जर्मनी में हिजबुल्लाह से जुड़े गुटों पर कार्रवाई – जर्मन संसद में भी ज्यूविद्वेषी प्रदर्शनों की आलोचना

बर्लिन – धार्मिक अथवा मानवतावादी सहायता की आड़ में इस्रायलविरोधी आतंकवादी कारनामों के लिए निधि इकट्ठा करने वाले, हिजबुल्लाह से जुड़े तीन गुटों पर जर्मन सरकार ने पाबंदी लगाई। साथ ही, जर्मन पुलिस ने देश के अलग-अलग शहरों में की कार्रवाई में, हिजबुल्ला से जुड़े इन गुटों के स्थानों पर छापे मारे। जर्मनी में प्रदर्शनों के नाम पर ज्यूविद्वेषी नारेबाज़ी और कट्टरपंथी विचारों को बढ़ावा देना हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा जर्मन सरकार ने संसद में स्पष्ट किया।

Germany-Hezbollah-group-01-300x169जर्मन सरकार ने हिजबुल्लाह से जुड़े इन तीनों संगठनों पर पाबंदी लगाने का फैसला अप्रैल महीने में ही किया था। बुधवार को इस फैसले पर अमल किया गया। जर्मनी की पुलिस ने बुधवार को ‘जर्मन लेबनीज फॅमिली’, ‘पीपल फॉर पीस’ और ‘गिव्ह पीस’ इन तीन संगठनों पर कार्यवाही की। हॅम्बर्ग, ऱ्हाईन-वेस्टफेलिया, हेस और ऱ्हाईनलँड पॅलेटिनेट समेत सात स्थानों पर पुलिस ने छापे मारे। इन तीनों संगठनों के कार्यालय तथा उनके व्यवहारों को ताला लगाया गया।

‘आतंकवाद को समर्थन देनेवालों ने चाहे कोई भी स्वांग धारण किया, फिर भी वे जर्मनी में कभी भी सुरक्षित नहीं रह सकते। उन्हें जर्मनी में कायम परास्त ही होना पड़ेगा’, ऐसा जर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने कहा है। हिजबुल्लाह से जुड़े ये तीनों संगठन, धार्मिक अथवा मानवतावादी सहायता के लिए निधि जमा करने का दिखावा कर रहे थे। लेकिन दरअसल ये संगठन, हिजबुल्लाह के इस्रायलविरोधी कारनामों के लिए युवाओं को उकसाने का काम कर रहे थे, ऐसा आरोप जर्मनी ने किया है।

Germany-Hezbollah-groupजर्मनी ने पिछले साल हिजबुल्लाह के राजनीतिक तथा लष्करी, ऐसे दोनों संगठनों को आतंकवादी गुटों की सूची में समाविष्ट किया। उसी के साथ, जर्मनी में हिजबुल्लाह के कारनामों पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है। ईरान से जुड़े हिजबुल्लाह के जर्मनी में हज़ार से भी अधिक समर्थक होने का दावा किया जाता है। जर्मनी में हाल ही में आयोजित किए गए इस्रायलविरोधी प्रदर्शनों में भी हिजबुल्लाह के इन समर्थकों ने सहभाग लिया था। साथ ही, इस्रायल के विनाश के और ज्यूविद्वेषी नारे लगाये होने की खबर है ।

जर्मनी की संसद में निचली सभागृह में इन प्रदर्शनों की गूंजें सुनाई दीं हैं। इन प्रदर्शनों में सहभागी हुए ज्यूविद्वेषी प्रचारक, हिंसा उकसाने वाले प्रदर्शनकारी और गुनाहगारों पर तुरंत कार्रवाई करने की माँग जर्मन संसद में की गई है। विदेश मंत्री हैको मास ने इस माँग को अपना समर्थन घोषित किया। साथ ही, जर्मनी की सड़कों पर ज्यूविद्वेष को हरगिज स्थान नहीं दिया जाएगा, ऐसा विदेश मंत्री मास ने डटकर कहा।

साथ ही, हमास के रॉकेट हमलों को प्रत्युत्तर देने का इस्रायल को पूरा अधिकार है, ऐसा जर्मनी के विदेश मंत्री ने घोषित किया। वहीं, ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ (एएफडी) इस पार्टी के नेता अर्मिन-पॉल हॅम्पल ने, फिलिस्तीनियों को दी जानेवाली निधि बंद करने की माँग की। यही निधि आगे चलकर, इस्रायल पर हमले करनेवाले हमास के हाथ लग जाती है, ऐसा दोषारोपण उन्होंने किया।

इसी बीच, दो दिन पहले जर्मनी में संपन्न हुए इस्रायलविरोधी प्रदर्शनों पर स्थानीय इस्लामी समाज के कुछ नागरिकों ने आलोचना की है। ज्यूविद्वेष से भरे और आतंकवादी संगठनों का समर्थन करनेवाले प्रदर्शन गलत है, ऐसा इन नागरिकों ने कहा है। पिछले कुछ सालों में सिरिया और अन्य इस्लामी देशों से स्थानांतरित हुए लोग ये ज्यूविद्वेषी प्रदर्शन भड़का रहे हैं, ऐसी चिंता जर्मनी में बहुत पहले से निवास कर रहे इस्लामधर्मीय नागरिक व्यक्त कर रहे हैं। 

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