अफ़गानिस्तान की समस्या की पृष्ठभूमि पर ग्रीस अफ़गान शरणार्थियों के लिए प्रवेशद्वार नहीं बनेगा – ग्रीस के प्रवास मंत्री मिताराची ने दी चेतावनी

अथेन्स/ब्रसेल्स – ग्रीस को वर्ष २०१५ के शरणार्थियों का संकट दोहराना नहीं है और इसके आगे ग्रीस अफ़गान शरणार्थियों के लिए यूरोप का प्रवेशद्वार नहीं बनेगा, ऐसी सख्त चेतावनी मायग्रेशन मिनिस्टर नोतिस मिताराची ने दी है। अफ़गानिस्तान पर तालिबान ने कब्ज़ा किया है और हज़ारों अफ़गान नागरिक देश छोड़ने की कोशिश में हैं। अफ़गान शरणार्थियों के यह झुंड़ यूरोप पहुँचने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं और इसके खिलाफ कुछ यूरोपिय देश पहले से ही आक्रामक हुए हैं।

Afghan-Refugees-Mitarachi-01खाड़ी क्षेत्र के देश एवं अफ़गानिस्तान में संघर्ष की पृष्ठभूमि पर बीते दो दशकों के दौरान शरणार्थियों ने भारी संख्या में यूरोपिय देशों में प्रवेश किया था। वर्ष २०१५ में और उसके बाद जर्मनी ने खाड़ी और एशिया से पहुँच रहे शरणार्थियों के लिए ‘ओपन डोर पॉलिसी’ का ऐलान किया था। इसका लाभ उठाकर १० लाख से अधिक शरणाथिर्यों ने यूरोपिय महासंघ में घुसपैठ की थी। इसके विपरित परिणाम यूरोपियन संस्कृति और मूल्यों पर हुए हैं और यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हुअ है। इस वजह से यूरोप के कई देश शरणार्थियों को स्वीकारने से खुला विरोध कर रहे है।

अफ़गानिस्तान की सरकार ने बीते महीने में ही यूरोपिय देशों से अफ़गान शरणार्थियों को कुछ महीनों तक ना खदेड़ने की बिनती की थी। तालिबान के बढ़ते हमले और कोरोना की महामारी के कारण स्थिति उचित ना होने का कारण अफ़गान सरकार ने आगे किया था। लेकिन, यूरोपिय महासंघ के पांच देशों ने अफ़गान शरणार्थियों को वापिस भेजने की प्रक्रिया जारी रखने की भूमिका अपनाई थी। इसमें इटली और ग्रीस जैसे देशों का समावेश है। उसी समय जर्मनी और नेदरलैण्ड जैसे प्रमुख देशों ने अफ़गान शरणार्थियों को खदेड़ने पर पाबंदी लगाने के निर्णय का ऐलान किया था।

Afghan-Refugees-Mitarachiइन गतिविधियों की वजह से यूरोप में अफ़गान शरणार्थियों का मुद्दा उठा है। मंगलवार के दिन इसी मुद्दे पर महासंघ की विशेष बैठक का आयोजन हो रहा है। इस पृष्ठभूमि पर ग्रीस के मंत्री ने अपनी भूमिका स्पष्ट शब्दों में रखकर इशारा दिया है। ‘इसके आगे अफ़गानिस्तान से यूरोप पहुँच रहे शरणार्थियों के लिए ग्रीस प्रवेशद्वार नहीं बनेगा। अफ़गानिस्तान के लाखों नागरिक देश छोड़कर यूरोप पहुँच नहीं सकते। ग्रीस के रास्त तो बिल्कुल नहीं’, यह इशारा ग्रीस के मायग्रेशन मिनिस्टर नोतिस मिताराची ने दिया है। ग्रीस वर्ष २०१५ के शरणार्थियों का संकट भी दोहराने नहीं देगा, यह इशारा भी मिताराची ने दिया।

इसी बीच, जर्मनी की चान्सलर एंजेला मर्केल ने यह संकेत दिए हैं कि, जर्मनी कम से कम १० हज़ार अफ़गान शरणार्थियों को अपने देश में आश्रय देने की कोशिश करेगा। इसी बीच तुर्की ने ईरान से अफ़गान नागरिकों के झुँड़ ना पहुँच सकें, इस उद्देश्‍य से सीमा पर दिवार बनाना शुरू किया होने का वृत्त सामने आया है।

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