अमरीका के पीछे जर्मन नौसेना भी होगी लेज़र शस्त्रों से सज्जित

स्ट्युटगार्ट – सुपरसोनिक, हायपरसोनिक विमान या मिसाइलों से खतरे को ध्यान में रखकर जर्मनी ने अपनी नौसेना को लेज़र शस्त्रों से सज्जित करने की गतिविधियां शुरू की हैं। जर्मन विध्वंसक अगले वर्ष तक लेज़र शस्त्रों से सज्जित होगी, ऐसा दावा जर्मन नौसेना कर रही है। इससे पहले अमरीका ने अपने युद्धपोत एवं सेना की बख्तरबंद गाड़ियों को लेज़र शस्त्रों से सज्जित करने के लिए तेज़ी से कदम उठाए हैं।

german-navyजर्मनी की नौसेना ने ‘एमबीडीए जर्मनी’ और ‘ऱ्हिनमेटल वैफन म्युनिशन’ इन दो जर्मन कंपनियों को लेज़र शस्त्रों का निर्माण करने का ठेका प्रदान किया है। इनमें से ‘एमबीडीए’ शत्रू के विमान, मिसाइलों की खोज करने के साथ ही कमांड सिस्टम पर काम करेगी। इसके अलावा ‘ऱ्हिनमेटल’ कंपनी लेज़र वेपन स्टेशन, बीम गाइडन्स सिस्टम और अन्य सामान का निर्माण करेगी, यह तय हुआ है। जर्मन सरकार और नौसेना के बीच इस विषय पर बीते कुछ महीनों से चर्चा हो रही थी। संबंधित जर्मन कंपनियों से इससे संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही यह निर्णय किया गया है।

इस वर्ष के अन्त तक वर्णित लेज़र शस्त्रों का निर्माण और परीक्षण किया जाएगा। जर्मन नौसेना में हाल ही में कार्यान्वित हुई प्रगत ‘एफ-१२४ साशेन’ विध्वंसक पर इस लेज़र शस्त्र का परीक्षण करना तय हुआ है। ‘साशेन’ विध्वंसक विमान विरोधी मिसाइलों से सजित है और स्टेल्थ विमान एवं क्रूज मिसाइल नष्ट करने की क्षमता यह विध्वंसक रखती है, ऐसा दावा जर्मन नौसेना ने किया है। ऐसी स्थिति में यह विध्वंसक लेज़र शस्त्रों से सज्जित होने पर जर्मनी की नौसेना का सामर्थ्य काफी गुना बढ़ेगा, ऐसा दावा किया जा रहा है।

जर्मनी के रक्षाबल बीते पांच वर्षों से अतिप्रगत हवाई सुरक्षा यंत्रणा के निर्माण की माँग कर रहे हैं। वर्ष १९८० के दशक से तैनात अमरिकी ‘पैट्रियॉट’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा के लिए विकल्प ढ़ूँढ़ा जा रहा है। ऐसी स्थिति में जर्मनी विकसित कर रहे लेज़र शस्त्र इस हवाई सुरक्षा यंत्रणा के लिए अच्छा विकल्प साबित होंगे, ऐसा कहा जा रहा है। अमरीका ने भी अपने रक्षाबलों को लेज़र हथियारों से सज्जित करने की दिशा में कदम उठाए हैं।

german-navyअमरीका के लॉकहिड मार्टिन कंपनी ने कुछ हफ्ते पहले ही अमरिकी नौसेना के विध्वंसक के लिए लेज़र से सज्जित ‘हेलियॉस’ यंत्रणा की तैनाती करने का ऐलान किया था। अगले कुछ हफ्तों में अमरिकी विध्वंसक इस यंत्रणा से सज्जित होगी। इसके अलावा अमरीका अपनी सेना के लिए ५० किलोवाट मारक क्षमता की ‘स्ट्राइकर लेज़र’ यंत्रणा बख्तरबंद गाड़ियों पर तैनात करने की तैयारी में है। अमरीका ने ‘इंडो-पैसिफिक कमांड – इंडोपैक कमांड’ के युद्धपोत हायपरसोनिक, लेज़र एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स से सज्जित करने का लक्ष्य सामने रखा है।

इसके अलावा भारत, रशिया, चीन, जापान ने भी लेज़र यंत्रणा के निर्माण का काम शुरू किया है। रशिया ने बीते वर्ष ‘पर्सवेट’ नामक लेज़र यंत्रणा अपने लष्करी गाड़ी पर तैनात किए होने की खबरें प्रसिद्ध हुई थीं। इसी बीच भारत और चीन ने लेज़र यंत्रणा का परीक्षण किया है।

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