ईंधन की कीमतों में उछाल नहीं होगा – ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजन्सी’ का दावा

पैरिस – अमरीका की वित्तसंस्था बीते कुछ दिनों से ईंधन की कीमतों में बड़ा उछाल होने का अनुमान व्यक्त कर रही है। ईंधन के कीमतों को लेकर किए जा रहे यह बयान गुमराह करनेवाले होने का दावा ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजन्सी’ (आयईए) ने किया। बीते पांच महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में ८० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और नज़दिकी दिनों में यह कीमत प्रति बैरल १०० डॉलर्स तक जा पहुँच सकती है, यह अनुमान भी अमरिकी वित्तसंस्था और विश्‍लेषकों ने लगाया था।

‘इंटरनैशनल एनर्जी एजन्सी’चीन से शुरू हुई कोरोना की महामारी की वजह से बीते वर्ष के शुरू में वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति में गिरावट आई थी। कई देशों को ‘लॉकडाउन’ का ऐलान करना पड़ा था और इस वजह से प्रमुख उद्योगों के साथ रोज़मर्रा के कारोबार भी ठप हुए थे। इससे ईंधन क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुँचा था। मार्च २०२० में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल २३ डॉलर्स तक कम हुए थी। अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने यह कीमत १० डॉलर्स तक कम हो सकती है, यह इशारा भी दिया था।

‘इंटरनैशनल एनर्जी एजन्सी’

लेकिन, कुछ महीनें पहले कई देशों ने लॉकडाउन हटाकर रोज़मर्रा के कारोबार और उद्योगक्षेत्र को गति प्रदान करने का निर्णय किया था। इस वजह से कच्चे तेल की कीमतों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी थी। कीमतों में बढ़ोतरी होने के उद्देश्‍य से उत्पादन में कटौती करने का प्रस्ताव सौदी अरब और ‘ओपेक’ के कुछ सदस्यों ने रखा था। कटौती के लिए मंजूरी अभी नहीं मिली है, फिर भी बीते वर्ष शुरू की हुई कटौती बरकरार रखने के संकेत ओपेक और सहयोगी देशों ने दिए हैं।

‘इंटरनैशनल एनर्जी एजन्सी’

कच्चे तेल की माँग में बढ़ोतरी होते समय भी कटौती जारी रहने से ईंधन की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ने लगी थीं। फिलहाल ईंधन की कीमत प्रति बैरल ६७ डॉलर्स के स्तर पर है और अगले कुछ हफ्तों में यही कीमत बढ़कर ७५ डॉलर्स होने की संभावना है। कीमतों में हो रही इस बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि पर अमरिकी वित्तसंस्थाओं ने कच्चे तेल को लेकर अनुमान घोषित करनेवा्ली रपट जारी की। ऐसे में अगले वर्ष तक कच्चे तेल की कीमत उछलकर प्रति बैरल १०० डॉलर्स तक पहुँचेंगी, ऐसा कहा जा रहा है।

इस रपट पर ‘आयईए’ ने आपत्ति जताई है और इनमें दर्ज़ अनुमान और जानकारी गुमराह करनेवाली होने की बात कही है। विश्‍व के विभिन्न देशों द्वारा घोषित आर्थिक सहायता की वजह से माँग बढ़ेगी और आपूर्ति कम होने से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने का सिलसिला जारी रहेगा, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन, अलग अलग देशों में कच्चे तेल के आरक्षित भंड़ार बड़ी मात्रा में हैं और माँग की तुलना में र्इंधन की कमी निर्माण होने की संभावना नहीं है, ऐसा ‘आयईए’ ने कहा है।

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