तीनों रक्षादलों के समावेश के साथ ‘स्पेशल ऑपरेशन्स डिव्हिजन’ का गठन

नई दिल्ली – तीनों रक्षा दलों के समावेश से जल्द ही नए संयुक्त विभाग का गठन किया जाएगा| देश की सुरक्षा विषयी जरूरतें ध्यान में रखकर इस विभाग का गठन हो रहा है और यह विभाग काफी संवेदनशील मुहीम कामयाब करने के लिए काम करेगा| इस विभाग का नेतृत्व सेना के मेजर जनरल ए.के.धिंग्रा के हाथ सौप दिया गया है|

उरी में वर्ष २०१६ में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राईक किया था| वही, पुलवामा में सीआरपीएप के काफिले पर पहुए हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने ‘बालाकोट’ में ‘जैश’ के ठिकाने को लक्ष्य किया| इन दोनों कार्रवाईयों से भारत के पारंपरिक सुरक्षा संबंधी नीति में बदलाव होने की बात स्पष्ट हुई| इसके आगे भारत आतंकी हमलें बर्दाश्त नही करेगा| साथ ही बचाव की नीति छोडकर इसके आगे आतंकियों के ठिकानों पर हमलें होंगे, ऐसा भारतीय रक्षा दलों के साथ सियासी नेताओं ने भी घोषित किया था|

इस पृष्ठभूमि पर लष्कर, नौसेना और वायुसेना के संयुक्त विभाग की जरूरत बनी थी| इसके नुसार भारत के तीनों रक्षा दलों को शामिल करके ‘स्पेशल ऑपरेशन्स डिव्हीजन’ (एसओडी) का गठन हो रहा है| इसमें भारतीय सेना के ‘पॅरा स्पेशल फोर्स’, नौसेना के ‘मार्कोस’ (मरिन कमांडोज) और वायुसेना के ‘गरूडा’ सैनिकों का समावेश रहेगा| इसके तहेत करीबन ३ हजार सैनिकों का विशेष पथक बनाया जा रहा है और इश पथक का मुख्यालय आग्रा में रहेगा|

इस पथक को आधुनिक लष्करी प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें अत्याधुनिक हथियार दिए जाएंगे| शत्रु देश में काफी अंदर घुंसकर कार्रवाई करने की क्षमता यह पथक रखेगा| इसके लिए इस पथक के सैनिकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, यह कहा जा रहा है| वर्तमान में इस पथक के प्रमुख मेजर जनरल ए.के.धिंग्रा की नियुक्ती की गई है| कर्नल पद का अधिकारी उन्हें सहायता करेंगे, यह जानकारी प्राप्त हो रही है|

‘मेजर जनरल धिंग्रा’ सेना की ‘१ पॅरा स्पेशल फोर्सेस रेजिमेंट’ के सदस्य रहे है| उन्होंने अमरिका में विशेष प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है,यह कहा जा रहा है| लेकिन, अभीतक इस बारे में ज्यादा जानकारी उजागर नही हुई है| फिर भी इस दौरान भारत के नीति में हुए आक्रामक बदलाव रेखांकित हुए है|

खास तौर पर पाकिस्तान ने भारत के विरोध में आतंकवाद का इस्तेमाल हथियारों की तरह करने की नीति कायम रखने से, उस पर जवाब देने के लिए भारत ने इस स्वरूप का विशेष पथक तैयार करने की जरूरत होने का दावा सामरिक विशेषज्ञ कर रहे थे|

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