ब्रिटन की प्रधानमंत्री पर ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ के लिए दबाव बढ़ा

ब्रुसेल्स/लंडन, दि. २० (वृत्तसंस्था) – अमरीका में डोनाल्ड ट्रम्प को मिली जीत, युरोप में दक्षिणपंथीय विचारधारा के नेतृत्व को मिल रहा बढ़ता समर्थन और ब्रिटीश नेताओं के गैरजिम्मेदाराना बयान, इस पृष्ठभूमि पर ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ की माँग के लिए दबाव बढ रहा है, यह सामने आया है| युरोपीय देशों की बैठक में, ब्रिटीश नेतृत्व को ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ के लिए ही मजबूर करने पर एकमत हुआ होने की जानकारी महासंघ के वरिष्ठ सूत्रों ने दी| उसी समय, ब्रिटन में भी लगभग ६० से भी अधिक सांसद ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ के समर्थन में एकसाथ आये हैं, यह स्पष्ट हुआ है| इस नई हलचल से, ब्रिटन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे की दिक्कतें बढ़ गयी हैं|

theresa- ‘हार्ड ब्रेक्झिट’‘ब्रिटन जब निर्वासितों के मुद्दे पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है, तो ब्रेक्झिट के लिए सिर्फ ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ यही विकल्प हो सकता है| वरना ‘महासंघ छोडनेवाले सदस्य देशों के सामने युरोप झुक गया है’ यह संदेश जा सकता है| यह बात महासंघ के अस्तित्व के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती है’ इन शब्दों में युरोपीय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी ने, महासंघ के नेतृत्व में ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ के लिए एकमत हुआ होने का दावा किया| युरोपीय संसद में से ‘युरोपीयन पिपल्स पार्टी’ के उपाध्यक्ष डेव्हिड मॅकलिस्टर ने भी इस दावे की पुष्टि की है|

‘हम कोई भी आर्थिक ज़िम्मेदारी नहीं लेंगे और युरोपीयन कोर्ट के फ़ैसलों को भी नहीं मानेंगे, यह माँग करनेवाले ब्रिटन को, अंतर्गत स्थलांतरितों के मुद्दे पर १०० प्रतिशत नियंत्रण रखने के अधिकार नहीं दिये जा सकते| यह हो नहीं सकता| ब्रिटीश नेतृत्व युरोप की एकता की परीक्षा ले रहा है| हम एक गुट के तौर पर फ़ैसलें कर रहे हैं और ब्रिटन को उनकी मर्ज़ी के अनुसार सबकुछ नहीं मिलेगा’, इन स्पष्ट शब्दों में मॅकलिस्टर ने, ब्रिटन के लिए ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ का ही विकल्प रखा गया है, ऐसा यक़ीन दिलाया|

पिछले कई दिनों से ‘ब्रेक्झिट’ के मुद्दे पर ब्रिटन के सत्ताधारी पक्ष में मतभेद हैं, ऐसी ख़बरें सामने आ रही हैं| अलगअलग नेताओं द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ़ बयान शुरू हैं| उसी वक्त, ‘ब्रेक्झिट’ पर चर्चा के संदर्भ में सरकार के पास पक्की योजना और नीति नहीं है, ऐसे दावें भी सामने आये हैं| इस पृष्ठभूमि पर, ब्रिटीश नेतृत्व के लिए सिर्फ ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ का विकल्प खुला रखते हुए युरोपीय नेतृत्व ने आक्रामक भूमिका अपनायी है, यह स्पष्ट दिखाई देता है|

ब्रिटीश लोगों ने २३ जून को ‘ब्रेक्झिट’ का फ़ैसला करने के बाद युरोपीय नेतृत्व से कड़ी प्रतिक्रिया आयी थी| ब्रिटन में भी ‘ब्रेक्झिट’ के फैसले पर उद्योग क्षेत्र और राजनीतिक दायरे में से एक बडा गुट नाराज़ था, यह सामने आया था| इस पृष्ठभूमि पर, ‘सॉफ्ट ब्रेक्झिट’ और ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ ऐसे दो विकल्प सामने आये थे|

‘सॉफ्ट ब्रेक्झिट’ के विकल्प में ब्रिटन को युरोपीय मार्केट उपलब्ध करा देते हुए, उसके बदले में स्थलांतरितों का स्वीकार करना और महासंघ के अर्थसंकल्प में भार उठाना, इन प्रावधानों का समावेश है|

‘हार्ड ब्रेक्झिट’ के अनुसार ब्रिटन को युरोपीय ‘फ़्री मार्केट’ को नकारते हुए, इसके बदले में स्थलांतरितों पर नियंत्रण रखने का हक ब्रिटन को मिलना और युरोपीय अर्थसंकल्प में भार उठाना न पड़ना, इन जैसी सहूलियतों का समावेश है| ब्रिटन के राजनीतिक क्षेत्र में से एक बडा गुट ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ के लिए आग्रही है और लगभग ६० संसद सदस्यों ने उसका समर्थन किया है| उसमें सात पूर्व मंत्रियों का भी समावेश होकर, ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ ही जनता ने किये फ़ैसले का सम्मान रखनेवाली साबित होगी, यह दावा उनसे किया जा रहा है|

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