‘ओपेक’ और सहयोगी देशों के बीच हुए समझौते के बाद ईंधन की दरों में ढाई प्रतिशत की गिरावट

opec-countries-oil-rates-1रियाध/दुबई/मॉस्को – ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक’ और ‘ओपेक प्लस’ इन गुटों के बीच हुई बैठक में ईंधन की सप्लाई बढ़ाने के समझौते पर एकमत हुआ है। दो हफ्ते पहले हुई बैठक के दौरान सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमिरात (युएई) के बीच विवाद चरम सीमा तक पहुँचने के कारण कोई भी समझौता हो नहीं पाया था। लेकिन दोनों देशों ने विवाद का हल निकालने के बाद यह समझौता हुआ बताया जाता है। इस समझौते के बाद ईंधन की दरों में लगभग ढाई प्रतिशत की गिरावट आई होकर, दरें ७१.५ डॉलर्स प्रति बॅरल तक नीचे आईं हैं।

ईंधन उत्पादक देशों की बैठक में हुए समझौते के अनुसार, अगस्त महीने से क्रूड ऑयल का उत्पादन प्रतिदिन ४ लाख बैरल्स से बढ़ाया जानेवाला है। सऊदी अरब और रशिया को प्रतिदिन एक लाख बैरल्स उत्पादन बढ़ाने की अनुमति दी गई है। युएईला प्रतिदिन २९ हजार बॅरल्स से उत्पादन बढ़ाने के लिए मान्यता मिली है। उसी समय कामा इंधन उत्पादन की कटौती के संदर्भ में ‘बेसलाईन’ में भी बदलाव किया गया है। युएई के साथ ही इराक और कुवैत इन दोनों देशों को भी उत्पादन का कोटा बढ़ाकर दिया गया है। समझौते की अवधि दिसंबर २०२२ तक रहने
वाली है।

opec-countries-oil-rates-3कोरोना महामारी के दौर में ईंधन की मांग घटने के कारण ‘ओपेक’ और ‘ओपेक प्लस’ सदस्य देशों ने ईंधन के उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया था। ईंधन के उत्पादन में लगभग एक करोड़ बैरल प्रतिदिन इतनी कटौती की गई थी। लेकिन अब ईंधन की मांग फिर से पहले जैसी हो रही है, इस कारण ईंधन उत्पादन देशों ने उत्पादन में वृद्धि करने की गतिविधियां शुरू की थी। उसी के एक भाग के रूप में इस महीने के पहले हफ्ते में ‘ओपेक’ की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में ईंधन उत्पादन बढ़ाने के संदर्भ में चर्चा हुई थी।

opec-countries-oil-rates-2बैठक में सऊदी अरब ने उत्पादन वृद्धि के संदर्भ में रखे प्रस्ताव का ‘युएई’ ने विरोध किया था। उत्पादन में वृद्धि करना हालांकि आवश्यक है, फिर भी युएई को कोटा बढ़ाकर देना चाहिए, ऐसी आग्रही भूमिका युएई ने अपना ही थी। लेकिन यूएई की मांग पूरी करने से सऊदी तथा अन्य देशों ने इनकार किया। सऊदी और युएई के बीच होनेवाले मतभेदों के कारण ‘ओपेक प्लस’ की बैठक रद्द कर दी गई थी। अब तक ओपेक ने किए अधिकांश फैसलों में सऊदी और युएई की एकजुट दिखाई दी थी। लेकिन इस समय पहली ही बार दोनों देशों के मतभेद सामने आने के कारण, यह बात ‘ओपेक’ में दरार निर्माण होने के संकेत साबित हो सकते हैं, ऐसा बताया जा रहा था।

लेकिन फिलहाल तो ये मतभेद दूर हुए हैं, ऐसा ‘ओपेक’ और सहयोगी देशों की बैठक में हुए समझौते से स्पष्ट हुआ है। ईंधन की सप्लाई के संदर्भ में हुए इस समझौते की गूंजें अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में सुनाई दीं हैं। ‘ब्रेंट क्रूड’ ईंधन की दरों में सोमवार को २.७ प्रतिशत की गिरावट आई होकर, दरें ७१.५८ डॉलर्स प्रति बॅरल तक गिर गईं हैं। अमरीका में क्रूड ऑयल की दरों में २.०६ डॉलर्स की गिरावट आई होकर, दरें ७० डॉलर्स प्रति बॅरल से नीचे आने की जानकारी सूत्रों ने दी। ईंधन के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी और दरों में गिरावट इस कारण जापान, भारत इन जैसे प्रमुख आयातदार देशों को राहत मिलने की संभावना विश्लेषकों ने ज़ाहिर की है। 

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