चरमपंथियों की वजह से फ्रान्स के टुकड़े-टुकड़े होंगे – पूर्व लष्करी अफसरों का राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन को इशारा

पैरिस – ‘फ्रान्स के सामने गंभीर संकट खड़ा हुआ है। चरमपंथियों से प्राप्त हो रही चुनौतियों की वजह से फ्रान्स के टुकड़े-टुकड़े हो जाएँगे। सेवानिवृत्त होने पर भी यदि फ्रान्स के लिए गृहयुद्ध का खतरा होता है तो हम शांत बैठ नहीं सकते’, ऐसे स्पष्ट शब्दों में फ्रान्स के पूर्व लष्करी अफसर निवृत्त जनरल ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन को इशारा दिया। देश को बचाने के लिए फ्रान्स की सरकार ज़रूरी कदम नहीं उठा रही है, यह अफसोस जतानेवाला खत इस पूर्व लष्करी अफसर ने प्रसिद्ध किया है। फ्रान्स की सुरक्षा के लिए आवश्‍यक उचित निर्णय यदि फ्रान्स की सरकार करती है तो राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की सरकार को हमारा समर्थन रहेगा, यह बात भी इस पूर्व लष्करी अफसर ने स्पष्ट की है। फ्रान्स के दक्षिणपंथी विचारधारा के गुट की नेता मरिन ली पेन ने इस खत का स्वागत किया है और इसी बीच रक्षामंत्री फ्लॉरेन्स पर्ली ने इस खत की कड़ी आलोचना की है।

france-extremistsफ्रान्स में चरमपंथियों का बढ़ता प्रभाव काफी बड़ी चिंता का मुद्दा बना होने का बयान इस देश के दक्षिणपंथी गुट के नेता और निरपेक्ष निरीक्षक भी बड़ी स्पष्टता से कर रहे हैं। इस ओर लंबे समय तक अनदेखा करके इस मुद्दे पर पुख्ता निर्णय करने से इन्कार कर रहे राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन पर दक्षिणपंथी गुट कड़ी आलोचना कर रहे हैं। इसी बीच, दूसरी ओर फ्रान्स के उदारतावादी गुट पुख्ता विरोधी भूमिका अपना रहे हैं। राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन से फ्रान्स के उदारतावादी नीति के लिए खतरा होने का बयान यह लोग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में फ्रान्स के पूर्व लष्करी अफसरों ने राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन को देश के भविष्य को लेकर गंभीर चिंता जतानेवाला लिखा खत प्रसिद्ध किया है।

जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए करीबन २० अफसरों ने इस खत पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही इस खत पर फ्रान्स की सेना के कनिष्ठ पद से निवृत्त हुए करीबन हज़ार अफसरों ने इस खत पर हस्ताक्षर किए हैं। इस वजह से वर्णित खत को लेकर काफी चर्चा हो रही है। फ्रान्स में चरमपंथी विचारधारा तेज़ी से फैल रही है और देश के उपनगरों में संविधान को चुनौती प्राप्त हो रही है। फ्रान्स में चरमपंथ का ज़हर काफी मात्रा में फैल रहा हैं। ऐसे में कुछ भी किए बगैर यदि हम शांत बैठे रहे तो स्थिति काफी बिगड़ सकती है और इससे बड़ा विस्फोट होगा। इससे फ्रान्स के टुकड़े-टुकड़े हो जाएँगे। देश के सामने यह संकट होते हुए हम सेवा निवृत्त सैनिक शांत नहीं बैठ सकते। फ्रान्स की सुरक्षा का काम ठीक से करना संभव नहीं होता है तो बागड़ोर सेना के हाथों में सौंप दें, ऐसी माँग इस खत में की गई है।

लेकिन, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष देश की सुरक्षा के लिए आवश्‍यक कदम उठाने के लिए तैयार होते हैं तो इसके लिए पूरा सहयोग करने के लिए हम तैयार हैं, यह बात इस खत में फ्रान्स के पूर्व लष्करी अफसरों ने स्पष्ट की है। फ्रान्स के दक्षिणपंथी विचारधारा की नेता मरिन ली पेन ने पूर्व लष्करी अफसरों ने जताई चिंता हम समझ सकते हैं, ऐसा कहकर इस खत का स्वागत किया। हम देश के लिए शुरू कर रहे जंग में पूर्व लष्करी अफसर शामिल हों, ऐसा आवाहन भी मरिन ली पेन ने किया है।

मरिन ली पेन फ्रान्स को चरमपंथ से काफी बड़ा खतरा होने का इशारा लगातार देती रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर पूर्व लष्करी अफसरों ने जताई चिंता उनकी सियासी भूमिका से मेल खानेवाली साबित होती है। लेकिन, पेन की भूमिका पर फ्रान्स के रक्षा मंत्री फ्लॉरेन्स पर्ली ने कड़ी आलोचना की है। यह पूर्व अधिकारी अब फ्रेंच सेना का अंग नहीं हैं। इस वजह से इस खत में रखे गए विचार इन अफसरों के निजी स्तर तक ही सीमित हैं। लेकिन, निरपेक्षता और निष्ठा इन दो बुनियादों पर ही किसी भी देश की सेना कार्यरत रहती है। मरिन ली पेन ने किया आवाहन गैरज़िम्मेदाराना है और उन्होंने सेना से संबंधित बातें उनकी समझ में ना आने की बात दिखाई है, ऐसी आलोचना रक्षामंत्री पर्ली ने की है।

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