जर्मनी के वामपंथी गुट पाखंडी, असहिष्णु भूमिका त्याग दें – संसद सदस्य सारा वागक्नेश्ट ने लगाई फटकार

बर्लिन – जर्मनी के वामपंथी विचारधारा की पार्टियां और गुट यदि अपनी पाखंडी और असहिष्णु भूमिका नहीं त्यागेंगे, तो जर्मनी में भी अमरीका की तरह ही चरमसीमा की दरार होने वाला वातावरण तैयार होगा, ऐसी तीखी चेतावनी संसद सदस्य सारा वागक्नेश्ट ने दी है। जर्मनी का अग्रसर अखबार ‘दी वेल्ट’ को दिए इंटरव्यू में, वागक्नेश्ट ने वामपंथी विचारधारा के विरोध में फटकार लगाई। उसी समय उन्होंने इस बात पर भी गौर फ़रमाया कि सन २०२० में दुनिया के अग्रसर बुद्धिमानों ने, वैचारिक मतभेदों की तीव्रता बढ़ रही होने की बात जताई थी।

germanyसारा वागक्नेश्ट जर्मनी की वामपंथी पार्टी की अग्रसर और लोकप्रिय नेता के रूप में जानी जाती हैं। सन २००९ से जर्मन संसद की सदस्य होने वालीं वागक्नेश्ट ने वामपंथी पार्टी के संसदीय गुट का प्रमुख पद विभूषित किया है। तीन साल पहले उन्होंने वामपंथी पार्टी के अंतर्गत ‘स्टँड अप’ यह स्वतंत्र अभियान शुरू करके खलबली मचाई थी। जर्मनी की चैन्सेलर अँजेला मर्केल इस साल अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं और जर्मन राजनीति में बड़ी उथल-पुथल होने के संकेत दिए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, वामपंथी पार्टी की प्रभावशाली नेता होने वालीं वागक्नेश्ट ने, स्वपक्षियों समेत वामपंथी गुटों को खरी-खरी सुनाना गौरतलब साबित होता है।

‘जर्मनी के कथित वामपंथी उदारमतवादी विचारधारा के गुटों में बढ़ती असहिष्णुता के कारण इस देश को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। खुद से अलग भूमिका अपनाने वालों को ‘नाझी’ संबोधित कर उन्हें नीचा दिखाना यह बात बहुत घातक साबित होती है। वामपंथी उदारवादी गुट अब दकियानूसी भूमिका अपनाने लगे हैं। स्थानांतरण को विरोध करने वाले ‘वंशविद्वेषी’, कार्बनडायऑक्साईड पर लगाये करों को विरोध दर्शानेवाले यानी हवामानबदलाव को नकारनेवाले और स्कूल, रेस्टारंट बंद रखने का समर्थन न करनेवाले ‘कोव्हइडियट’; ऐसीं व्याख्याएँ करके विरोधकों को सीमित दायरे में बंद करने के क्रियाकलाप जारी हैं’, इन शब्दों में वागक्नेश्ट ने वामपंथी पार्टियाँ और वामपंथी विचारधारा के समर्थकों को फटकार लगाई है।

germanyजर्मनी के वामपंथी विचारधारा के गुट बहुत ही पाखंडी वृत्ति के हैं, जिससे वामपंथी पार्टी ने बड़े पैमाने पर वोट्स गँवाये हैं, इस बात का एहसास संसद सदस्या वागक्नेश्ट ने करा दिया। ‘देश के बड़े शहरों में पला बढ़ा और रहने वाला शिक्षित वर्ग वामपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। लेकिन यह वर्ग विशिष्ट कोष में पला-बढ़ा और अपने विशेष अधिकार प्रिय होनेवाला वर्ग है, इस बात पर गौर करना होगा’ ऐसा कहकर, इस वर्ग का वामपंथी पार्टियों का प्रभाव बढ़ने के लिए कुछ भी फायदा नहीं है, ऐसा वागक्नेश्ट ने डटकर कहा।

‘जर्मनी को अपना देश मान कर उसके हितसंबंधों का ख्याल करने वाले गुटों में, परंपरावादी विचारधारा के गुटों से लेकर वामपंथी गुटों तक सब का समावेश होता है। वे अपने देश में अमरीका जैसी दरार नहीं चाहते; ऐसे गुटों को आगे आकर एक-दूसरे के प्रति सम्मान रखते हुए, संवाद और चर्चा के मार्ग का स्वीकार करना होगा’, ऐसा आवाहन भी संसद सदस्य सारा वागक्नेश्ट ने किया। जर्मनी की वामपंथी पार्टी और उसके समर्थक, दूसरों को नैतिकता के सबक सिखाना और विरोधकों को सामाजिक दायरे से बहिष्कृत करने की संस्कृति अपनाना बंद करें, ऐसा सख़्त मशवरा भी वागनेक्श्ट ने दिया है।

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