अमरीका-चीन व्यापारयुद्ध की पृष्ठभूमि पर तकनीकी क्षेत्र की बडी अमरिकी कंपनियों की चीन से वापसी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/वॉशिंगटन – जापान में हुई जी-२० बैठक में अमरिका और चीन ने व्यापार के मुद्दे पर फिर चर्चा करने का निर्णय लिया था| परंतु इस पृष्ठभूमि पर अब तकनीकी क्षेत्र की बड़ी अमरिकी कंपनियों ने चीन से वापसी की तैयारी करना शुरू करने का सामने आया हैं| अंतरराष्ट्रीय तकनीकी क्षेत्र में ‘बिग टेक’ के रूप से पहचाने जाने वाले ‘एमॅझॉन’, ‘मायक्रोसॉफ्ट’, ‘गुगल’ ‘डेल’ और ‘एचपी’ जैसी कंपनियों ने अमरिका से अपना चीन में से ३० प्रतिशत तक का व्यापार बाहर ले जाने का निर्णय लेने का खुलासा हुआ हैं| अमरिकी कंपनियों के साथ-साथ दक्षिण कोरिया और तैवान की कंपनियां भी चीन से बाहर निकलने की जानकारी सामने आई हैं|

पिछले वर्ष अमरिका और चीन में शुरू हुए व्यापार युद्ध के शुरुआती समय में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने ‘जैसे थे’ धारणा स्वीकारी थीं| परंतु अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने समझौते की भूमिका लिए बिना एक के पीछे एक कर लगाने से उसका झटका चीन के उत्पादन तथा उद्योग क्षेत्र को लगने की शुरुआत हो गई हैं| चीन ने पिछले तीन दशकों से अधिक अवधि में ‘विश्व की फैक्ट्री’ यह पहचान हासिल करके ‘कम पैसों में निर्माण’ यह चीन की विशेषता मानी जाती है| परंतु अमरिका ने लगाए करों के कारण चीन के उत्पादनों की कीमत बढ़ने से अमरिका के साथ बहुसंख्या देशों की कंपनियों को इसका झटका लगने लगा|

जापान और तैवान के उत्पादन क्षेत्र की कंपनियों ने पिछले वर्ष ही चीन में होने वाले अपने कारखाने बंद कर उन्हें दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत की दिशा में मोड़े थे| चीन से लगभग २०० कंपनियां अपना व्यवहार भारत में स्थानांतरित करने के लिए उत्सुक होने के वृत्त भी प्रसिद्ध हुए थे| इस पृष्ठभूमि पर अभी अमरिका की तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों ने चीन से बाहर निकलने की शुरूआत करना अहम घटना मानी जाती हैं|

‘एचपी’ और ‘डेल’ जैसी कंपनियों ने अपना ३० प्रतिशत उत्पादन चीन के बाहर ले जाने का निर्णय लिया हैं| ‘मायक्रोसॉफ्ट’, ’गूगल’, और ‘ऍमॅझॉन’ इन कंपनियों ने ‘गेम कन्सोल’ ‘स्मार्ट स्पीकर्स’ के साथ कुछ उत्पादनों का निर्माण चीन के बाहर करने की तैयारी भी शुरू कर दी हैं| ‘ऍपल’ जैसी उच्चतर कंपनी ने भारत में उत्पादन केंद्र शुरू करने के साथ चीन में होने वाले कुछ व्यवहार इसी देश में शिफ्ट करने के संकेत दिए हैं| केवल अमरिकी तकनीकी कंपनियां ही नहीं, बल्कि दक्षिण कोरिया और तैवान के तंत्रज्ञान उद्योगों ने भी चीन से स्थानांतरण करने की शुरुआत कर दी हैं| इसमें कोरिया की सॅमसंग कंपनी का भी समावेश है|

अमरिका के साथ अन्य देशों के तंत्रज्ञान क्षेत्र की कंपनियों ने भी देश छोड़ने के कारण चीन के ‘मेड इन चायना २०२५’ इस महत्वाकांक्षी धारणा को बड़ा झटका लग सकता हैं| ऐसे में चीन के संभावित निवेश और आर्थिक विकास की गति में भी गिरावट हो सकती हैं, ऐसे संकेत विशेषज्ञ ने दिए हैं|

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