गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति में बदलाव करने की कोशिश बर्दाश्‍त नहीं करेंगे – भारत का पाकिस्तान को इशारा

इस्लामाबाद – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का ‘प्रोविजनल प्रोविन्स’ यानी अंतरिम प्रांत घोषित किया है। इस पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है। गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न क्षेत्र है और पाकिस्तान यह क्षेत्र तूरंत खाली करे। गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति में बदलाव करने की कोई भी कोशिश बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी, यह इशारा भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को दिया है। गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता भी पाकिस्तानी सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध कर रही है। पाकिस्तान के विपक्षी नेता बिलावल भुत्तो ने प्रधानमंत्री इम्रान खान की इस घोषणा का विरोध करके गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता इम्रान खान को सबक सिखाएगी, यह इशारा भी दिया है।

भारत ने जम्मू-कश्‍मीर से विशेष दर्जा हटाने के बाद इस निर्णय के विरोध में जम्मू-कश्‍मीर में विद्रोह होगा, यह उम्मीद पाकिस्तान रख रहा था। इसका इस्तेमाल करके कश्‍मीर का मसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने की साज़िश पाकिस्तान ने रची थी। लेकिन, पाकिस्तान के ऐसे सभी इरादे नाकाम हुए। तभी दूसरी ओर इम्रान खान की नाकाम सरकार भारत के विरोध में कुछ भी कर नहीं सकी हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के विपक्ष, माध्यम एवं पूर्व लष्करी अधिकारी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारत को प्रत्युत्तर देने की कार्रवाई करने के लिए इम्रान खान पर दबाव बढ़ रहा था। ऐसे में ही गिलगित-बाल्टिस्तान में निर्माण हो रहे ‘सीपीईसी’ यानी ‘चायना-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ प्रकल्प में बड़ा निवेश करनेवाले चीन को अब भारत ‘पीओके’ के साथ गिलगित-बाल्टिस्तान पर भी कब्जा करेगा, यह चिंता सताने लगी थी। इसी कारण पाकिस्तान की सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवा प्रांत घोषित करने की तैयारी शुरू की थी।

पाकिस्तान के अनुभवी कूटनीतिक, पूर्व लष्करी अधिकारी और स्थिति का ज्ञान रखनेवाले कुछ पत्रकारों ने इम्रान खान की सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान पर निर्णय करते समय सावधानी बरतने का इशारा दिया था। गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता का इस बदलाव के लिए विरोध है, यह सलाह भी इन कूटनीतिक, लष्करी अधिकारी एवं पत्रकारों ने दी थी। जम्मू-कश्‍मीर में स्थित पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सय्यद अली शहा गिलानी ने भी इम्रान खान अब यह निर्णय ना करे, यह आवाहन किया था। पाकिस्तान के इस निर्णय का इस्तेमाल करके भारत यकीनन पाकिस्तान के विरोध में जोरदार कार्रवाई करेगा और इससे पाकिस्तान को झटका लगेगा, यह चिंता भी इन सभी ने व्यक्त की थी। बल्कि, गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवा प्रांत घोषित करके पाकिस्तान की सरकार स्वयं को ही भारत ने बिछाए हुए जाल में फंसाएगी, यह इशारा इन सभी ने दिया था।

इस इशारे के बावजूद प्रधानमंत्री इम्रान खान ने रविवार के दिन गिलगित-बाल्टिस्तान में आयोजित एक समारोह में बोलते समय इस प्रांत को पाकिस्तान का पांचवा अंतरिम प्रांत घोषित किया। संयुक्त राष्ट्रसंघ के कश्‍मीर संबंधित समझौते का उल्लंघन किए बिना यह प्रावधान किया जा रहा है, यह दावा इम्रान खान ने किया। लेकिन, इसके बाद गिलगित-बाल्टिस्तान से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त होने लगी है। स्थानीय नागरिक इस निर्णय का सख्त विरोध कर रहे हैं और यहां की जनता के मन में बना पाकिस्तान का विरोध अधिक ही तीव्र होता दिख रहा है। पाकिस्तान के विपक्ष पिपल्स पार्टी के नेता बिलावल भुत्तो ने गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता इम्रान खान को सबक सिखाएगी, यह दावा किया है। यह ऐलान करने से पहले इस निर्णय का विरोध कर रहे गिलगित-बाल्टिस्तान और ‘पीओके’ के नेताओं पर इम्रान खान की सरकार ने देशद्रोह का आरोप रखा है। इस वजह से इन जगहों से पाकिस्तान के विरोध में गुस्से की लहर उठने की कड़ी संभावना है। ऐसे में स्थानीय लोगों के हितसंबंध ध्यान में लिए बिना पाकिस्तान की सरकार ने इस क्षेत्र में चीन के प्रकल्पों का निर्माण करने के लिए मंजूरी प्रदान की है। इसके विरोध में यहां की जनता के मन में पहले से ही असंतोष है। चीन के इशारे से ही पाकिस्तान ने यह निर्णय किया होगा, यह चर्चा भी अब होने लगी है।

ऐसे में अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस निर्णय के विरोध पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है। जम्मू-कश्‍मीर, लद्दाख समेत ‘पीओके’ और गिलगित-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न क्षेत्र है। इस क्षेत्र पर पाकिस्तान ने कब्जा करने के लिए ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने गिलगित-बाल्टिस्तान संबंधित यह ऐलान किया। लेकिन, यहां की स्थिति में बदलाव करने की कोशिश भारत कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेगा। पाकिस्तान यह भूभाग खाली करे, यह इशारा भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने दिया है।

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