हफीज सईद का ‘जेयुडी’ नये नाम से शुरू

इस्लामाबाद, दि, ४ (वृत्तसंस्या) – ‘हफीज सईद’ को नजरकैद कर रखा होने की खबर प्रकाशित होते समय, उसके जमात-उल-दवा’ और ‘फलाहान-ए-इन्सानियत फाउंडेशन’ इन संगठनों के दफ़्तर बंद हो रहे हैं| लेकिन उसके ये संगठन अब नये नामों से सक्रिय होने की जानकारी सामने आने से, पाकिस्तान के – सईद तथा उसके संगठन पर कार्रवाई करने के दावे का पर्दाफाश हुआ है| ‘जमात-उल-दवा’ अब ‘तेहरीक आझादी जम्मू ऍण्ड कश्मीर’ (टीएजेके) इस नये नाम से काम कर रहा है| इस संगठन ने पाकिस्तान में तथाकथित ‘कश्मीर दिन’ आयोजित किया है|

‘जेयुडी’पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के मामले में ज़्यादा गंभीर नहीं| पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों पर होनेवाली कार्रवाई यह केवल आँखों में धूल झोंकनेवाली बात है, ऐसे आरोप भारत से लगातार हो रहे हैं| ये आरोप नये तरीके से साबित हुए हैं, ऐसा दिख रहा है|  भारत और अमरीका समेत, आंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव से पाकिस्तान को मजबूरन हफीज सईद और उसके ‘जमात-उल-दवा’ और ‘फलाहान-ए-इन्सानियत फाऊंडेशन’ पर कार्रवाई करना पड़ रहा है| सईद को नज़रकैद में रखने के बाद इस संगठन के पाकिस्तान स्थित दफ्तर बंद हो रहे हैं| इसके कारण इस कार्रवाई की हफ़ीज़ सईद को पूर्वकल्पना थी, इस दावे को बल मिल रहा है|

किसी आतंकवादी संगठन पर पाबंदी ड़ालने का दिखावा भले ही पाकिस्तान करता हो, लेकिन फिर भी इस पाबंदी का आतंकवादी कारनामों पर बिल्कुल परिणाम होता नहीं| इसका कारण यह है कि इस कार्रवाई की जानकारी उन आतंकवादी संगठनों के सरगनों तक पहले ही पहुँचाई जाती है| इसके कारण उन संगठनों के बैंक खातों में से पैसा पहले ही निकाला जाता है| अर्थात् इन संगठनों पर कार्रवाई करके उनके खातें सील करना. यह पाकिस्तानी एजन्सियों द्वारा किया हुआ ड्रामा ही रहता है| ‘जमात-उल-दवा’ और ‘फलाहान-ए-इन्सानियत फाउंडेशन’ के मामले में भी यही बात हुई होगी, ऐसी संकेत मिल रहे हैं|

‘जमात-उल-दवा’ अब ‘टीएजेके’ नाम से सक्रिय है| इस संगठन ने पाकिस्तान में ‘कश्मीर दिन’ का आयोजन किया है| इस संगठन ने इसके लिए फंड्स इकठ्ठा करने की शुरूआत की है| इसके लिए लाहौर के साथ ही, अन्य शहरों में यह नया संगठन रविवार को अपना शक्तिप्रदर्शन करनेवाला है, ऐसी चर्चा शुरू हुई है| भारतीय मीडिया ने इस संदर्भ में अपनी ख़बर देते हुए, आतंकवादियों पर कार्रवाई करने का दिखावा करनेवाले पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की|

संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा ‘लश्कर-ए-तोयबा’ पर प्रतिबंध ड़ालकर, ‘यह आतंकवादी संगठन है’ ऐसा घोषित करने के बाद, ‘जमात-उल-दवा’ की स्थापना की गयी थी| बहुत समय तक ‘जमात-उल-दवा’ ने पाकिस्तान की सरज़मीन पर से, भारतविरोधी आतंकवादी कारनामों को अंजाम दिया|

फिलहाल ‘जमात’ पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की नज़र पड़ी है| ‘संदिग्ध’ की सूचि में इस संगठन को शामिल किया गया है| इस प्रकार से, कार्रवाई की कुल्हाडी सिर पर लटक रहा यह संगठन अब ‘टीएजेके’ इस नये नाम से सक्रिय हुआ, इसके पीछे हफीज सईद ने पहले से ही की हुई तैयारी थी, यह स्पष्ट हो रहा है| पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कई जगहों में ‘टीएजेके’ के केंद्र शुरू हुए हैं| इससे यही दिखायी दे रहा है कि  आनेवाले समय में यदि ‘जमात’ पर यदि किसी भी क़िस्म की कार्रवाई हुई, तो भी आतंकवादियों के कारनामों पर किसी भी प्रकार का असर नहीं होगा, इसका प्रबंध पाकिस्तान की एजन्सियों ने पहले से कर रखा है|

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