सरकार ३७१ आयातित वस्तुओं के लिए गुणवत्ता मानक तय करके चीन को झटका देगी

नई दिल्ली – देश में आयात हो रहे ३७१ उत्पादों को ’भारतीय गुणवत्ता मानक’ (आयएस) के दायरे में लाया जाएगा। खराब गुणवत्ता एवं अनावश्‍यक वस्तुओं की आयात रोकने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है, और मार्च तक इन आयातित उत्पादों के लिए गुणवत्ता मानक लागू किया जाएगा। इससे सबसे बड़ा झटका चीन से आयात हो रही वस्तुओं को लगेगा। चीन को आर्थिक झटके देने के लिए किए जा रहे निर्णयों की पृष्ठभूमि पर इस निर्णय को देखा जा रहा है।

India-import-chinaवाणिज्य मंत्रालय द्वारा आयातित ३७१ उत्पादों की सूचि बनाई गई है। इन उत्पादों के लिए गुणवत्ता मानक तैयार किए जा रहे हैं। ब्युरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्ड्स (बीआयएस) की सहायता से यह मानक तय किए जाने का काम जारी है। कुछ वस्तुएं काफी कम मात्रा में आयात की जाती हैं। उन वस्तुओं के लिए गुणवत्ता मानकों की ज़रूरत नहीं है। लेकिन कुछ उत्पाद बड़ी मात्रा में आयात किए जाते हैं। उनके लिए गुणवत्ता मानक तय करने का काम जारी है। यह जानकारी ‘बीआयएस’ के महासंचालक प्रमोद कुमार तिवारी ने साझा की।

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई सूचि में चीन से आयात उत्पादों के अलावा अन्य देशों से आयात किए जा रहे उत्पादों के लिए मानक तय करने की एवं उस पर अमल करने की पद्धति में सुधार करने की कोशिश में हम लगे हैं, तिवारी ने यह जानकारी दी। यह कार्य पूरा करने के लिए दिसंबर तक का अवधि तय किया गया है। इसमें भी जिन आयातित उत्पादों के लिए गुणवत्ता मानक तय करने का कार्य यदि शेष रहा तो उसे मार्च २०२१ तक पूरा किया जाएगा, यह जानकारी भी उन्होंने प्रदान की।

जिन वस्तूओं के लिए यह गुणवत्ता निकष तय किए जा रहे हैं उनमें खिलौने, स्टील बार, स्टील ट्यूब, रोजमर्रा के उपयोग की इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं, दूरसंचार उपकरण, भारी यंत्र, पेपर, रबर, रसायन एवं औषधि के क्षेत्र से संबंधित चीजों का समावेश है। खराब गुणवत्ता के एवं अनावश्‍यक सामान की आयात रोकने के लिए यह निकष तय किए जा रहे हैं, ऐसा कहा जा रहा है। फिर भी इस सूचि में दर्ज़ अधिकांश उत्पादों की आयात चीन से हो रही है। इसलिए यह भारत द्वारा चीन को दिया जानेवाला एक नया झटका साबित होगा।

आयात कम करके देश में उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू किए गए ‘आत्मनिर्भर अभियान’ के तहत आयातित वस्तुओं के लिए नए मानक तय किए जा रहे हैं। इसके लिए कांडला, जेएनपीटी, कोच्ची जैसे अहम बंदरगाहों में आयातित वस्तुओं की गुणवत्ता की जाँच करने की व्यवस्था की जा रही है।

इसी बीच, देश में रसायन, उपचार की वस्तुओं का देश में हो रहे निर्माण की मात्रा बढ़ाने के लिए ‘बल्क ड्रग’ उत्पादन एवं मेडिकल डिवाईस पार्क का निर्माण करने की योजना की जानकारी केंद्रीय रसायनमंत्री सदानंद गौडा ने साझा की। फिलहाल देश के इस क्षेत्र में सबसे अधिक वस्तुओं की आयात चीन से की जा रही है। इसके चलते यह भी चीन के लिए बड़ा झटका साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.