हाफिज़ सईद पाकिस्तान मे चुनाव लडेगा

लाहौर: मुंबई पर २६/११ के हमले का सूत्रधार हाफिज सईद की पाकिस्तान ने रिहाई करने के बाद, इस खतरनाक आतंकवादी ने सन २०१८ में होने वाले पाकिस्तान के चुनाव में शामिल होने की तैयारी की है। सईद ने ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ (एमएमएल) एस राजनीतिक पक्ष की स्थापना की थी। अपना यह पक्ष आने वाले वर्ष में चुनाव में शामिल होगा, ऐसा सईद ने घोषित किया है। उसके इस घोषणा की वजह से, सईद इसके रिहाई के पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र होने का भारत ने किया आरोप सिद्ध होता दिखाई दे रहा है। अमरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने पाकिस्तान के दौरे के पहले सईद ने की यह घोषणा सूचक होने की अमरिका से प्रतिक्रिया आ रही है।

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सईद इसके विरोध में पाकिस्तान सरकार ने कोई भी सबूत न देने की बात कहकर लाहौर उच्च न्यायालय ने उसकी हालही में नजरबंदी से रिहाई की थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्बासी ने सईद के रिहाई का समर्थन किया था। तथा भूतपूर्व हुकुमशाह परवेज मुशर्रफ ने वह सईद के समर्थक होने का दावा किया था। सईद के रिहाई के बाद अमरिका ने तीव्र नाराजगी व्यक्त करके, पाकिस्तान को उसे फिर से गिरफ्तार अगर नहीं किया गया, तो दोनों देशों के संबंध पर उस के विपरीत परिणाम होंगे ऐसा सूचित किया था। फिर भी पाकिस्तान से सईद के रिहाई पर ठोस होने की बात दिखाई दे रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सईद के रिहाई का निषेध जताने वाले भारत को सईद के विरोध में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाने की चेतावनीखोर सलाह दी थी।

सईद इसके रिहाई के पीछे उसे पाकिस्तान के राजनैतिक प्रवाह में प्रस्तुत करने का षड्यंत्र, यह आरोप अमरिका के विश्लेषकों ने किया था। तथा भारतने भी पाकिस्तान पर यह आरोप किया था। केवल कुछ ही दिनों में सईद ने सन २०१८ के चुनाव में शामिल होने की घोषणा करके यह आरोप सिद्ध करके दिखाएं हैं। सोमवार को अमरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस पाकिस्तान को भेंट देने वाले हैं। उससे पहले उन्होंने सईद की रिहाई के विरोध में प्रतिक्रिया जताई थी। साथ ही तालिबान के हक्कानी नेटवर्क इस आतंकवादी गट पर भी कार्यवाही करने में पाकिस्तान असफल ठहरा है, ऐसा आरोप मैटिस ने किया था। आतंकवाद पर कारवाई करना पाकिस्तान को फायदेमंद होगा, ऐसा मैटिस ने सूचित किया है। तथा अमरिका के व्हाईट हाउसने भी पाकिस्तान ने आतंकवाद विरोधी युद्ध में अमरिका को अपेक्षित सहयोग नहीं किया है, ऐसा आरोप किया था।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के विदेशमंत्री से पाकिस्तान को सईद तथा अन्य आतंकवादियों पर कारवाई के बारे में इशारे दिया जा रहे थे, ऐसी आशंका सामने आ रही है। पर पाकिस्तान इसपर अधिक गंभीरता से नहीं देख रहा, ऐसा दिखाई दे रहा है। फिलहाल पाकिस्तान के राजनीतिक अस्थिरता होकर, केवल दो हजार कट्टरपंथियोंने राजधानी इस्लामाबाद के साथ सारा पाकिस्तान को बंधक बनाने की बात कुछ दिनों पहले स्पष्ट हुई थी। ऐसी परिस्थिति में दुबले और निष्प्रभ माने जाने वाले पाकिस्तान की सरकार से चर्चा करने के बजाए, अमरिका के रक्षामंत्री सीधे पाकिस्तान के लष्कर से चर्चा करेंगे ऐसा कहा जा रहा है।

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