अमरिका के नए प्रतिबंधों के डर से ईरान में सोने की खरीदारी में बढ़ोत्तरी

तेहरान: अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर नए प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा करने के बाद निर्माण हुए डर की वजह से ईरान में सोने की माँग बढ़ गई है। ईरान की मुद्रा ‘रियाल’ के मूल्य में हुई रिकॉर्ड तोड़ गिरावट यह भी इसके पीछे का एक कारण होने का दावा ‘वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल’ ने अपनी रिपोर्ट में किया है। पिछले चार सालों में पहली बार ईरान में इतने बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी शुरू हुई है, ऐसा उल्लेख अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

अमरिका, नए प्रतिबंधों, डर, ईरान, सोने, खरीदारी, बढ़ोत्तरी, तेहरान, डोनाल्ड ट्रम्पसन २०१८ की दूसरी तिमाही में ईरान में सोने की खरीदारी तीन गुना बढ़ी है, ऐसा ‘वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल’ का कहना है। सोने की ईटें और सिक्कों की कुल खरीदारी की वजह से ईरान ने दूसरी तिमाही में लगभग १५.२ टन सोने की खरीदारी की है। अब तक ईरान में सोने की खरीदारी को देखा जाए तो खाड़ी के सभी देशों से तीन तिमाही में की जाने वाली सोने की खरीदारी ईरान ने सिर्फ एक तिमाही में ही की है। पिछले दो सालों में खाड़ी देशों से भी इतने बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी नहीं हुई थी।

सन २०१६ तक सोना खरीदारी के मामले में सऊदी अरेबिया अग्रणी था। सऊदी के बाद संयुक्त अरब अमिरात में सोने की सर्वाधिक खरीदारी शुरू थी। लेकिन पिछले दो सालों में ईरान की सोने की खरीदारी बढने की जानकारी सामने आई है। ईरान में सोने की इस बढती खरीदारी के पीछे आर्थिक अनिश्चितता है। ईरान की मुद्रा रियाल के मूल्य में हो रही गिरावट को देखा जाए तो ईरान की जनता सोने पर अधिक भरोसा दिखा रही है।

अमरिका, नए प्रतिबंधों, डर, ईरान, सोने, खरीदारी, बढ़ोत्तरी, तेहरान, डोनाल्ड ट्रम्पआने वाले सोमवार को अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा कर सकते हैं। दो महीनों पहले ईरान के साथ के परमाणु अनुबंध से बाहर निकलने की घोषणा करने के बाद ट्रम्प ने इस अनुबंध में शामिल यूरोपीय मित्र देश और ईरान को ६ अगस्त तक का समय दिया था। उसके पहले यूरोपीय मित्र देश परमाणु अनुबंध से बाहर नहीं निकले अथवा ईरान ने अमरिका की माँगों को मान्य करके परमाणु अनुबंध में समझौता नहीं किया, तो इसके आगे ईरान पर अधिक कठोर प्रतिबन्ध लगाए जाएंगे, ऐसी चेतावनी ट्रम्प ने दी थी।

ईरान की तरफ से की जाने वाली सोने-चांदी जैसे मौल्यवान धातुओं की खरीदारी पर प्रतिबन्ध लगाने के संकेत ट्रम्प ने दिए थे। ट्रम्प की इस घोषणा के बाद ईरान की मुद्रा रियाल का मूल्य दो गुना नीचे गिर गया। पिछले दो महीनों में रियाल का मूल्य एक डॉलर के लिए ४५ हजार से सीधे एक लाख के भी नीचे गिर गया था। इस वजह से ईरान की जनता और व्यापारियों का रियाल पर से भरोसा उड़ गया है और सोने में बढ़ता निवेश यही दिखा रहा है, ऐसा दावा अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं।

ईरान की जनता को सुरक्षित निवेश चाहिए और सोने की खरीदारी की तरफ वह मूड गए हैं, यह जानकारी ईरान के निवेशक मसूद घोलमपोर ने दी है। आने वाले साल के अंत तक ईरान में सोने की यह खरीदारी इसी गति से अथवा इससे भी अधिक तेजी से जारी रह सकती है , ऐसा दावा एक विश्लेषक ने किया है।

दौरान, ईरान की मुद्रा में हो रही गिरावट की वजह से राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी की सरकार दुविधा में गिरी है। ईरान की संसद के विरोधी पार्टी के नेता और रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ अधिकारी भी रोहानी को रियाल की गिरावट के बारे में सवाल पूछ रहे हैं। साथ ही रोहानी ने रियाल की गिरावट रोकनी चाहिए, ऐसा दबाव रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के अधिकारियों ने डाला है। लेकिन अमरिका के प्रतिबंधों की तीव्रता को देखा जाए, तो यह गिरावट रोकना रोहानी के बस में नहीं है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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