भूमध्य क्षेत्र के तनाव को लेकर ग्रीस, इजिप्ट और सायप्रस का तुर्की को इशारा

अथेन्स – भूमध्य समुद्री क्षेत्र के तनाव को लेकर ग्रीस, इजिप्ट और सायप्रस ने तुर्की को नया इशारा दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रस्ताव और अंतरराष्ट्रीय नियमों से बढ़कर तुर्की सायप्रस के मामले में दखलअंदाज़ी ना करे, ऐसा इशारा तीनों देशों ने दिया है। तुर्की ने ‘नॉर्दर्न सायप्रस’ का विवादित क्षेत्र फिर से खोलने का निर्णय किया है और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने कुछ महीने पहले इस क्षेत्र का दौरा भी किया था। तुर्की की इन हरकतों के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है और ग्रीस, इजिप्ट और सायप्रस की बैठक भी इसी का हिस्सा है। इससे पहले ग्रीस और सायप्रस ने जॉर्डन के साथ बैठक करके तुर्की के खिलाफ नया मोर्चा बनाने के संकेत दिए थे।

greece-egypt-cyprus-turkey-1बीते कुछ वर्षों में किए गए अलग अलग सर्वेक्षणों से भूमध्य समुद्री क्षेत्र में बड़ी मात्रा में ईंधन के भंड़ार होने की बात सामने आयी है। इनमें से अधिकाधिक भंड़ारों पर कब्ज़ा करने के लिए तुर्की ने बीते वर्ष से आक्रामक गतिविधियाँ शुरू की हैं। भूमध्य समुद्र में ग्रीस और सायप्रस की सीमा में मौजूद ईंधन भंड़ारों पर तुर्की ने अपना हक जताना शुरू किया है। अगस्त में और इसके बाद तुर्की ने ‘रिसर्च शिप’ एवं युद्धपोत भेजकर भूमध्य समुद्र में एक के बाद एक मुहिम चलाना शुरू किया था। तुर्की की इन हरकतों पर आपत्ति जताकर ग्रीस ने भूमध्य समुद्र में अपनी रक्षा तैनाती बढ़ाई थी।

इसी दौरान दूसरी ओर तुर्की की हरकतों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुट बनाने के लिए भी ग्रीस ने तेज़ कदम उठाए हैं। बीते वर्ष से ग्रीक सरकार ने फ्रान्स, संयुक्त अरब अमीराती, इस्रायल, इजिप्ट जैसे देशों के साथ सामरिक सहयोग मज़बूत करने पर भी जोर दिया है। इजिप्ट के साथ आयोजित की हुई त्रिसदस्यीय बैठक भी इसी का अहम चरण माना जाता है। अथेन्स में आयोजित की हुई बैठक इन कोशिशों को सफलता प्राप्त होने के संकेत देनेवाली साबित होती है।

तीन देशों की यह नौंवीं बैठक होने की जानकारी संबंधित देशों ने प्रदान की है। इस बैठक में इजिप्ट के एनर्जी नेटवर्क को ग्रीस और सायप्रस से जोड़ने के समझौते को अंतिम मंजूरी प्रदान की गई। इस माध्यम से इजिप्ट के ईंधन की यूरोप को आपूर्ति करने का मार्ग खुलने की बात मानी जा रही है।

वर्ष १९७४ में तुर्की ने सायप्रस पर हमला करके कुछ हिस्से पर कब्ज़ा किया था। इस मुहिम की याद के तौर पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने जुलाई में ‘सायप्रस’ के तुर्कीश क्षेत्र की यात्रा की थी। इस दौरान सायप्रस के विवादित ‘घोस्ट टाउन वरोशा’ क्षेत्र को फिरसे खोलने के संकेत दिए थे। तुर्की की यंत्रणाओं ने इसके लिए गतिविधियाँ शुरू करने की बात भी कही जा रही है। तुर्की की इन गतिविधियों की वजह से बेचैन हुए ग्रीस और सायप्रस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के माध्यम से तुर्की पर दबाव ड़ालने की कोशिश शुरू की है।

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