडी क्षेत्र के? अन्य देशों के अलावा दुनिया के कई हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रही है, ऐसे आरोप होते रहते है| ईरान और हिजबुल्लाह ने यह आरोप ठुकराए है, फिर भी इस्रायल और यूरोप में हुए कई आतंकी हमलों में हिजबुल्लाह का हथ होने की बात पहले भी स्पष्ट हुई है| इसी पृष्ठभूमि पर अमरिका, इस्रायल, ब्रिटेन जैसे देशों ने हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन घोषित करके इस संगठन पर पाबंदी लगाई है|

जर्मनी, हिजबुल्लाह, पाबंदी लगें, अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी, संसद, मांगलेकिन, यूरोपिय महासंघ और जर्मनी ने हिजबुल्लाह के विरोध में कार्रवाई करते समय इस संगठन की ‘मिलिटरी विंग’ और ‘पॉलिटिकल विंग’ अलग दिखाकर सिर्फ ‘मिलिटरी विंग’ पर पाबंदी घोषित की है| अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी ने हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन करार देकर इस संगठन का उद्देश्य इस्रायल का विनाश, यही होने का दावा किया| जर्मन सरकार के निमयों के नुसार हिजबुल्लाह जैसी आतंकी संगठन का ‘पॉलिटिकल विंग’ या आतंकी ऐसा भेद करना फिजूल बात है, इन शब्दों में एएफडी ने जर्मन सरकार ने पहले किए निर्णय पर आलोचना की|

जर्मनी में पिछले कुछ वर्षों से शरणार्थियों के झुंड बडी संख्या में घुसपैठ करते दिखाई दिए है| इनमें अधिकांश शरणार्थि परधर्मिय होने से सामाजिक और धार्मिक रचना में बदलाव होने की नाराजगी स्थानिय जनता व्यक्त कर रही है| साथ ही जर्मनी और अगल अगल यूरोपिय देशों में ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ और इससे जुडी संगठन बडी मात्रा में सक्रिय हुई है| उनका उद्देश्य चरमपंथीयों की ‘खिलाफत’ स्थापित करना यही होने का दावा हो रहा है|

जर्मनी में मुस्लिम ब्रदरहूड के साथ ही हिजबुल्लाह जैसी संगठन भी सक्रिय है और इस संगठन के एक हजार से भी अधिक सदस्य होने का दावा किया जा रहा है| इस पृष्ठभूमि पर अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी ने संसद में रखा प्रस्ताव ध्यान आकर्षित कर रहा है|

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