ट्रम्प प्रशासन की आक्रमकता के बाद हफीज सईद पाकिस्तान में नज़रबन्द

इस्लामाबाद, दि. ३१ : ‘लश्कर-ए-तय्यबा’ का संस्थापक और ‘जमात-उल-दवा’ का मुखिया हफीज सईद आतंकवादी न होते हुए ‘समाजसेवक’ है ऐसा दाखिला देनेवाले पाकिस्तान ने अब, ‘आतंकवाद प्रतिबंधक कानून’ के तहत सईद को नज़रबन्द कर रखा है| पाकिस्तान की नीति में अचानक हुआ यह बदलाव, अमरीका के ट्रम्प प्रशासन द्वारा अपनायी गयी आक्रामक नीति की वजह से हुआ, ऐसा कहा जाता है| इससे पहले भी पाकिस्तान ने सईद को नज़रबन्द किया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया, इस बात पर ग़ौर फ़रमाते हुए, पाकिस्तान की इस कार्रवाई में नया कुछ नहीं है, ऐसी प्रतिक्रिया भारत के विदेशमंत्रालय ने दी|

हफीज सईदमुंबई पर हुए आतंकी हमले का साज़िशकर्ता हफीज सईद के खिलाफ भारत ने पुख़्ता सबूत दिये थे| फिर भी पाकिस्तान ने उसपर कार्रवाई करना टालकर, ‘सईद ‘समाजसेवक’ है’ ऐसा दावा किया था| लेकिन सोमवार रात को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गृहमंत्रालय ने सईद को उसके ही निवास में नजरबन्द कर रखा, यह ख़बर प्रकाशित हुई| ‘आतंकवाद प्रतिबंधक कानून’ के अनुसार यह कार्रवाई की गयी, ऐसी जानकारी पाकिस्तानी अधिकारी ने दी| सईद समेत अन्य चार लोगों को भी नजरबन्द किया गया है| उनके नाम अब्दुल्लाह उबैद, झफर इक्बाल, अब्दूर रेहमान और काझी कशिफ नियाझ एैसे है| इस कार्रवाई के संदर्भ में अधिक जानकारी जल्द ही प्रकाशित की जायेगी, ऐसे पाकिस्तान के अधिकारी ने स्पष्ट किया|

इस दौरान, सईद को कब्जे में लेने के बाद पाकिस्तान में प्रदर्शन शुरू हुए| लाहोर में सईद के हजारों समर्थक नजरबन्दी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं| पाकिस्तान सरकार का निषेध करते हुए, यह कार्रवाई अमरीका के दबाव में आकर की गयी, ऐसी आलोचना इन प्रदर्शनकर्ताओं ने की| ‘जमात-उल-दवा’ ने भी, ‘हफीज सईद के गिरफ़्तारी के पीछे अमरीका का दबाव है, जिसके सामने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने घुटनें टेक दिये’ ऐसा इल्ज़ाम लगाया| वहीं, हफीज सईद का नया व्हिडिओ प्रकाशित हुआ है| अमरीका के नये राष्ट्राध्यक्ष और भारत के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर दबाव डालते हुए, हमे नजरबन्द कर रखने के लिए ज़बरदस्ती की, ऐसा इल्जाम इस व्हिडिओ द्वारा हफीज सईद ने लगाया|

‘सईद को गिरफ्तार करो या प्रतिबंध का सामना करो’ ऐसी धमकी अमरीका ने दी| इसी कारण यह कारवाई हुई, ऐसा दावा सईद कर रहा है| एक दिन पहले अमरीका के ‘व्हाईट हाऊस’ के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ रियान्स प्रिबस ने, ‘अमरीका द्वारा प्रवेशबंदी किये गये देशो की सूचि में पाकिस्तान भी शामिल हो सकता है’ ऐसी चेतावनी दी थी| प्रवेशबंदी जारी किये हुए सीरिया, इराक, ईरान, यमन, लिबिया, सोमालिया और सुदान इन देशों की तरह पाकिस्तान में भी आतंकवादियों की गतिविधियाँ हैं और उनपर पाकिस्तान कार्रवाई नही करता, इस बात पर प्रिबस ने ध्यान जताया| इसी कारण पाकिस्तान के लोगों को भी अमरीका में प्रवेशबंदी हो सकती है, ऐसे स्पष्ट संकेत प्रिबस द्वारा दिये गये थे| इस पृष्ठभूमि पर, सईद को नजरबन्द करके, ‘पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई कर रहा है’ ऐसा दिखाने की कोशिश इस देश द्वारा की जा रही है| ‘मुंबई पर के आंतकी हमले के बाद पाकिस्तान ने इसी तरह कार्रवाई करते हुए, आँखों में धूल झोंकी थी| लेकिन बाद में हफीज सईद को छोड़ दिया’ इस पर भारत ने ग़ौर फ़रमाया| पाकिस्तान इस कार्रवाई के संदर्भ में गंभीर नहीं है, ऐसा ताना भारत के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मारा|

‘आतंकवादपरस्त नीति के कारण पाकिस्तान का नुकसान’ : पाकिस्तान के पूर्व राजदूत की आलोचना

‘हफीज सईद पर इससे भी अधिक सख़्त कार्रवाई इससे पहले ही होनी चाहिए थी| लेकिन पाकिस्तान ने यह बात कभी भी गंभीरता से नहीं ली| इसी कारण, पुख़्ता सबूत होते हुए भी पाकिस्तान की सरकार और सेना ने सईद को बचाने की ही नीति अपनाई’ ऐसी आलोचना पाकिस्तान के अमरीका स्थित पूर्व राजदूत हुसेन हक्कानी ने की| साथ ही, ‘जमात-उल-दवा’ जैसे संगठन पर कार्रवाई करने से पहले, ऐसे आतंकी संगठन नये नाम से कार्यरत होते हैं, इसपर हक्कानी ने ग़ौर फ़रमाया|

Haqqani1हफीज सईद जैसे आतंकवादी का इस्तेमाल करने से पाकिस्तान का सिर्फ नुकसान ही हो सकता है| इससे पाकिस्तान की आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की छवी मलीन हुई है| एक समय था, जब पाकिस्तान के पासपोर्ट को दुनिया में इज़्ज़त थी| लेकिन अब आतंकवाद को पनाह देनेवाला पाकिस्तान दुनिया में बदनाम हुआ है| इसका इल्ज़ाम अन्य किसी पर भी लगाया नहीं जा सकता| पाकिस्तान ने अपनाई आतंकवादपरस्त नीति ही उसके लिए ज़िम्मेदार है, ऐसे हुसेन हक्कानी ने कहा|

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