वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में सरकारी कर्ज़ का आँकड़ा ८८ ट्रिलियन डॉलर्स पर – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश

वॉशिंग्टन – वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में सरकारी कर्ज़ का भार कुल ८८ ट्रिलियन डॉलर्स तक पहुँचने की जानकारी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश ने साझा की है। यह कर्ज़ ‘जीडीपी’ की तुलना में लगभग ९८ प्रतिशत है और अगले दिनों में यह भार अधिक बढ़ने की संभावना का दावा भी किया गया है। कोरोना के दौर में अलग अलग देशों ने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकारी कर्ज़ की मात्रा बढ़ाने की जानकारी मुद्राकोश ने साझा की।

वैश्‍विक अर्थव्यवस्थावैश्‍विक समुदाय पर अब भी कोरोना की महामारी का संकट बना हुआ है। कुछ देशों में अभी भी कोरोना संक्रमित और मृतकों की संख्या बढ़ रही है। इनमें अफ्रीका और लैटिन अमरिकी महाद्विप के अलावा रशिया का भी समावेश है। इसी के साथ अमरीका, यूरोपिय देश, जापान एवं एशिया और खाड़ी क्षेत्र के देश अर्थव्यवस्था सामान्य स्तर पर लाने के कदम उठा रहे हैं। इन देशों की सेंट्रल बैंकों ने व्यापक मात्रा में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है और महत्वाकांक्षी योजना का भी ऐलान किया है।

इस वजह से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में कुल कर्ज़ के साथ सरकारी कर्ज़ की मात्रा भी बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार सरकारी कर्ज़ का आँकड़ा ८८ ट्रिलियन डॉलर्स तक जा पहुँचा है। यह मात्रा मौजूदा वैश्‍विक अर्थव्यवस्था के ‘जीडीपी’ की तुलना में लगभग ९८ प्रतिशत है। यह अब तक का रिकार्ड स्तर माना जा रहा है। इसके आगे भी कोरोना की महामारी से पहले जताए गए सभी अनुमानों की तुलना में सरकारी कर्ज़ का प्रमाण अधिक रहेगा, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश ने दिया है।

वैश्‍विक अर्थव्यवस्था‘अगले पांच वर्षों में सरकारी कर्ज़ का स्तर लगातार बढ़ेगा। इसमें प्रगत अर्थव्यवस्थाएं आगे रहेंगी। इन देशों में कर्ज़ की मात्रा पहले जताए गए अनुमान से २० प्रतिशत ज्यादा हो सकती है’, इस ओर मुद्राकोश ने ध्यान आकर्षित किया। इस वर्ष में बढ़े हुए कर्ज़ में भी प्रगत अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा कुल ९० प्रतिशत होने की जानकारी प्रदान की गई है। इनमें अमरीका, जापान, यूरोप और चीन का समावेश है। सिर्फ जापान में सरकारी कर्ज़ की मात्रा ‘जीडीपी’ की तुलना में २५७ प्रतिशत तक जा पहुँची है।

मुद्राकोश की जानकारी के अनुसार वर्ष २०२० के अन्त तक वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में कर्ज़ की मात्रा २२६ ट्रिलियन डॉलर्स थी। वर्ष २०१९ की तुलना में मात्र एक वर्ष के दौरान इस कर्ज़ में २७ ट्रिलियन डॉलर्स का इज़ाफा हुआ है। ‘इन्स्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल फायनान्स’ नामक संस्था ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार वर्ष २०२१ के पहले छह महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के कर्ज़ का भार बढ़कर २९६ ट्रिलियन डॉलर्स तक जा पहुँचा था। अब मुद्राकोश और इन्स्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल फायनान्स’ ने पेश की हुई रपट में वर्ष २०२१ के अन्त तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में कर्ज़ का भार बढ़कर ३०० ट्रिलियन डॉलर्स का स्तर पार कर सकता है, यह दावा किया गया है।

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