महाराष्ट्र में अक्तूबर से स्कूल शुरू करने का सरकार का फ़ैसला – ७० प्रतिशत अभिभावक स्कूल शुरू करने के मत के होने का शिक्षा मंत्री का दावा

मुंबई – कोरोना की महामारी के कारण पिछले साल के मार्च महीने से बंद होनेवाले स्कूल शुरू करने का फैसला राज्य सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री ने भी इस प्रस्ताव को मंजुरी दी होकर, आनेवाले ४ अक्तूबर से स्कूल शुरू होंगे। ग्रामीण भाग में पांचवी से बारहवीं और शहरी भाग में आठवीं से बारहवीं तक के क्लासेस शुरू किए जानेवाले हैं। वहीं, अन्य क्लासेस फिलहाल जैसे हैं उसी प्रकार, यानी ऑनलाइन शुरू रहेंगे। साथ ही मुंबई, पुणे जैसे बड़े शहरों में स्कूल फिलहाल बंद ही रहनेवाले हैं। स्कूली शिक्षा विभाग ने किए सर्वेक्षण में ७० प्रतिशत अभिभावकों ने स्कूल पुनः शुरू करने को समर्थन दिया है, ऐसा राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा है।

कोरोना के कारण पिछले डेढ़ साल से अधिक समय बंद होनेवाले राज्य के स्कूल ४ अक्तूबर से शुरू होंगे। कृतीदल और राज्य सरकार ने मिलकर, स्कूल शुरू करते समय एक नियमावली तैयार की होकर, यह नियमावली सभी स्कूल, अभिभावक और छात्रों को लागू होगी। जुलाई महीने में ही, कोरोना के मरीज जहाँ नहीं पाए जा रहे हैं, ऐसे ग्रामीण भागों में आठवीं से आगे के स्कूल शुरू करने का फैसला हुआ था। अब राज्य में सर्वत्र स्कूल शुरू करने का फैसला हुआ है। अगस्त महीने में ही इस संदर्भ में नियम नियमावली तैयार की गई थी। लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हुआ था। लेकिन मंत्रिमंडल में हुई चर्चा के बाद अब मुख्यमंत्री ने भी प्रस्ताव पर अंतिम मंजुरी दी है, ऐसी जानकारी शिक्षा मंत्री गायकवाड ने दी है।

maharashtra-school-reopenनियमावली के अनुसार हर एक स्कूल में हेल्थ क्लिनिक शुरू करें और छात्रों का टेंपरेचर हर रोज चेक करें, ऐसा बताया गया है। स्कूल में सैनिटाइजर उपलब्ध हों। साथ ही, बच्चों को स्कूल में पैदल आने के लिए प्रोत्साहित करें। स्कूल बस से आनेवाले बच्चों के लिए एक आसन पर एक ही छात्र होना चाहिए। अध्यापकों ने दोनों डोसेस लिए होने चाहिए, छात्रों को होमवर्क ऑनलाइन प्रस्तुत करने के लिए कहें, प्रायः होमवर्क स्कूल में ही पूरा करायें, ऐसा नियमावली में कहा गया है। लेकिन स्कूल शुरू हुए, तो भी खेल की पीरियड में किसी भी प्रकार की खेल नहीं खेलने देने चाहिए। अगर कोरोना परिस्थिति और सामान्य हुई, तो खेल खेलने देने में कोई हर्ज नहीं, ऐसा भी इस नियमावली में कहा गया है।

हालाँकि स्कूल शुरू होंगे, फिर भी छात्रों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की सम्मति आवश्यक होगी। इस कारण, छात्रों को स्कूल में अटेंडेंस के लिए किसी भी प्रकार की सख़्ती नहीं होगी। स्कूल में भी नियत दूरी पर छात्रों को बिठाना होगा। यदि संभव हो, तो एक दिन स्कूल लेने की सूचनाएँ भी दी गईं हैं, ऐसा शिक्षा मंत्री ने कहा।

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