परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहे ईरान की हरकतें बर्दाश्‍त नहीं करेंगे – जर्मनी की ईरान को फटकार

बर्लिन/पैरिस/तेहरान – वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते का उल्लंघन करके अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरिक्षकों को प्रवेश करने से रोकने की धमकी देनेवाले ईरान की हरकतें बर्दाश्‍त नहीं करेंगे, ऐसा इशारा जर्मनी ने ईरान को दिया है। जर्मनी की चान्सलर एंजेला मर्केल ने ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी को फोन पर इस विषय पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। इसी बीच जर्मनी के साथ ब्रिटेन, फ्रान्स और अमरीका के विदेशमंत्री ईरान के मुद्दे पर बातचीत करनेवाले हैं। ऐसे में यूरोप के विश्‍लेषकों ने यह दावा किया है कि, पश्‍चिमी देशों की इस चर्चा का या इशारे का ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर किसी भी तरह का असर नहीं होगा।

iran-deal-germanyईरान ने एक हफ्ते पहले ही ‘युरेनियम मेटल’ का निर्माण करने का ऐलान किया है। ईरान का यह कदम इस देश को परमाणु बम निर्माण करने के करीब पहुँचानेवाला साबित होगा, ऐसा इशारा लष्करी विश्‍लेषकों ने दिया था। इसी बीच ईरान ने अमरीका के बायडेन प्रशासन को २१ फ़रवरी तक का अवधि प्रदान किया हैं। इस बीच अपनी माँगे स्वीकार नहीं की तो अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को अपने परमाणु प्रकल्पों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, यह ऐलान भी ईरान ने किया था। इसकी गूँज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दे रही है और अब तक ईरान के साथ परमाणु समझौते का समर्थन करते रहे जर्मनी ने ही ईरान को तमाचा जड़ा है।

iran-deal-germanyजर्मनी की चान्सलर मर्केल ने बुधवार के दिन ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी के साथ की हुई चर्चा के दौरान, ’ईरान परमाणु समझौते की शर्तों का पालन करने में असफल हो रहा है’, ऐसी नाराज़गी व्यक्त की है। राजनीतिक बातचीत से इस मसले का हल निकालने के लिए ईरान के हाथों में यही अवसर है, यह बयान भी मर्केल ने किया होने की जानकारी जर्मनी ने साझा की है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरिक्षकों को प्रवेश करने की अनुमति ना देने की धमकी देनेवाले ईरान के जर्मनी ने कान खींचे थे।

iran-deal-germanyबीते कुछ हफ्तों से परमाणु समझौते के नियमों का उल्लंघन कर रहे ईरान पर चर्चा करने के लिए अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रान्स के विदेशमंत्रियों की चर्चा होनेवाली है। इस चर्चा द्वारा ईरान के साथ किया गया परमाणु समझौता सुरक्षित करने की कोशिश होगी, ऐसा कहा जा रहा है। अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने कुछ घंटे पहले ही ईरान के साथ राजनीतिक बातचीत करने का मार्ग खुला होने का ऐलान किया था। लेकिन, अमरीका से शब्दों की नहीं, कृति की उम्मीद होने का इशारा ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने दिया है।

इसी बीच, अमरीका और यूरोपिय देशों की विदेशमंत्री चर्चा की तैयारी में होते हुए ईरान ने नातांज़ परमाणु प्रकल्प में प्रगत ‘आयआर-२एम सेंट्रिफ्युजेस’ के दो ‘कैस्केड्स इन्स्टॉल’ करने का ऐलान किया हैं। इसके साथ ही ईरान ने अमरीका और यूरोपिय देशों के दबाव के सामने हम झुकेंगे नहीं, ऐसे दावे भी किए हैं।

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