तुर्की को रोकने के लिए ग्रीस और ‘युएई’ का रणनीतिक साझेदारी समझौता

अथेन्स/अबुधाबी – तुर्की के बढ़ते वर्चस्ववादी क़ारनामें रोकने के लिए ग्रीस ने ज़ोरदार गतिविधियाँ शुरू की हैं। पिछले कुछ महीनों में ग्रीस ने, अमरीका के साथ फ्रान्स, इस्रायल, इजिप्ट एवं भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए पहल की थी। इसमें अब ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (युएई) का इज़ाफा हुआ है और ग्रीस ने इस देश के साथ सीधे रणनीतिक स्तर की साझेदारी एवं रक्षा सहयोग से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ग्रीस के विदेश विभाग ने इससे संबंधित जानकारी सार्वजनिक की है। दूसरें विश्‍वयुद्ध के बाद ग्रीस ने दूसरें देश के साथ इस तरह का समझौता करने का यह पहला ही अवसर होने का दावा ग्रीस के माध्यमों ने किया है।

turkey-greece-uaeकुछ दिन पहले ग्रीस के प्रधानमंत्री किरिआकोस मित्सोताकिस और विदेशमंत्री निकोस डेन्डिअस ने युएई का दौरा किया। इस दौरे में ग्रीस के प्रधानमंत्री ने युएई के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन झायेद अल नह्यान से भेंट करके, द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दे पर चर्चा की। इस चर्चा के बाद ग्रीक विदेशमंत्री डेन्डिअस और युएई के विदेशमंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन झायेद अल नह्यान ने रणनीतिक भागीदारी और रक्षा संबंधित सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौते में, इनमें से किसी देश की प्रादेशिक एकात्मता को खतरा निर्माण होने पर उसकी रक्षा के लिए दूसरें देश से सहायता माँगने का प्रावधान है। साथ ही, ग्रीस और युएई ये दोनों देश अपनी सेनाएँ एक-दूसरें की सीमा में तैनात भी कर सकेंगे। ग्रीस ने युएई की सेना को प्रशिक्षण देने की बात भी स्वीकारी है। यह समझौता किसी भी तीसरें देश को लक्ष्य करने के लिए नहीं है, यह बात हालाँकि ग्रीस और युएई ने कही है, फिर भी इस समझौते का उद्देश्‍य तुर्की को रोकना ही है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं। ग्रीस और तुर्की ये दोनों देश नाटो के सदस्य होने के कारण, नाटो के प्रावधानों को नुकसान ना पहुँचे, इस बात का ध्यान ग्रीस और युएई ने रखा होने की बात कही जा रही है।

तुर्की ने बीते कुछ महीनों से, ग्रीस के करीबी भूमध्य समुद्री क्षेत्र में आक्रामक गतिविधियाँ जारी रखी हैं। ग्रीस की समुद्री सीमा में स्थित द्विप एवं ईंधन क्षेत्र पर तुर्की ने अपना हक जताया है और इस क्षेत्र में अपने जहाज़ भी रवाना किए हैं। ग्रीस ने इन गतिविधियों का कड़ा विरोध किया है और आवश्‍यकता होने पर संघर्ष करने की तैयारी रखी होने की स्पष्ट चेतावनी भी दी है। इसके साथ ही, आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तुर्की के खिलाफ मोरचा स्थापित करने के लिए ग्रीस ने पहल की है। इसके लिए अमरीका, फ्रान्स, इस्रायल, इजिप्ट के साथ भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश शुरू की है।

turkey-greece-uaeअमरीका ने ग्रीस में अपना लष्करी अड्डा स्थापित किया है और ग्रीस ने अमरीका से प्रगत लड़ाकू ‘एफ-३५’ विमानों की खरीद करने की तैयारी दिखाई है। ग्रीस और फ्रान्स ने बड़ा रक्षा समझौता किया है। इस समझौते के अनुसार, फ्रान्स भी ग्रीस को लड़ाकू विमान और विध्वंसकों की आपूर्ति कर रहा है। इस्रायल एवं इजिप्ट के साथ ईंधन सहयोग संबंधित समझौतें किए गए हैं। भारत के साथ रक्षा एवं तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के संकेत भी दिए गए हैं। इस पृष्ठभूमि पर गौर करें, तो ग्रीस और युएई ने किया हुआ समझौता ध्यान आकर्षित करता है। इससे पहले अगस्त महीने में ग्रीस और तुर्की के बीच तनाव बढ़ा था और तब युएई ने अपने लड़ाकू ‘एफ-१६’ विमान ग्रीस के अड्डे पर तैनात किए थे। इस दौरान ग्रीस और युएई ने संयुक्त युद्धाभ्यास भी किया था।

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