म्यांमार की सेना की क्रूर कार्रवाई के बाद ४० शव बरामद – संयुक्त राष्ट्र संगठन में म्यांमार के राजदूत का दावा

म्यांमार की सेनानेप्यितौ/संयुक्त राष्ट्र – म्यांमार की सेना ने सागैंग क्षेत्र में कार्रवाई करने के बाद लगभग ४० लोगों के शव बरामद होने की जानकारी म्यांमार के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र संगठन के सामने रखी है। यह घटना म्यांमार की सेना की मानवता के खिलाफ गुनाहों की ओर ध्यान आकर्षित करनेवाली होने का दावा म्यांमार के राजदूत क्याव मोए तून ने संयुक्त राष्ट्र संगठन में किया। म्यांमार की जुंटा हुकूमत के विरोध में संघर्ष कर रहे विद्रोही गुटों ने भी इस घटना की पुष्टि की है।

संयुक्त राष्ट्र संगठन में नियुक्त म्यांमार के राजदूत क्याव मोए तून ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस को खत लिखा है। इस खत में उन्होंने म्यांमार की सेना की क्रूरता से कार्रवाई की जानकारी साझा की है। ‘म्यांमार की सेना क्रूरता से दमननीति, हत्या और बेगुनाह नागरिकों की गिरफ्तारी का सिलसिला चला रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मानवता के प्रति तुरंत दखलअंदाज़ी करने की आवश्‍यकता है। ऐसा नहीं हुआ तो स्थिति काफी बिगड़ेगी’, यह तून ने इस खत में कहा है।

म्यांमार की सेनाइसी खत में उन्होंने सागैंग क्षेत्र के कानी शहर के करीब सेना ने की हुई कार्रवाई की जानकारी साझा की है। जुलाई में सेना ने विद्रोही गुटों के खिलाफ बड़ी संख्या में हवाई हमले एवं अन्य कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के बाद कानी के करीबी जंगल में लगभग ४० शव बरामद हुए हैं। इन शवों के शरीर पर प्रचंड़ प्रताड़ना होने के निशान भी देखे गए हैं, ऐसा म्यांमार के राजदूत ने कहा। सेना के साथ ही सेना का समर्थन प्राप्त गुट इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हत्या कर रहा है और सामान्य जनता को लूट रहे हैं, यह आरोप भी तून ने लगाया।

फ़रवरी में म्यांमार की सेना ने विद्रोह करके सत्ता हथियाई थी। सेना के इस निर्णय का विरोध करने के लिए म्यांमार की जनता ने सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन शुरू किए थे। सेना की क्रूर कार्रवाई और भीषण अत्याचारों के बाद भी म्यांमार की जनता प्रदर्शनों से पीछे नहीं हटी है। लगभग छह महीनों बाद भी इन प्रदर्शनों की तीव्रता कायम होने की बात दिखाई दे रही है और कई हिस्सों में जुंटा हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं।

इसी बीच, आग्नेय एशियाई देशों के ‘आसियान’ गुट ने म्यांमार के मुद्दे पर स्वतंत्र दूत की नियुक्ती करने का ऐलान किया है। अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने इस निर्णय का स्वागत किया है और आसियान गुट अधिक सक्रिय भूमिका अपनाए, यह आवाहन भी किया है।

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