कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव होने के बावजूद भी अप्रैल महीने में जीएसटी राजस्व रिकॉर्ड स्तर पर

नई दिल्ली – देश जब कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, तब अर्थव्यवस्था पर इसका विपरीत असर होगा, ऐसी चिंता जाहिर की जा रही है। ऐसी परिस्थिति में अप्रैल महीने में जीएसटी राजस्व में हुई रिकॉर्ड बढ़ोतरी, देश का उत्साह बढ़ानेवाली साबित होती है। अप्रैल महीने में कुल जीएसटी १.४१ लाख करोड़ रुपयों पर गया होने की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने की। मार्च महीने की तुलना में इसमें १४ प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। साथ ही, सन २०१७ में जीएसटी लागू किया जाने के बाद पहली ही बार इतनी रिकॉर्ड मात्रा में राजस्व जमा हुआ है, ऐसा अर्थ मंत्रालय ने स्पष्ट किया।

अप्रैल महीने में जीएसटी की रकम एक लाख, ४१ हज़ार, ३८४ करोड रुपयों पर गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से पहले जैसी होने के संकेत इससे मिलने का दावा उद्योग क्षेत्र द्वारा किया जाता है। लेकिन अप्रैल महीने में ही कोरोना की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचाया था। इस महीने में देश के कई स्थानों पर अर्थव्यवहार ठप हुए थे। ऐसी स्थिति में भी जीएसटी द्वारा मिली रकम उत्साह बढ़ानेवाली तथा देश की अर्थव्यवस्था पर विश्वास अधिक ही दृढ़ करनेवाली बात साबित होती है।

इससे देश के उद्योग क्षेत्र को बहुत बड़ी राहत मिल रही है। कोरोना की महामारी का सामना करते समय, भारत के उद्योग क्षेत्र ने पहल करके आवश्यक सभी सुविधाओं की आपूर्ति करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाए हैं। अत्यावश्यक वैद्यकीय सामग्री के साथ ही, कमी महसूस हो रहे ऑक्सीजन का निर्माण और उसकी सप्लाई के लिए देशभर के अग्रसर उद्योगसमूहों ने आवश्यक फैसले किए हैं। उसका देशभर में स्वागत हो रहा है। कोरोना महामारी का जबरदस्त झटका हालाँकि भारतीय उद्योग क्षेत्र को लगा है, फिर भी आत्मनिर्भरता के अभियान को इसी दौर में बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलने की बात भी सामने आ रही है।

भारतीय उद्योगक्षेत्र देश पर आई संकट के दौर में आवश्यक सहयोग कर रहा है। इस महामारी की चुनौती का सामना करने के लिए उद्योग समूहों द्वारा अपने स्रोतों का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह देश के लिए बहुत बड़ी सकारात्मक बात साबित होती है।

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