मातृभाषा हमारे मोबाईल में

I.T.अंग्रेजी यह आन्तरराष्ट्रीय भाषा (वैश्‍विक भाषा) के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुकी भाषा है। अधिकतर व्यवहार भी अंग्रेजी में ही होते हैं। परन्तु किसी भी व्यक्ति को अपनी मातृभाषा के प्रति होने वाला प्रेम अलग ही होता है। इसके अलावा अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्त होनेवाला भाव भी हर एक मनुष्य के लिए एक अलग ही अपनापन रखता है। यह रहा हमारा अपने मातृभाषा से जुड़ा भावनात्मक रिश्ता। परन्तु अंग्रेजी चाहे वैश्‍विक भाषा के रुप में क्यों जानी जाती हो, मग़र फिर भी भारत में ही नहीं बल्कि अंग्रेजी राष्ट्रभाषा अथवा मातृभाषा न होनेवाले अधिकतर देशों में हर कोई अंग्रेजी भाषा का जानकार नहीं होता। ऐसे में ऐसे लोगों के साथ वार्तालाप करते समय भाषा कहीं पर भी रुकावट न बनकर वह मनुष्य का मनुष्य के साथ वार्तालाप होते समय पूरक होनी चाहिए।

अब यदि हम संवाद का नाम लेते हैं तो इसका अर्थ केवल एक-दूसरे के साथ बातचीत ही नहीं अपितु किसी भी प्रकार का निश्‍चित किया गया संभाषण एवं संपर्क; फिर वह एस.एम.एस., मोबाईल पर बात करना, व्यक्तिगत संभाषण आदि चाहे जो भी हो, इसी प्रकार के संवाद के अन्तर्गत आने वाली एक और भी अड़चन आती है और वह है अपने फ़ोन पर अपनी प्रांतीय भाषा में संदेश टाईप करने में झिझकना अथवा न आना। आजकल अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में ईमेल, एस.एम.एस., चॅट आदि रास्तों से अपने-अपने फ़ोन से दूसरों के साथ संवाद करना हो तो उन भाषाओं के शब्द हम अंग्रेजी में ही टाईप करते हैं। उदाहरण- यदि मुझे कहना है कि मैं कल आऊँगा तो उसे इस तरह से me udya yein लिखा जाता है। परन्तु यह रास्ता भी अंग्रेजी की भली-भाँति जानकारी न रखनेवालों के राह में रुकावट उत्पन्न कर सकता है। पर अब यह समस्या भी नहीं रह गई। कम्प्यूटर में तो प्रांतीय भाषाओं के टायपिंग की समस्या नहीं रह गई है। इसके प्रति हम बरहा, गुगल ट्रान्सलेटर आदि साधनों का उपयोग कर सकते हैं। इन सुविधाओं के बारे में हम इस लेखमालिका के आरंभ में देख चुके हैं। फिर आज हम मोबाईल एवं टॅबलेट में मराठी में टायपिंग कैसे कर सकते हैंयह देखेंगे।

गुगल हिन्दी इनपुट

1)देवनागरी लिपी में लिखी जानेवाली हिन्दी एवं मराठी भाषा के टायपिंग के लिए इस अ‍ॅप्लिकेशन का चुनाव हम कर सकते हैं। इस अ‍ॅप को हम https://play.google.com/store/apps/details?id=com.google.android.apps.inputmethod.hindi इस लिंक के माध्यम से मुफ्ग में डाऊनलोड करके इन्स्टॉल कर सकते हैं।

2) अ‍ॅप इन्स्टॉल हो जाने पर हम सीधे हिन्दी अथवा मराठी में टाईप नहीं कर सकते हैं बल्कि इसके लिए सेटिंग्स में थोड़ा-बहुत बदलाव करना पड़ता है। अपने फ़ोन के सेटिंग्स् में जाने पर हमें ‘लॅग्वेज एण्ड इनपुट’ (कुछ फ़ोन में लॅग्वेज एण्ड कीबोर्ड) भी कहा जाता है। इस विकल्प का चुनाव करना पड़ता है। इसके पश्‍चात् ‘गुगल हिन्दी इनपुट’ इस विकल्प के आगे ‘टिकमार्क’ करना होता है।

3) अब हम इस अ‍ॅप का उपयोग एस.एम.एस., ईमेल, चॅट आदि मराठी एवं हिन्दी में कर सकते हैं। टाईप करने से पहले हमें मोबाईल/ टॅब के कीबोर्ड के स्पेस बार के पास में होने वाले ‘र = अ’ इस प्रकार लिखे गए बटन पर क्लिक करने पर उसके नीचे यदि नीले रंग की रेखा दिखाई देती है तब हम देवनागरी में टाईप करने के लिए सज्ज हो जाते हैं।

4) इस अ‍ॅप की सहायता से हमें किसी भी मराठी अथवा हिन्दी शब्द का उपयोग अंग्रेजी कीबोर्ड की सहायता से टाईप करना होता है। (बराहा, गुगल ट्रान्सलिटर के समान ही)। परन्तु जिस समय टाईप किया गया मुद्दा हमें अपने मोबाईल स्क्रीन पर दिखाई देता है। उसी समय वह देवनागरी लिपी में ही लिखा गया होता है। उदाहरण- यदि हमें ‘भारत’ यह शब्द लिखना है तो अंग्रेजी की-बोर्ड पर हमें ‘bhaarata’ इस प्रकार टाईप करना होता है।

5) टाईप करते समय यह अ‍ॅप हमें लिखने वाले शब्दों को जोड़ने का सुझाव देता है। इससे कई बार हमें पूरे शब्दों को टाईप करने ज़रूरत भी नहीं पड़ती। हम अ‍ॅप द्वारा सूचित किए गए शब्दों में किसी शब्द को केवल एक बार क्लिक करके ही चुन सकते हैं। इसी अ‍ॅप को सर्वप्रथम देखने का कारण यह है कि सभी उपलब्ध विकल्पों में से यह अ‍ॅप उपयोग में लाये जाने के लिए सबसे अधिक आसान है। गुगल ने यह अ‍ॅप जिस तरह हिन्दी के लिए (देवनागरी) उपलब्ध कर रखा है, उसी तरह और भी तीन एशियायी भाषाओं के लिए अर्थात चीनी (पिनयिन), जापानी एवं कोरियनों के लिए भी उपलब्ध कर रखा है।

मल्टिलिंग कीबोर्ड

गुगल हिन्दी इनपुट अ‍ॅप यदि उपयोग में लाये जाने में आसान है ङ्गिर भी उनमें कुल मिलाकर चार भाषाओं का समावेश किया गया है। इसीलिए हमें ‘मल्टिलिंग कीबोर्ड’ इस अ‍ॅप्लिकेशन को भी देखना पड़ेगा।

1) इस अ‍ॅप को हम https://play.google.com/store/apps/details?id=com.kyle.ime.latin इस लिंक के आधार पर मुफ्त में डाऊनलोड करके इन्स्टॉल कर सकते हैं। इस अ‍ॅप के माध्यम से हम 145 भाषाओं में टाईप कर सकते हैं। अर्थात दुनिया की लगभग सभी भाषाओं का समावेश इसमें हो जाता है।

2) यह अ‍ॅप इन्स्टॉल हो जाने पर इसका उपयोग करने से पहले हमें इसके भी सेटिंग्स् में थोड़ा बहुत बदलाव करना पड़ता है। इसके लिए पहले दिए गए अ‍ॅप के समान ही ‘लँग्वेज एवं इनपुट’ में जाकर वहाँ पर ‘मल्टिलिंग कीबोर्ड’ इस विकल्प के आगे ‘टिकमार्क’ करना होता है। इसके पश्‍चात् इसी विकल्प के समक्ष होनेवाले सेटिंग्स् के चिह्न पर क्लिक करना है। ङ्गिर ‘लॅग्वेज’ पुन: ‘लॅग्वेज’ इस विकल्प को चुनना है। अब हमारे सामने 145 भाषाओं की सूची दिखाई देगी। इसमें से हमें जिस भाषा में टाईप करना है उसके समक्ष टिकमार्क करना है।

3) अब हम उस भाषा में टाईप करने के लिए सज्ज हो चुके हैं। एस.एम.एस., ई-मेल, चॅट यह सब कुछ हमारे प्रांतीय भाषा में करने के लिए जिस समय हम उन्हें टाईप करने के लिए चुनेंगे उस समय हमें केवल अपने मोबाईल, टॅबलेट के कीबोर्ड के स्पेसबार पर लाँग प्रेस (अधिक समय तक प्रेस करके) करके अपनी ज़रूरत के अनुसार भाषा का चुनाव कर लिया कि बस हो गया हमारा काम।

इन दोनों अ‍ॅप्स् का उपयोग करने के लिए हमें इंटरनेट की ज़रूरत नहीं होती है। ऊपर देखे गए अ‍ॅप्स का कीबोर्ड को यदि हम बंद करके पुन: अपने मोबाईल के कीबोर्ड को पूर्ववत् करता है। तो हमें सेटिंग्स् के ‘लॅग्वेज एन्ड इनपुट’ इन विकल्पों में से उन सभी अ‍ॅप का अगला टिकमार्क निकालना होता है।

सभी भाषाएँ एक दूसरे की बहनें होती हैं, ऐसा भारतीय संस्कृति का मानना है। परन्तु यह प्रत्यक्ष में उतरा हुआ दिखाई नहीं देता हैं। अनेक स्थानों पर संभाषण करते समय भाषा के कारण रुकावटें आने लगती हैं। परन्तु पहले ही बताये गए अनुसार भाषा मानवों के बीच में संभाषण करने हेतु एक-दूसरे की पूरक होनी चाहिए। इन भाषाओं की रुकावटों का रूपांतरण ऊपर देखे गए दोनों अ‍ॅप्स के द्वारा करने पर भाषाओं के बीच आने वाली रुकावटों को दूर कर उन्हें सहायक बनाते हुए पूरक भी बनाती हैं।

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