‘लोन मोरेटोरियम’ अवधि के दौरान ब्याज पर लगाया ब्याज मांफ करने के लिए ‘गाईडलाईन्स’ जारी

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले कर्जदारों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने ‘लोन मोरेटोरियम’ की अवधि में कर्ज की किश्‍तों के ब्याज पर लगाया गया ब्याज मांफ किया है। सरकार ने इससे संबंधित ‘गाईडलाईन्स’ को मंजूरी दी है और साथ ही ‘लोन मोरेटोरियम’ की सुविधा का लाभ उठानेवाले कर्जदारों के ब्याज पर लगाए गए ब्याज की वसूली की गई है तो संबंधित ब्याज की राशि कर्जदार को लौटाई जाएगी, यह ऐलान सरकार ने किया है। दो करोड़ रुपयों तक कर्ज प्राप्त करनेवालों को इस निर्णय का लाभ होगा।

loan-moretoriumकोरोना वायरस के संकट की वजह से केंद्र सरकार ने पहले तीन महीनों के लिए ‘लोन मोरेटोरियम’ की सुविधा प्रदान की थी। बाद में इस सुविधा की अवधि छह महीने की गई। लेकिन, कुछ दिन पहले ही ‘रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया’ (आरबीआय) ने ‘लोन मोरेटोरियम’ की सुविधा की अवधि और बढ़ाना संभव नहीं होगा, यह बात सर्वोच्च अदालत में स्पष्ट की थी। लेकिन, दो करोड़ रुपयों तक के कर्ज के लिए ‘लोन मोरेटोरियम’ के दौरान ब्याज पर लगाया गया ब्याज माफ करना संभव होगा, यह भूमिका सरकार और आरबीआय ने कोर्ट में रखी थी। सरकार ब्याज पर लगाया गया ब्याज माफ करने के लिए तैयार है तो जल्द से जल्द योजना बनाए, यह निर्देश सर्वोच्च अदालत ने दिए थे। इसके लिए अदालत ने २ नवंबर तक अवधि दी थी। आखिर में केंद्रीय अर्थ मंत्रालय ने ब्याज पर लगाया ब्याज माफ करने के लिए तय की गई ‘गाईडलाईन्स’ को मंजूरी दी है।

‘लोन मोरेटोरियम’ अवधि में पूरी तरह से या अंशतः इस सुविधा का लाभ उठानेवाले सभी को इस निर्णय का लाभ होगा। अर्थ मंत्रालय के निर्णय का लाभ आठ प्रकार के कर्ज लेनेवालों को होगा। इसमें गृह, एमएसएमई, वाहन कर्ज, क्रेडिट कार्ड का बकाया, शिक्षा कर्ज, व्यावसायिक एवं व्यक्तिगत कर्ज़ों का समावेश है। लेकिन, २९ फ़रवरी तक कर्जदार डिफॉल्टर ना हो, यह बात भी अर्थ मंत्रालय ने कही है।

सरकार ने जारी किए दिशानिर्देशों के अनुसार १ मार्च से ३१ अगस्त के दौरान ‘लोन मोरेटोरियम’ के विकल्प का चयन करनेवाले कर्जखातों पर चक्रवृद्धि तरीके से ब्याज माफ किया जाएगा। यदि बैंकों ने पहले ही ग्राहकों से ब्याज की वसूली की है तो इस चक्रवृद्धी तरीके से वसूले गए ब्याज की राशि ५ नवंबर तक संबंधित बैंक खातेदारों के खातों में जमा करेंगे। इसके बाद बैंक १२ दिसंबर तक सरकार से इस रकम की माँग कर सकेंगे। सरकार के इस निर्णय से सरकारी टिजोरी पर ६,५०० करोड़ रुपयों का अतिरिक्त भार पडेगा।

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