विस्तारवाद के दिन ख़त्म – भारत के प्रधानमंत्री की चीन को चेतावनी

लेह – ‘विस्तारवादी शक्तियों की वजह से मानवता का काफ़ी बड़ा विनाश हुआ है। लेकिन, आख़िर में विस्तारवादी शक्तियों का या तो विनाश होता है या फिर उन्हें पीछे हटना ही पड़ता है। इसकी गवाही इतिहास देता आया है’, इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, भारत की भूमि पर हक जतानेवाले विस्तारवादी चीन पर जोरदार प्रहार किया। उसी समय, गलवान वैली में चीन ने दगाबाज़ी से किए हमले का मुकाबला करके, अतुलनीय पराक्रम करनेवाले भारतीय सैनिकों की प्रधानमंत्री ने खुले दिल से सराहना की।

विस्तारवाद

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग की लद्दाख यात्रा रद होने की जानकारी प्राप्त होने के बाद, भारत सीमा विवाद के संदर्भ में कुछ हद तक उदार भूमिका अपना रहा है, ऐसें संकेत प्राप्त हुए थे। लेकिन, शुक्रवार के दिन प्रधानमंत्री ने लेह पहुँचकर सभी लोगों को चौका दिया। उनकी यह यात्रा यानी भारत ने चीन को दी हुई निर्णायक चेतावनी होने की बात पूर्व लष्करी अधिकारी, राजनयिक और सामरिक विश्‍लेषक कह रहे हैं। चीन के लिए यह बड़ा झटका बनता है, यह कहकर पूर्व लष्करी अधिकारी एवं विश्‍लेषक प्रधानमंत्री की इस यात्रा का स्वागत कर रहे हैं। गलवान वैली के संघर्ष में घायल हुए सैनिकों से प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुँचकर भेंट की। आपने दिखाए अतुलनीय शौर्य पर पूरा देश गर्व करता है, यह बयान भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया। तभी लद्दाख के निमू में तैनात सैनिकों को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री ने, आपके पराक्रम की दाहकता शत्रु को महसूस हुई है और पूरे विश्‍व ने इसकी दखल ली है, यह स्पष्ट किया।

नामांकित कवी रामधारी दिनकर की काव्य पंक्तियों का संदर्भ देकर प्रधानमंत्री ने, भारत के वीर सैनिकों का पराक्रम यानी सिंहनाद ही था और इससे शत्रू काँप उठा, यह बात बड़े गर्व से कही। साथ ही, प्रधानमंत्री ने वहाँ पर तैनात सेना के लिए ज़रूरी सभी रक्षा सामान की आपूर्ति की जायेगी, इसका यक़ीन दिलाया। शांति स्थापित करने की पहल कमज़ोर नहीं कर सकते, यह कार्य वीर ही कर सकते हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री ने, भारत की अगली नीति इसी राह पर रहेगी, ऐसें संकेत दिए। मुरलीधर श्रीकृष्ण का पूजन करनेवाले भारतीयों का आदर्श चक्रधारी श्रीकृष्ण है, इसकी याद भी प्रधानमंत्री ने दिलाई। इसके ज़रिये, भारत को मानकर ना चलें, ऐसी कड़ी चेतावनी ही प्रधानमंत्री ने चीन को दी है।

भारतमाता और देश के लिए बलिदान करने की तैयारी होनेवाले वीर सुपुत्रों को जन्म देनेवालीं माताएँ पूरे देश के लिए वंदनीय हैं। जिस ऊँचाई पर आप तैनात हो, उससे कई ऊँचा आपका साहस है। यहाँ के पर्वतों की तरह आपका निर्धार मज़बूत है, यह कहकर प्रधानमंत्री ने, सैनिकों का मनोबल सर्वोच्च कोटि का होने की बात स्पष्ट की। प्रधानमंत्री की इस यात्रा की बहुत बड़ी गूँजें सुनाई दीं हैं। इस यात्रा पर चीन की प्रतिक्रिया आयी होकर, हमें विस्तारवादी कहना गलत होगा, ऐसा चीन ने कहा है। साथ ही, दोनों देश तनाव में बढ़ोतरी ना हो, ऐसी ही भूमिका का स्वीकार करेंगे, यह उम्मीद भी चीन के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की है।

सीमा विवाद के मामले में भारत को उक़साकर चीन ने इस बार बहुत बड़ी गलती की है। यकायक किए अपने हमले का, भारत मुँहतोड़ जवाब देगा, यह विचार भी चीन ने किया नहीं था। इस कारण चीन ने इस बार की हुई हरकत भारत के लिए लाभदायी साबित हुई। क्योंकि, इस वजह से भारत को चीन के विरोध में खुलेआम भूमिका अपनाना संभव हुआ, इसके काफ़ी बड़े सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखें जाएँगे, यह मत पूर्व लष्करी अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं।

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