‘एफपीआय’ द्वारा शेअर बाज़ार में ४ दिनों में ८ हज़ार करोड़ का निवेश

शेअर बाज़ारनई दिल्ली – भारत में कोरोना के नए मामलों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है और उद्योगों के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाज़ार में अपना निवेश बढ़ाने का चित्र दिखाई दे रहा है। भारतीय शेअर बाज़ार में जून महीने के पहले चार दिनों के दौरान ‘फॉरेन पोर्टफोलिओ इनवेस्टर्स’ (एफपीआय) यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने ८ हज़ार करोड़ रुपयों का निवेश किया है। साथ ही मौजूदा आर्थिक वर्ष के पहले तीन महीनों में ‘एफपीआय’ ने अब तक भारतीय शेअर बाज़ार में ५५,७४१ करोड़ से अधिक रुपयों का निवेश करने की जानकारी प्राप्त हो रही है।

कोरोना के संकट के बावजूद विदेशी निवेशक भारतीय बाज़ार पर लगातार भरोसा दिखा रहे हैं। इस वर्ष विश्‍व में सबसे अधिक गति से विकास करनेवाली अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत की ओर देखा जा रहा है। भारत का विकास दर चीन से कहीं अधिक होगा, यह अनुमान जताया जा रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था का विकास दर १२ प्रतिशत से अधिक होगा, यह अनुमान अंतरराष्ट्रीय पतमानांकन संस्थाओं ने पहले ही व्यक्त किया था। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर के बाद इस अनुमान में सुधार करके यह विकास दर १० से ११ प्रतिशत होगा, यह कहा गया था। फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था दो आँकड़ों का विकास दर प्राप्त करने में सफल होगी, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।

भारत के उत्पादन दर में हाल ही में बढ़ोतरी होने की एवं निर्यात बढ़कर भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार बढ़कर ६०० अरब डॉलर्स से अधिक होने की रपट प्रसिद्ध हुई थी। इसके बाद अब ‘एफपीआय’ के निवेश से भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर निवेशकों का भरोसा होने की बात दिखाई दे रही है।

शेअर बाज़ार‘एफपीआय’ ने १ से ४ जून तक के चार दिनों में भारतीय पूंजी बाज़ार में ७,९६८ करोड़ रुपयों का निवेश किया है। इसके अलावा भारतीय बांड़ में २२ करोड़ रुपयों का निवेश किया गया है। बीते वर्ष कोरोना की पहली लहर के दौरान देशभर में लॉकडाउन होने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर विपरित असर हुआ था। सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विश्‍व की सभी अर्थव्यवस्थाएं इस संकट का सामना कर रही थीं। उस दौर में ‘एफपीआय’ ने भारतीय बाज़ार में निवेश कम किया था। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाज़ार से अपना निवेश हटाया था। लेकिन, अक्तुबर २०२० में स्थिति फिर से सामान्य होने लगी और ‘एफपीआय’ ने भारतीय बाज़ार में निवेश बढ़ाना शुरू किया। अक्तुबर २०२० से मार्च २०२१ के दौरान ‘एफपीआय’ ने भारतीय शेअर बाज़ार में १.९७ लाख करोड़ रुपयों का निवेश किया। मार्च से देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई। लेकिन, इसके बावजूद विदेशी निवेश का यह प्रवाह रुका नहीं है। २०२१-२२ के आर्थिक वर्ष के पहले तीन महीनों में ही ‘एफपीआय’ ने भारतीय शेअर बाज़ार में ५५,७४१ करोड़ रुपयों का निवेश करने की जानकारी प्रदान हुई है। भारत में टीकाकरण बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था कोरोना की दूसरी लहर से बाहर निकलकर सामान्य होगी, इसके साथ ही ‘एफपीआय’ भारतीय बाज़ार में अधिक मात्रा में निवेश करेंगे, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।

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